
अररिया। अनाथ बच्चों के मदद के नाम पर सीमांचल में काम कर रही अंतर्राष्ट्रीय युवा विकास फाउंडेशन ने वित्तीय प्रलोभन देकर करोड़ों की राशि की ठगी की है। अंतर्राष्ट्रीय युवा विकास फाउंडेशन ने पहले भारतीय युवा विकास फाउंडेशन के नाम पर अनाथ बच्चों के मदद और शैक्षिक बढ़ावा देने के नाम पर सीमांचल के लोगों को संस्था से जोड़ा और फिर उसके बाद वित्तीय निवेश को लेकर वेल्थ ऑन गो नामक एप्प लॉन्च कर स्वयंसेवकों को एक मंच के रूप में पेश कर निवेश को प्रोत्साहित किया। निश्चित अवधि में निवेश की राशि परिपक्व होने पर उत्पादों को खरीदकर आय अर्जित करने का प्रलोभन देकर करोड़ों रुपयों की ठगी कर ली।वेल्थ ऑन गो एप्प में पहले छोटा निवेश कराया और फिर प्रलोभन देकर भोले भाले लोगों से बड़ा निवेश कराकर ठगी करने का मामला सामने आ रहा है। मामले को लेकर जिले के नरपतगंज निवासी मो. ग्यास और चांदनी कुमारी ने वरीय पुलिस अधिकारियों के साथ साइबर थाना में मामला दर्ज कराया है।जिसमें मो. ग्यास ने आईवीएडीएफ के द्वारा 18 लाख 34 हजार 934 रूपये और चांदनी कुमारी ने 11 लाख 93 हजार 540 रूपये की ठगी उनसे होने की बात कही है।
मो. ग्यास ने मामले में अंतर्राष्ट्रीय युवा विकास फाउंडेशन के डायरेक्टर पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना न्यू टाऊन, हटियारा निवासी निदेशक विवेक राजा अविल,प्रवीण कुमार,राजेश वर्मा,विष्णु,तमरे कानी और हसीना के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराया है।संस्था द्वारा 20 करोड़ से अधिक की ठगी करने की आशंका जाहिर की है मो. ग्यास के द्वारा दर्ज कराए गए कांड में बताया गया है कि भारतीय युवा विकास फाउंडेशन नामक गैर सरकारी संगठन का एफसीआरए से पंजीकृत होने का दावा किया गया था। जिसमें उन्होंने भारत में गरीब भोलानाथ बच्चों के लिए काम करने की बात कही थी।
मो. ग्यास ने जेवियर आर्टिज नामक एक शख्स को सिंगापुर में रहने वाला बताते हुए उसे अन्तर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षक होने की बात करते हुए उनसे मुलाकात करवाने की बात कही थी।जिसमें उन्होंने एनजीओ की पृष्ठभूमि को बताया।आईवाईडीएफ के मिशन के रूप में अनाथ बच्चों के मदद करना करार दिया था। अनाथ बच्चों के मदद के लिए शैक्षिक सहायता दान में भाग लेने को प्रोत्साहित किया गया।जिसके तहत मो. ग्यास ने तीन से चार अनाथालयों से समन्वय स्थापित कर शैक्षिक कीट और सहायता प्रदान करने की जानकारी दी।
वित्तीय निवेश को लेकर कोलकाता में कार्यालय की बात कह वेल्थ ऑन गो नामक एप्प लॉन्च कर स्वयंसेवकों को निवेश के लिए प्रोत्साहित किया गया।जिसके तहत स्वयंसेवकों को जोड़कर निवेश करवाने के साथ खुद के द्वारा लाखों रूपये निवेश करने की बात कही। आवेदन में संस्था द्वारा क्षेत्रीय व्हाट्सएप ग्रुप तैयार कर बड़ी मात्रा में देश के अलग अलग हिस्सों में निवेश कराने की बात कही।बाद में संस्था द्वारा धोखाधड़ी करने के मामले सामने आने पर निवेश खाते को फ्रिज हो जाने और संस्था के सदस्यों के सभी भारतीय नंबर वाले मोबाइल के निष्क्रिय हो जाने की बात कही गई है। मामले में साइबर डीएसपी राजिया सुल्ताना ने कांड अंकित होने की बात करते हुए निवेशकों के खाते को तत्काल फ्रिज कराने और मामले की तफ्तीश किए जाने की बात कही।
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