भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर सोशल मीडिया पोस्ट करने पर को गिरफ़्तार किया गया है.
हरियाणा पुलिस ने स्थानीय निवासी योगेश की शिकायत के आधार पर यह गिरफ़्तारी की है.
प्रोफ़ेसर अली ख़ान के ख़िलाफ़ दो समुदायों में नफ़रत भड़काने की धारा के तहत मामला दर्ज हुआ है.
हरियाणा पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 196 (1)बी, 197 (1)सी, 152 और 299 के तहत प्रोफ़ेसर अली ख़ान के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है.
लेकिन ये इस तरह का इकलौता मामला नहीं है. देश के अलग-अलग राज्यों में कथित तौर पर पाकिस्तान समर्थित सोशल मीडिया पोस्ट के लिए लोगों पर केस दर्ज हुए हैं.
सैयद मोज़िज़ इमाम, बीबीसी संवाददाता और शहबाज़ अनवर, बीबीसी हिंदी के लिए
उत्तर प्रदेश पुलिस ने 18 ज़िलों से तकरीबन 30 लोगों को गिरफ़्तार किया है. गोरखपुर, बरेली, लखीमपुर खीरी, बाग़पत और बदायूं में केस दर्ज हुए हैं.
बदायूं पुलिस के मुताबिक़, कुल नौ लोगों के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक पोस्ट डालने पर कार्रवाई की गई है.
कथित तौर पर 'पाकिस्तान ज़िंदाबाद' पोस्ट करने पर बरेली से मोहम्मद साजिद को 11 मई को गिरफ्तार किया गया है. बरेली के अलावा लखीमपुर खीरी में समीर अली और अब्दुल आशिक के ख़िलाफ़ मामले दर्ज किए गए हैं. बाग़पत में उस्मान ज़ाहिद पर कथित आपत्तिजनक पोस्ट करने पर मामला दर्ज हुआ है.
पश्चिमी यूपी के मेरठ में एक मामला सात मई को दर्ज किया गया. इसके तहत एक सैलून संचालक ज़ैद और उसके एक साथी पर 'पाकिस्तान समर्थित' पोस्ट सोशल मीडिया पर डालने का आरोप लगा.
10 मई को मुज़फ़्फ़रनगर ज़िले की कोतवाली पुलिस ने ऐसे ही आरोप में अनवर जमील नाम के शख़्स के ख़िलाफ़ रिपोर्ट दर्ज की. स्थानीय डीएसपी राजू कुमार साव ने बीबीसी से मामले की पुष्टि की.
उन्होंने बताया कि एक वीडियो वायरल होने और उसके बारे में शिकायत किए जाने के बाद अनवर जमील के ख़िलाफ़ मामला दर्ज हुआ है.
16 मई को पश्चिमी यूपी में बुलंदशहर ज़िले के छतारी इलाक़े में कथित तौर पर पाकिस्तान का समर्थन करने का मामला सामने आया है.
थाना प्रभारी संदीप कुमार ने बीबीसी से इसकी पुष्टि की. उन्होंने बताया, "पाकिस्तान के समर्थन में पोस्ट करने पर अंसार सिद्दीक़ी के ख़िलाफ़ रिपोर्ट दर्ज कर उसे जेल भेजा गया है."
17 मई को पश्चिमी यूपी के बिजनौर के शेरकोट में भी सब इंस्पेक्टर गौरव कुमार की तहरीर पर दो युवकों को गिरफ़्तार किया गया है.
शेरकोट के थाना प्रभारी पुष्पेंद्र कुमार ने बीबीसी हिंदी को बताया, "गांव बालकिशनपुर निवासी युवक अबू साद ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से पाकिस्तान समर्थित पोस्ट की थी. जांच में गांव के एक और युवक हमज़ा का भी नाम सामने आया है."
बिजनौर के ही स्योहारा इलाक़े में भी 16 मई को शाहबाज़ नाम के युवक के ख़िलाफ़ रिपोर्ट दर्ज की गई.
युवक पर 'पाकिस्तान समर्थित' पोस्ट करने का आरोप है.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर गिरफ़्तारियों के बारे में लगातार जानकारी दे रहे हैं.
सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के मुताबिक, असम में अब तक 71 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.
इस लिस्ट में ढींग विधानसभा क्षेत्र से ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ़) के विधायक अमीनुल इस्लाम का नाम भी शामिल है.
23 अप्रैल को अमीनुल इस्लाम पर पहलगाम हमले की घटना को लेकर कथित तौर पर विवादित टिप्पणी करने का आरोप लगा था. अगले दिन असम की नागांव पुलिस ने उन्हें गिरफ़्तार कर लिया था.
बाद में नागांव की ज़िला अदालत ने मामले में इस्लाम को जमानत दे दी थी लेकिन जमानत मिलने के थोड़ी देर बाद उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत हिरासत में ले लिया गया.

अमीनुल इस्लाम के अलावा असम में रूपसान अली, राशिद मंडल, राजू शेख़, अब्दुल हुसैन, राशिद अहमद, आज़ाद इमरान हुसैन, अब्दुल समद, शाहदाद अली और शाहीन अहमद मजूमदार समेत 71 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.
सीएम सरमा का कहना है कि असम पुलिस सख़्ती से डिजिटल स्पेस को मॉनिटर कर रही है और किसी को भी बख़्शा नहीं जाएगा.
माजिद जहांगीर, बीबीसी संवाददाता
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सोशल मीडिया अकाउंट के ज़रिए भारत के ख़िलाफ़ 'असंतोष' और 'अलगाववादी विचारधारा' को बढ़ावा देने के आरोप में हिलाल मीर को हिरासत में लिया था.
सात मई को एक बयान में जम्मू-कश्मीर पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर (सीआईके) विंग ने कहा, "श्रीनगर के बेमिना निवासी हिलाल मीर को सोशल मीडिया के माध्यम से 'कश्मीरियों को सिस्टम से प्रताड़ित दिखाते हुए युवाओं की भावनाओं को भड़काने और अलगाववादी भावना को भड़काने' के लिए हिरासत में लिया गया था. मीर तुर्की की अनादोलु समाचार एजेंसी के साथ काम करते थे."
हिलाल मीर बतौर पत्रकार अलग-अलग संस्थानों में काम कर चुके हैं. मीर के एक क़रीबी ने बीबीसी को बताया है कि अब पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया है.
श्रीनगर के एक पत्रकार ने नाम न बताने की शर्त पर बीबीसी हिंदी को बताया कि उन्हें एक शीर्ष पुलिस अधिकारी का फ़ोन आया था जिसमें उन्हें फेसबुक पर अपनी पोस्ट हटाने के लिए कहा गया था. कॉल के बाद पत्रकार ने अपनी टाइमलाइन से पोस्ट हटा दी.
पत्रकार ने बताया कि उन्होंने कथित तौर पर एक चरमपंथी के परिवार के ध्वस्त किए गए घर की तस्वीर पोस्ट की थी.
पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा बलों की एक संयुक्त टीम ने कश्मीर में कुछ घरों को ध्वस्त कर दिया था. इस बारे में पुलिस या किसी दूसरी एजेंसी ने कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया था.
गिराए गए घरों में एक घर आदिल हुसैन ठोकर का था जिनका नाम पहलगाम हमले में सामने आया था.
पुलिस ने आधिकारिक तौर पर पहलगाम हमले में शामिल तीन 'आतंकवादियों' का नाम लिया है जिसमें आदिल भी शामिल है.
विष्णुकांत तिवारी, बीबीसी संवाददाता और शुरैह नियाज़ी, बीबीसी हिंदी के लिए
मध्य प्रदेश में सोशल मीडिया और प्रदर्शन के जरिए सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में कम से कम सात लोग गिरफ़्तार हुए हैं.
राज्य की दमोह पुलिस ने वसीम ख़ान और तनवीर क़ुरैशी नाम के दो अभियुक्तों पर 23 अप्रैल को सांप्रदायिक तनाव फैलाने का मामला दर्ज किया गया था.
वसीम ख़ान ने 22 अप्रैल को अपने फेसबुक पेज पर 'विवादित' पोस्ट किया था, जबकि तनवीर ने उस पोस्ट के समर्थन में कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी.
