बिलासपुर। पत्रकारिता संरक्षण एवं छत्तीसगढ़ में पत्रकार सुरक्षा विधेयक में संसोधन को लेकर 2 नवंबर को बिलासपुर में 'अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति' छत्तीसगढ़ के तत्वाधान में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया था।
छत्तीसगढ़ ही नहीं देश में पत्रकारिता को संरक्षण के साथ स्वतंत्र पत्रकारिता को लेकर संगोष्ठी में वरिष्ठ पत्रकार एवं कार्यक्रम के मुख्य वक्ता शीतल पी. सिंह (दिल्ली), सुनील सिंह बघेल (भोपाल), विश्ववेश ठाकरे एवं मुख्य अतिथि के रूप में शंकर पांडेय, विशिष्ट अतिथि के रूप में दै. मुंबई हलचल के संपादक दिलशाद एस. खान (महाराष्ट्र), हर हर शंभू (उड़ीसा) जमील खान (मध्य प्रदेश) दिलीप यादव (बिलासपुर प्रेस क्लब अध्यक्ष), सुनील सिंह (उत्तरप्रदेश), रईस खान (राजस्थान), श्री सदानद (गोवा), अजय प्रताप सिंह (स्र२२ अध्यक्ष उत्तर प्रदेश ), मयूर दान गंड़वी (गुजरात अध्यक्ष स्र२२) सरोज जोशी (महाराष्ट्र), गोपाल सिंह (उत्तर प्रदेश), संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जिग्नेश कालावाडिया समेत कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
वरिष्ठ पत्रकार शीतल पी. सिंह ने अपने उदबोधन में कहा कि देश के तीन प्रदेश में ये विधेयक लागू हुआ है, जिसमें सभी प्रदेश में अलग-अलग हुआ। जिसमें सबसे अच्छा तो नहीं कह सकते लेकिन ठीक-ठाक कहने में तमिलनाडु है। उसके बाद दूसरे नंबर में महाराष्ट्र और सबसे कमजोर सुरक्षा कानून छत्तीसगढ़ का है। जिसका संसोधन होना बहुत जरूरी है। इसलिए छत्तीसगढ़ में पत्रकारों को काफी दिक्कतो का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि अगला सुरक्षा कानून विधेयक केरल में बनने जा रहा और उम्मीद है कि वहां पत्रकार कानून का विधेयक सबसे अच्छा बनेगा।
वहीं, सुनील सिंह बघेल (भोपाल) एवं विश्ववेश ठाकरे (रायपुर) ने कहा कि इस समय देश में पत्रकारिता बहुत बुरे दौर से गुजर रही हैं जिसका संरक्षण हमें ही करना हैं और हम सभी एकता के साथ रहेंगे तो हमें किसी संरक्षण की जरूरत नहीं पड़ेगी।
राष्ट्रीय अध्यक्ष जिग्नेश कालावाडिया ने बताया कि हमारा संगठन देश के कई राज्यों में कार्य कर रहा हैं और हमारे संगठन का एकमात्र उदेश्य है कि पूरे देश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिलासपुर का अधिवेशन बता रहा हैं इतनी बड़ी तादात में पत्रकार एकत्रित हुए हैं कि सुरक्षा कानून विधेयक में संसोधन कि ज्यादा आवश्यकता है और सरकार को इसमें बदलाव करना ही पडेगा।
अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राकेश प्रताप सिंह परिहार, नितिन सिन्हा, दै. मुंबई हलचल के संपादक दिलशाद एस. खान, राष्ट्रीय महासचिव महफूज खान, रत्नाकर त्रिपाठी, राष्ट्रीय सचिव सुनील चौधरी ने भी संगोष्ठी को संबोधित करते हुए पत्रकारिता के संरक्षण पर जोर दिया।
प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द शर्मा ने अपने उदबोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ में जो सुरक्षा कानून विधेयक बना है उसमे पत्रकारों की सुरक्षा कम, सरकार ने अपनी और अधिकारियों कि सुरक्षा का ध्यान ज्यादा दिया हैं और उसमें सुधार की ज्यादा आवश्यकता है, जिसकी मांग अपने मंच के माध्यम से हम सब सरकार तक पहुंचा रहे हैं और यदि सरकार इसे गंभीरता से नहीं लेगी तो प्रदेश के पत्रकारों को आंदोलन भी करना आता हैं।
अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति बिलासपुर में हुए इस राष्ट्रीय अधिवेशन में देश एवं प्रदेश के समस्त जिलों, ब्लॉकों से सैकड़ों की संख्या में पत्रकारों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
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