हरिद्वार। नगर निगम हरिद्वार के पूर्व एमएनए वरुण चौधरी पर 58 करोड़ रुपये की 35 बीघा जमीन खरीदकर नगर निगम को भारी चूना लगाने का आरोप लगा है। यह जमीन सराय के पीछे खरीदी गई थी, जिसका मूल्य वास्तविकता में 10 करोड़ रुपये से भी कम था। नगर निगम की मेयर किरण जैसल ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं और शासन को भी सूचित किया गया है। नगर निगम ने कोर्ट जाने की भी तैयारी शुरू कर दी है।
वरुण चौधरी ने रजिस्ट्री के सर्किल रेट का लाभ उठाकर खेल कर दिया। सराय के पीछे जिस 35 बीघा कबाड़ जमीन को 58 करोड़ में खरीदा गया। वास्तव में इस जमीन की कीमत दस करोड़ भी नहीं है। क्योंकि इस जमीन के समीप ही नगर निगम शहर से एकत्र कूड़े को डलवाता है। प्रस्ताव बनाया गया कि कूड़ा डालने के लिये ज्यादा जमीन की आवश्यकता है। फिर आनन फानन में इस बेकार पड़ी 35 बीघा जमीन को 58 करोड़ में खरीद लिया गया। जनपद में ज्यादातर जमीन ऐसी हैं, जिसके सर्किल रेट अधिक है और मार्केट वेल्यू कम है। यही कारण है की जमीनों की रजिस्ट्री होने में कमी आई है।
इसी सर्किल रेट का फायदा यहां उठाते हुए एमएनए वरूण चौधरी ने खेल कर दिया। आज भी यदि इस 35 बीघा जमीन को बेचा जाय तो कोई इसके दस करोड़ भी नहीं देगा। नवम्बर 2024 में सुमन देवी, जितेंद्र कुमार व धनपाल निवासी सराय से ये भूमि खरीदी गई। सुमन देवी को 18 करोड़ 16 लाख, जितेंद्र को 26 करोड़ व धनपाल को 6 करोड़ 27 लाख रु की पेमेंट नगर निगम की तरफ से की गई, लेकिन ऐसा भी नहीं की यदि न्यायालय इस प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुए जमीन मालिकाें, जिनको जमीन की एवज में 58 करोड़ का भुगतान किया गया यदि उसके खाते की जांच हो जाये तो पूरा खेल खुल सकता है।
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