जबलपुर में भी ऐसे ही एक मामले में कार्रवाई हुई है. ज़िला पुलिस ने अभय श्रीवास्तव नाम के व्यक्ति की शिकायत पर मोहम्मद ओसफ़ ख़ान नामक शख़्स को भड़काऊ और नफ़रती टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तार किया.
ओसफ़ के ख़िलाफ़ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 196 (1) (ए) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
डिंडोरी ज़िले में आदर्श महाविद्यालय की गेस्ट लेक्चरर नसीम बानो पर भी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला दर्ज हुआ. आरोप है कि उन्होंने पहलगाम हमले से जुड़ा एक वीडियो अपने व्हाट्सऐप स्टेटस पर लगाया था.
इस मामले में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया था.
मध्य प्रदेश के इंदौर में 25 अप्रैल को पहलगाम हमले के विरोध में आयोजित एक प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर 'पाकिस्तान ज़िंदाबाद' के नारे सुनाई दिए.
वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने कार्रवाई की और कांग्रेस पार्षद अनवर कादरी समेत एक अन्य व्यक्ति को शुक्रवार को हिरासत में लिया.

सदर बाजार पुलिस थाना प्रभारी यशवंत बरोले ने बताया, "बदवाली चौकी इलाके़ में हुए प्रदर्शन के वायरल वीडियो के आधार पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 196(1) (बी) के तहत मामला दर्ज किया गया है. वीडियो की प्रामाणिकता की जांच के लिए तकनीकी विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है. जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी."
वहीं, कांग्रेस पार्षद अनवर कादरी ने गिरफ़्तारी से पहले कहा था कि वीडियो से छेड़छाड़ की गई है.
मध्यप्रदेश के मुरैना ज़िले के बानमोर कस्बे में 25 साल के समीर पठान को कथित तौर पर पाकिस्तान समर्थित पोस्ट के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है. देवेंद्र सिंह नामक शख़्स की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है.
शिकायतकर्ता देवेंद्र सिंह के मुताबिक़, 12 मई को उन्होंने सैनिकों और जनता का मनोबल बढ़ाने के लिए एक पोस्ट में लिखा था- आज की रात पाकिस्तान साफ़.
इस पोस्ट पर पठान ने कथित तौर पर धार्मिक भावनाएं भड़काने वाली पाकिस्तान समर्थित टिप्पणी की थी.
इंदौर में मेट्रो कंस्ट्रक्शन कंपनी के स्टाफ़ का वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार किया है.
इस वीडियो में कथित तौर पर 'पाकिस्तान ज़िंदाबाद' के नारे लगाने का दावा किया जा रहा है. अभियुक्त का नाम मोहम्मद जावेद है और उनका संबंध बिहार से है.
छत्तीसगढ़आलोक प्रकाश पुतुल, बीबीसी हिंदी के लिए
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर सोशल मीडिया पर सवाल उठाने वाली एक महिला लूज़िना ख़ान को पिछले हफ़्ते गिरफ़्तार किया गया था.
पोस्ट के बाद बजरंग दल ने रायपुर में थाने के सामने प्रदर्शन करते हुए लूज़िना ख़ान की गिरफ़्तारी की मांग की थी.
विवाद बढ़ा तो लूज़िना ख़ान ने अपनी पोस्ट हटा दी और एक अन्य पोस्ट में लिखा, "भारतीय सेना की बहादुरी पर मुझे गर्व है. मेरे से बेख़्याली और धोखे से एक पोस्ट हो गया था, जिसको दोबारा पढ़ने पर मुझे भी अपनी ग़लती का एहसास हुआ और मैंने अपनी वह पोस्ट तत्काल हटा दी थी. मेरी उस पोस्ट से लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची हो तो मैं दिल से क्षमा चाहती हूं. मुझे अपने भारतीय होने पर गर्व है और भारतीय सेना पर गर्व है."
लूज़िना ख़ान युवा फोटोग्राफ़र हैं. उन्हें 2016 में भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री रमन सिंह ने सम्मानित भी किया था. इंस्टाग्राम पर उनके 1.23 लाख फॉलोअर्स हैं.
