रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को तेजस विमान को भारत की रक्षा ताकत का एक बड़ा गर्व बताया। दिल्ली में हुए ET वर्ल्ड लीडर्स फोरम में उन्होंने कहा कि तेजस सिर्फ एक विमान नहीं, बल्कि भारत की खुद की बनाई गई ताकत का जीता-जागता उदाहरण है। मुश्किलें जरूर हैं, लेकिन भारत ने ठाना है कि हर चुनौती को पार करते हुए पूरी तरह से स्वदेशी लड़ाकू विमान बनाने में कामयाबी हासिल करेगा।
इसके अलावा, उन्होंने बताया कि भारत अब पांचवीं पीढ़ी के नए लड़ाकू विमानों की तैयारी में भी तेजी से कदम बढ़ा रहा है। खास बात ये है कि इन विमानों के इंजन भी भारत में ही बनाए जाएंगे और इस काम के लिए फ्रांस की कंपनी सफ्रान के साथ पार्टनरशिप भी हो चुकी है।
पूरी दुनिया में भारत को लेकर उम्मीद और भरोसा बढ़ा
राजनाथ सिंह ने कहा कि दुनिया की अर्थव्यवस्था में भारत की खास जगह है, इसलिए भारत मुश्किल समय में दूसरों को सहारा दे सकता है। आज बहुत से देशों को सामान पहुंचाने में दिक्कतें हो रही हैं, ऐसे में भारत दुनिया की सप्लाई चेन को मजबूत कर सकता है। बड़े देश ‘चाइना प्लस’ की बात करते हैं, मतलब चीन के अलावा किसी और देश से सामान लाने की कोशिश करते हैं। मैं आपसे पूछता हूं, चीन के अलावा ऐसा कौन कर सकता है? इसका जवाब साफ है - सिर्फ भारत! जब हम ‘आत्मनिर्भर भारत’ की बात करते हैं, तो इसका मतलब सिर्फ विदेश से कम सामान खरीदना नहीं है, बल्कि यह सोच है कि हम दुनिया को मजबूत और भरोसेमंद सप्लाई चेन दें। आज पूरी दुनिया में भारत को लेकर उम्मीद और भरोसा बढ़ा है।
साल के अंत तक बाजार में आएंगे भारत में बने सेमीकंडक्टर्स
सिंह ने बताया कि सरकार ने टेक्नोलॉजी को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं। सरकार ने इंडिया-AI मिशन शुरू किया है ताकि भारत की जरूरत के मुताबिक AI के मॉडल बनाए जा सकें। हमारा मकसद है कि भारत दुनिया का बड़ा AI हब बने। इसके साथ ही, सरकार सेमीकंडक्टर्स (चिप्स) बनाने के काम को बहुत तेजी से आगे बढ़ा रही है। जैसे प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस पर कहा था, इस साल के अंत तक भारत में बने सेमीकंडक्टर्स बाजार में आ जाएंगे। ये चिप्स भारत के लोगों द्वारा बनाए जाएंगे।
दुनिया भर के निवेशकों के लिए निमंत्रण
रक्षा मंत्री ने सीधे विदेशी कंपनियों से कहा कि वे भारत के डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग के सेक्टर में निवेश करें। उन्होंने कहा, 'हम आपको हर जरूरी अनुमति देंगे और पूरी मदद भी करेंगे। हमारा ‘मेक इन इंडिया’ सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं है। जब आप भारत में बनाएंगे, तो आप दुनिया के लिए बनाएंगे। भारत की सोच विकास और शांति की है। हमारे लिए सिर्फ अपना विकास ही नहीं, बल्कि सबका मिलकर विकास जरूरी है।'
हमारे लिए ताकत का मतलब सबकी भलाई के लिए जिम्मेदारी लेना
राजनाथ सिंह ने कहा कि आज की दुनिया में कुछ देशों को बहुत फायदा हुआ है, लेकिन बहुत सारे लोगों को असमानता, डर और अनिश्चितता ही मिली है। इसलिए हमें एक नई ऐसी दुनिया बनानी होगी जिसमें सबके साथ बराबरी हो, सबको बराबर मौके मिले, लड़ाई-झगड़े कम हों और सब मिलकर काम करें। उन्होंने कहा कि ऐसा दुनिया का सिस्टम सिर्फ भारत के नेतृत्व में ही बन सकता है।
