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पटना के अस्पताल में चूहे ने मरीज़ के पैर की उंगलियों को कुतरा, सुपरिटेंडेंट ने कहा-चूहे तो हर जगह हैं

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Shahnawaz एनएमसीएच में इलाज करा रहे अवधेश प्रसाद के पैर की उंगलियों को चूहे ने कुतरा

बिहार की राजधानी पटना के सरकारी अस्पताल नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एनएमसीएच) का एक मामला सामने आया है, जिसमें एक मरीज़ के पांव की उंगलियों को चूहों ने कुतर लिया.

55 साल के अवधेश प्रसाद नालंदा के रहने वाले हैं और वो दिल्ली में रहकर मज़दूरी किया करते थे. अवधेश मधुमेह के मरीज़ हैं और अपने टूटे हुए दाएं पांव का इलाज कराने वो पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल आए थे.

इस घटना के बाद उनकी कुतरी हुई उंगलियों का भी इलाज हो रहा है और रोज़ाना इनकी ड्रेसिंग की जा रही है.

पटना के अगमकुआं इलाक़े में स्थित एनएमसीएच के हड्डी वार्ड में भर्ती अवधेश प्रसाद की पहचान इस आधार पर होने लगी है कि उनके पांव की उंगलियों को चूहे ने कुतर लिया है.

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क्या है पूरा मामला? image Shahnawaz अवधेश प्रसाद की पत्नी शीला देवी

क़रीब चार साल पहले अवधेश को बाएं पांव में घाव हो गया था, जिसकी वजह से उनका बायां पांव काटना पड़ा था.

अवधेश प्रसाद ने बीबीसी हिंदी को बताया, "17 मई की रात मुझे बुख़ार था जिसके बाद मुझे पानी चढ़ाया गया. दो बजे रात तक मेरा बुख़ार उतर गया. उसके बाद हम सो गए, लेकिन अचानक मुझे महसूस हुआ कि मेरे सीने पर कुछ चढ़ा है. मैंने देखा तो वो चूहा था. मेरा पांव और बिस्तर खून से लथपथ था. मैने बगल में अपनी बीबी को उठाया तो वो रोने लगी. मैं भी उसके साथ रोने लगा. बाद में हम लोगों ने डॉक्टर को बताया तो उन्होंने दवा देकर ड्रेसिंग की."

अवधेश प्रसाद की पत्नी शीला देवी बताती हैं, "हम इनका टूटा पैर ठीक कराने आए थे. ऑपेरशन को पंद्रह दिन हो गए हैं. एक पैर कटने के बाद ये विकलांग हो गए हैं और कोई काम नहीं कर पाते. सरकार को हम लोगों की मदद करनी चाहिए."

चूहे तो सभी जगह हैं: अस्पताल सुपरिटेंडेंट image Shahnawaz एनएमसीएच सुपरिटेंडेंट रश्मि प्रसाद का कहना है कि उन्हें घटना की जानकारी अखबारों से मिली

बीबीसी ने इस मामले पर एनएमसीएच सुपरिटेंडेंट रश्मि प्रसाद से बात की. उन्होंने बताया कि उन्हें और हड्डी रोग के विभागाध्यक्ष को इस मामले की जानकारी 19 मई की सुबह अख़बार के ज़रिए मिली.

रश्मि प्रसाद ने बताया, "हम लोगों ने इस घटना पर तुरंत एक्शन लेते हुए जांच कमिटी गठित की. मीटिंग के बाद जो भी जाली, नाला खुला है, उसको ठीक करने का आदेश दिया है. यानी पेस्ट कंट्रोल करवाया जा रहा है. इसके अलावा साफ़ सफ़ाई से जुड़े संबंधित कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है."

क्या चूहे की वजह से ये घटना घटी, इस सवाल पर रश्मि प्रसाद स्पष्ट जवाब नहीं देती हैं.

वो कहती हैं, "चूहे तो सभी जगह हैं. अस्पताल में मरीज़ और उनके परिजन यहां वहां खाना गिराते रहते हैं, इससे चूहे आकर्षित होते हैं. हालांकि ये घटना चूहे के चलते हुई है या नहीं हुई है, मैं इसे सौ फ़ीसदी कंफ़र्म नहीं कर सकती."

लेकिन हड्डी रोग विभाग के एक सीनियर डॉक्टर ने बीबीसी से इस बात की तस्दीक की है कि मरीज़ के पांव की उंगलियां चूहे ने कुतर दी हैं.

वो कहते हैं, "मरीज़ के पांव में पट्टी बंधी हुई थी. भला पट्टी खोलकर उंगली कौन काटेगा. फ़िर चूहे सभी जगह दौड़ते रहते हैं. कोई ऐसी जगह नहीं है जहां चूहे नहीं है. ऐसे में मरीज़ के दावे पर संदेह की कोई वजह नहीं दिखती."

आख़िर मरीज़ को मालूम क्यों नहीं चला? image Shahnawaz एनएमसीएच के पीछे बहता सैदपुर पहाड़ी नाला

चूहे के कुतरने के बाद मरीज़ ने पांव की जो तस्वीर देखी उसमें उनके दाएं पांव के अंगूठे सहित सभी उंगलियों का एक तरफ़ का हिस्सा लहूलुहान नज़र आया

ऐसे में ये सवाल ये भी है कि आख़िर जब चूहे ने मरीज़ का पांव कुतरना शुरू किया तो उन्हें मालूम क्यों नहीं चला?

