रविवार को अमेरिका के बोस्टन में एक कार्यक्रम में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भारत में चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप लगाया. उसके बाद बीजेपी के कई नेता उनपर हमलावर हैं.
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों का हवाला देते हुए आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग 'समझौता कर चुका है' और 'सिस्टम में कुछ गड़बड़ है'.
राहुल गांधी ने कहा, "सरल शब्दों में कहें तो महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में राज्य में वयस्कों की संख्या से ज्यादा लोगों ने मतदान किया."
उनके इस बयान के बाद बीजेपी के नेता उनपर हमलावर हैं. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने तो राहुल गांधी के इस्तीफ़े की भी मांग कर दी है, जबकि कांग्रेस समेत विपक्ष के कई नेता राहुल के समर्थन में खड़े नज़र आ रहे हैं.
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बोस्टन में राहुल गांधी ने क्या कहा, "चुनाव आयोग ने हमें शाम 5:30 बजे तक के मतदान के आंकड़े दिए और शाम 5:30 बजे से 7:30 बजे के बीच 65 लाख मतदाताओं ने मतदान किया. ऐसा होना असंभव है."
"एक वोटर को मतदान करने में लगभग 3 मिनट लगते हैं और अगर हिसाब लगाएं तो इसका मतलब है कि मतदाताओं की कतारें देर रात 2 बजे तक लगी रही होंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.''
उन्होंने कहा, ''जब हमने उनसे वीडियोग्राफी के लिए कहा, तो उन्होंने न केवल इनकार कर दिया, बल्कि उन्होंने कानून भी बदल दिया ताकि अब हमें वीडियोग्राफी के लिए कहने की अनुमति न मिले.''
''यह हमारे लिए बिल्कुल स्पष्ट है कि निर्वाचन आयोग ने समझौता कर लिया है और यह भी स्पष्ट है कि सिस्टम में कुछ गड़बड़ है. मैं कई बार यह बात कह चुका हूं.''
इससे पहले भी साल 2024 में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस और उसके कई सहयोगी दलों ने राज्य में वोटिंग में गड़बड़ी के आरोप लगाए थे. कांग्रेस इस मुद्दे पर राज्य के वोटरों की पूरी सूची की मांग भी करती रही है.
क्या कह रहे हैं बीजेपी के नेताबोस्टन में राहुल गांधी के बयान को सोशल मीडिया पर कई लोगों ने शेयर किया है और इसके बाद बीजेपी के नेता राहुल गांधी पर निशाना साध रहे हैं.
ने कहा कि राहुल गांधी को इस तरह की बात करने के लिए इस्तीफ़ा दे देना चाहिए.
उन्होंने पत्रकारों से कहा, "राहुल गांधी देश के हितचिंतक नहीं हैं. देश के अंदर पीएम को गोली देते हैं और देश के बाहर देश को गाली देते हैं."
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "राहुल गांधी को इस्तीफ़ा दे देना चाहिए." उन्होंने कहा कि राहुल गांधी नेशनल हेराल्ड मामले से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं.
इस मुद्दे पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्रीने कहा, "देश की बुराई करने वाले किसी जयचंद सरीखे देशद्रोही नेता के बारे में टिप्पणी करना ही व्यर्थ है. ऐसे नेता को जनता लगातार सबक सिखा रही है."
राहुल गांधी के बयान पर ने कहा, "एक नहीं अनेक चुनाव हारने के बाद भी कुछ राजनीतिक दल और राजनेता सीखते नहीं हैं. वो केवल ईवीएम, इलेक्शन कमीशन और लोकतांत्रिक प्रणाली पर सवाल उठाते रहते हैं. भारत को बदनाम करने का काम दुनियाभर के देशों में जाकर करते हैं."
राहुल गांधी के समर्थन में पार्टीराहुल गांधी पर बीजेपी नेताओं के हमले के बाद कांग्रेस प्रवक्ताने सवाल उठाया है.
उन्होंने कहा, "बीजेपी क्यों हमलावर है. चुनाव आयोग पर सवाल उठाए हैं, जवाब चुनाव आयोग दे. पिछले चुनाव आयुक्त शेर-ओ-शायरी करते थे, ये वाले तो जवाब भी नहीं देते हैं. हमने तो सिर्फ़ वोटर लिस्ट मांगी है, ये अधिकार है हमारा और उनका फ़र्ज है कि वो वोटर लिस्ट दें. बीजेपी उनके बचाव में क्यों आ रही है, ये समझ में नहीं आ रहा है."
जबकि कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, "जो मुद्दा नेता विपक्ष राहुल गांधी ने उठाया है, वो बिल्कुल सही मुद्दा है. इस देश के लोकतंत्र पर किसी भी हमले पर बात होनी चाहिए.
उन्होंने आरोप लगाया, "महाराष्ट्र चुनाव में 39 लाख वोटर बढ़े, 5.30 बजे शाम के बाद 65 लाख वोट पड़े, कुल वोट वयस्क आबादी से ज़्यादा हैं - इसका जवाब कौन देगा?"
वहीं, शिव सेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेताने राहुल गांधी के आरोप को सही बताया है.
उनका कहना है कि आरोप, "100% सही है क्योंकि चुनाव आयोग भाजपा के ही कार्यालय से चलता है ये पूरी दुनिया जानती है."
महाराष्ट्र चुनावों के नतीजों पर सवाल क्यों?
महाराष्ट्र की 288 सीटों की विधानसभा के लिए साल 2024 में हुए चुनावों में बीजेपी ने 132 सीटों पर जीत हासिल की थी, उसने 149 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे.
जबकि कांग्रेस ने 101 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे और उसे महज़ 16 सीटों पर जीत मिली थी.
जबकि कांग्रेस की सहयोगी पार्टी शिव सेना उद्धव ठाकरे गुट को 95 सीटों पर उम्मीदवार उतारने के बाद 20 सीटों पर जीत मिली थी.
वहीं कांग्रेस की एक अन्य सहयोगी पार्टी एनसीपी (शरद पवार गुट) ने 86 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और उसे 10 सीटों पर जीत मिली थी.
राज्य में इन चुनावों में क़रीब साढ़े छह करोड़ वोट डाले गए थे.
क़रीब 5 करोड़ 72 लाख वोट डाले गए थे और उन चुनावों में कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों का प्रदर्शन विधानसभा चुनावों के मुक़ाबले काफ़ी बेहतर रहा था.
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