सिंह ने आगे कहा कि भारत की सोच ऐसी है जहां ताकत का मतलब दूसरों पर राज करना नहीं बल्कि सबकी भलाई के लिए जिम्मेदारी लेना है। हमारे यहां ताकत को दूसरों की मदद करने और सबके हित में काम करने से जाना जाता है, न कि केवल अपने फायदे के लिए लड़ने से।
इसके अलावा, उन्होंने बताया कि भारत अब पांचवीं पीढ़ी के नए लड़ाकू विमानों की तैयारी में भी तेजी से कदम बढ़ा रहा है। खास बात ये है कि इन विमानों के इंजन भी भारत में ही बनाए जाएंगे और इस काम के लिए फ्रांस की कंपनी सफ्रान के साथ पार्टनरशिप भी हो चुकी है।
पूरी दुनिया में भारत को लेकर उम्मीद और भरोसा बढ़ा
राजनाथ सिंह ने कहा कि दुनिया की अर्थव्यवस्था में भारत की खास जगह है, इसलिए भारत मुश्किल समय में दूसरों को सहारा दे सकता है। आज बहुत से देशों को सामान पहुंचाने में दिक्कतें हो रही हैं, ऐसे में भारत दुनिया की सप्लाई चेन को मजबूत कर सकता है। बड़े देश ‘चाइना प्लस’ की बात करते हैं, मतलब चीन के अलावा किसी और देश से सामान लाने की कोशिश करते हैं। मैं आपसे पूछता हूं, चीन के अलावा ऐसा कौन कर सकता है? इसका जवाब साफ है - सिर्फ भारत! जब हम ‘आत्मनिर्भर भारत’ की बात करते हैं, तो इसका मतलब सिर्फ विदेश से कम सामान खरीदना नहीं है, बल्कि यह सोच है कि हम दुनिया को मजबूत और भरोसेमंद सप्लाई चेन दें। आज पूरी दुनिया में भारत को लेकर उम्मीद और भरोसा बढ़ा है।
साल के अंत तक बाजार में आएंगे भारत में बने सेमीकंडक्टर्स
सिंह ने बताया कि सरकार ने टेक्नोलॉजी को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं। सरकार ने इंडिया-AI मिशन शुरू किया है ताकि भारत की जरूरत के मुताबिक AI के मॉडल बनाए जा सकें। हमारा मकसद है कि भारत दुनिया का बड़ा AI हब बने। इसके साथ ही, सरकार सेमीकंडक्टर्स (चिप्स) बनाने के काम को बहुत तेजी से आगे बढ़ा रही है। जैसे प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस पर कहा था, इस साल के अंत तक भारत में बने सेमीकंडक्टर्स बाजार में आ जाएंगे। ये चिप्स भारत के लोगों द्वारा बनाए जाएंगे।
दुनिया भर के निवेशकों के लिए निमंत्रण
रक्षा मंत्री ने सीधे विदेशी कंपनियों से कहा कि वे भारत के डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग के सेक्टर में निवेश करें। उन्होंने कहा, 'हम आपको हर जरूरी अनुमति देंगे और पूरी मदद भी करेंगे। हमारा ‘मेक इन इंडिया’ सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं है। जब आप भारत में बनाएंगे, तो आप दुनिया के लिए बनाएंगे। भारत की सोच विकास और शांति की है। हमारे लिए सिर्फ अपना विकास ही नहीं, बल्कि सबका मिलकर विकास जरूरी है।'
हमारे लिए ताकत का मतलब सबकी भलाई के लिए जिम्मेदारी लेना
राजनाथ सिंह ने कहा कि आज की दुनिया में कुछ देशों को बहुत फायदा हुआ है, लेकिन बहुत सारे लोगों को असमानता, डर और अनिश्चितता ही मिली है। इसलिए हमें एक नई ऐसी दुनिया बनानी होगी जिसमें सबके साथ बराबरी हो, सबको बराबर मौके मिले, लड़ाई-झगड़े कम हों और सब मिलकर काम करें। उन्होंने कहा कि ऐसा दुनिया का सिस्टम सिर्फ भारत के नेतृत्व में ही बन सकता है।
सिंह ने आगे कहा कि भारत की सोच ऐसी है जहां ताकत का मतलब दूसरों पर राज करना नहीं बल्कि सबकी भलाई के लिए जिम्मेदारी लेना है। हमारे यहां ताकत को दूसरों की मदद करने और सबके हित में काम करने से जाना जाता है, न कि केवल अपने फायदे के लिए लड़ने से।
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