दरअसल अवधेश प्रसाद डायबिटिक न्यूरोपैथी से ग्रसित है. जिसका सबसे ज्यादा असर पांव पर पड़ता है.

पटना स्थित हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अंकित कुमार बताते हैं, "डायबिटिक न्यूरोपैथी में अलग अलग स्टेज़ हैं. इसमें एक स्टेज ऐसी भी आती है जब मरीज़ के पांव में सेन्सेशन ख़त्म हो जाता है. यानी पांव में कुछ भी हो, उसे अनुभव नहीं होगा."

परेशानी चूहे से, बांटी गई मच्छरदानी image Shahnawaz घटना के बाद अस्पताल से मिली मच्छरदानी दिखातीं एक मरीज़ की परिजन

चूहे के कुतरने की इस घटना के बाद अस्पताल प्रशासन ने बिहार मेडिकल सर्विसेज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीएमएसआईसीएल) को अस्पताल में पेस्ट कंट्रोल के लिए पत्र लिखा है.

अस्पताल के मरीज़ों के मुताबिक़ इस घटना के बाद मरीज़ो को मच्छरदानी बांटी गई है.

एनएमसीएच में हड्डी विभाग में इलाज़रत देव नारायण प्रसाद बताते हैं, "यहां के चूहे बहुत ख़तरनाक हैं, कभी भी बेड पर चढ़ जाता है. दूसरे मरीज़ को चूहा काटने के बाद मच्छरदानी बांटी गई है लेकिन मच्छरदानी को दीवार में बांधने का कोई इंतज़ाम नहीं है."

देव नारायण प्रसाद के बगल में बैठी उनकी पत्नी एक सीलबंद पैकेट खोल कर उसमें रखी मच्छरदानी दिखाती हैं. वो कहती हैं, " बताइए असल समस्या तो चूहा है और क्या चूहा मच्छरदानी नहीं काट देगा."

चूहे से लोगों की परेशानी इस क़दर है कि लोग शिफ्ट में सोते हैं.

एक मरीज़ के परिजन पवन कुमार कहते हैं, "इतना चूहा है कि जब हम सोते हैं तो मेरा मरीज़ जगा रहता है और जब मरीज़ सोता है तो हम जागते हैं."

अथमलगोला से इलाज कराने आए नागेन्द्र कहते हैं, "चूहा दौड़ता है तो डर लगता है. यहां किसी चीज़ की दिक़्क़त नहीं है. खाना मिलता है, साफ़ सफ़ाई है लेकिन चूहा बहुत परेशान किए हुए है."

इस घटना के सामने आने के बाद से अस्पताल और राज्य की स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सवाल उठ रहे हैं.

बिहार में राजद सहित पूरा विपक्ष इस घटना को लेकर हमलावर है.

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय पर आरोप लगाया और कहा, "हमने अपने 17 महीने के कार्यकाल में जो स्वास्थ्य सेवाएं दिन-रात मेहनत करके सुधारी थीं उसको फिर से बदहाल कर दिया गया है."

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि वो मामले की जांच करवा रहे हैं.

शव को कुतरने का मामला भी आया था सामने image Shahnawaz पटना सिटी इलाक़े में मौजूद एनएमसीएच राज्य के बड़े सरकारी अस्पतालों में से एक है

साल 1970 में स्थापित नालंदा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल राज्य के बड़े सरकारी अस्पतालों में से एक है.

इसका परिसर ही 80 एकड़ में फैला है. अस्पताल में 22 विभाग और 970 बेड हैं. रोजाना यहां बिहार भर से तक़रीबन 3500 मरीज़ इलाज के लिए ओपीडी सेवाएं लेते हैं.

अस्पताल की साफ़ सफ़ाई की बात करें तो परिसर गंदा नहीं दिखता. इसकी बिल्डिंग पुरानी है और ये निचले इलाके में बसा है. अस्पताल के परिसर से सटा सैदपुर – पहाड़ी नाम का बड़ा नाला बहता है. इसमें कई नालों का पानी गिरता है.

नाले से नज़दीक की हास्पिटल इमारतें ज़्यादा पुरानी और ज़मीन खोखली होने के चलते ये आशंका है कि चूहे आसानी से अस्पताल में पहुंच जाते हैं.

यह इलाक़ा पटना नगर निगम के अज़ीमाबाद डिवीज़न में आता है.

अज़ीमाबाद डिवीज़न की कार्यपालक पदाधिकारी श्रेया कश्यप बीबीसी से कहती हैं, "नाला तो हटाया नहीं जा सकता, अस्पताल प्रशासन को ही उचित क़दम उठाना होगा."

वैसे एनएमसीएच में ये पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी नवंबर 2024 में नालंदा के ही रहने वाले फंटूश नाम के व्यक्ति के मृत शरीर से आंख ग़ायब हो गई थी.

इस मामले के सामने आने के बाद भी ये कहा गया था कि चूहे ने आंख कुतर दी है.

इस मामले को लेकर भी अस्पताल ने एक जांच कमेटी भी बनाई थी. एनएमसीएच के उपाधीक्षक सरोज कुमार ने बीबीसी को बताया, " उस मामले में बनी कमेटी कोई स्पष्ट वजह नहीं बता पाई."

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित

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