मेघालयदिलीप कुमार शर्मा, बीबीसी हिंदी के लिए
मेघालय के नॉर्थ गारो हिल्स ज़िले में सोशल मीडिया पर कथित रूप से पाकिस्तान का समर्थन करने के आरोप में दो नाबालिग़ों को गिरफ़्तार किया गया है.
अभियुक्तों पर कथित तौर पर भारत विरोधी वीडियो पोस्ट करने का आरोप है.
मेघालय पुलिस ने रविवार को मीडिया को जानकारी दी कि दोनों अभियुक्तों को बाजेंगडोबा पुलिस स्टेशन क्षेत्र के अंतर्गत अलग-अलग गांवों से हिरासत में लिया गया.
पुलिस के अनुसार, उन्होंने फेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें वे गारो भाषा में कथित तौर पर भारत के ख़िलाफ़ नारे लगाते और पाकिस्तान का समर्थन करते नज़र आ रहे हैं.
ज़िला प्रशासन ने 15 मई को दोनों के ख़िलाफ़ दर्ज की गई प्राथमिक शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया है.
इससे पहले पहलगाम हमले के एक सप्ताह बाद अपने फे़सबुक पेज पर 'नफ़रत वाली सामग्री' पोस्ट करने के आरोप में पूर्वी खासी हिल्स ज़िले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था.
इस तरह मेघालय में कुल तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.
इमरान क़ुरैशी, बीबीसी हिंदी के लिए
कर्नाटक के कोलार में मुनीर ख़ान क़ुरैशी नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था. इसके अलावा राज्य से कोई और मामला सामने नहीं आया है.
मुनीर ने एक वीडियो पोस्ट किया था. इस वीडियो में उन्होंने पहलगाम हमले को बिहार में होने वाले विधानसभा चुनावों से जोड़ा था.
मुनीर ख़ान को स्थानीय अदालत में पेश किया गया. अदालत ने उन्हें दो लाख रुपये की जमानत पर रिहा कर दिया क्योंकि वह आदतन अपराधी था और मानसिक रूप से भी अस्थिर व्यक्ति था.
भड़काऊ सोशल मीडिया पोस्ट के एक अन्य मामले में, एक व्यक्ति ने आरोप लगाया कि बेलगावी ज़िले की गोकाक तहसील में आरएसएस कार्यकर्ताओं ने कर्नल सोफिया क़ुरैशी के ससुराल वालों के घर पर हमला किया और आग लगा दी.
पुलिस ने इस पोस्ट का समर्थन करने वाले दो लोगों सहित आरोपियों के ख़िलाफ़ स्वतः संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया.
बाद में पता चला कि अभियुक्त कनाडा में है.
विजयपुरा के एक डेंटल कॉलेज में अंतिम वर्ष की छात्रा तशवरुधा फ़ारूक़ शेख़ पर आरोप है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली थी.
इस पोस्ट पाकिस्तान में रहने वाले नागरिकों से कहा था कि ''सीमा के 200 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोग कृपया अपने देश चले जाएं. अल्लाह हमें भारत से बचाए, आमीन.''
उसने पोस्ट के साथ पाकिस्तानी झंडा भी लगाया था. आलोचना के बाद उसने माफ़ी मांगते हुए कहा कि वह एक भारतीय है.
एक पुलिस अधिकारी ने बीबीसी हिंदी को बताया, ''चूंकि इस अपराध की सज़ा तीन साल से कम है, इसलिए उसे नोटिस जारी किया गया है. हम आगे की कार्रवाई के लिए सरकार की मंज़ूरी का इंतज़ार कर रहे हैं.''
मंगलुरु पुलिस ने एक डॉक्टर-डाइटीशियन के ख़िलाफ़ मामला भी दर्ज किया है. आरोप है कि उन्होंने भड़काऊ बयान देते हुए पहलगाम हमले को उचित ठहराया था और कहा था कि वह एक भारतीय हैं जो देश से नफरत करती हैं.
आरोपी डॉ. अफ़ीफ़ा फ़ातिमा पर धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने का मामला दर्ज किया गया था.
शिकायत दर्ज करने वाले अस्पताल ने उन्हें नौकरी से हटा दिया था.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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