राजस्थान में पानी की किल्लत से जूझते इलाकों के लिए एक अनोखा और तकनीकी प्रयोग होने जा रहा है। जयपुर के रामगढ़ बांध क्षेत्र में मंगलवार यानी आज ड्रोन की मदद से कृत्रिम बारिश करवाई जाएगी। इस पहल में सरकार के साथ एक निजी कंपनी सहयोग कर रही है। कंपनी का दावा है कि देश में पहली बार इतने छोटे दायरे में ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल करके कृत्रिम वर्षा का प्रयोग किया जा रहा है।
कृषि मंत्री करेंगे शुभारंभकृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा मंगलवार दोपहर 2 बजे इस प्रयोग की औपचारिक शुरुआत करेंगे। कार्यक्रम के दौरान ड्रोन के जरिए बादलों में विशेष रसायनों का छिड़काव किया जाएगा, जिससे वर्षा की संभावना बढ़ेगी। अधिकारी बताते हैं कि यह तकनीक मौसम विज्ञान और जल प्रबंधन में एक नई दिशा दे सकती है।
देश में पहला छोटा पैमाने का प्रयोगनिजी कंपनी के प्रतिनिधियों के अनुसार, अब तक कृत्रिम बारिश के लिए बड़े विमानों का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन यह पहली बार है जब ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है और वह भी सीमित इलाके में। उनका मानना है कि यह तकनीक सस्ती, तेज और अधिक लचीली है, जिससे छोटे जलस्रोतों और सूखे क्षेत्रों में जल्दी राहत पहुंचाई जा सकती है।
रामगढ़ बांध का महत्वरामगढ़ बांध कभी जयपुर शहर की प्रमुख पेयजल आपूर्ति का स्रोत था, लेकिन पिछले कई वर्षों से यह पूरी तरह सूखा पड़ा है। इस कृत्रिम वर्षा प्रयोग का उद्देश्य बांध में पानी की आवक बढ़ाना और आस-पास के भूजल स्तर को सुधारना है। ग्रामीणों और स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि अगर प्रयोग सफल होता है, तो यह जल संकट कम करने में मददगार साबित होगा।
भविष्य की संभावनाएंविशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह तकनीक कारगर साबित होती है, तो राजस्थान जैसे शुष्क और अर्ध-शुष्क राज्यों में इसका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे खेती-किसानी को भी बड़ा फायदा मिलेगा, खासकर उन इलाकों में जहां समय पर बारिश न होने से फसलें बर्बाद हो जाती हैं।
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