एक व्यक्ति स्ट्रेचर पर किसी को लेकर अस्पताल में प्रवेश कर रहा था, जब स्टाफ ने उससे पूछा कि क्या हुआ। उसने बताया कि सड़क पर एक व्यक्ति घायल पड़ा था। स्टाफ ने कहा कि उसे गहरी चोटें आई हैं और इलाज के लिए एक लाख रुपये जमा करने होंगे। उस व्यक्ति ने कहा कि वह घायल को नहीं जानता, लेकिन मानवता के नाते उसे अस्पताल लाया है।
उसने डॉक्टर से गुहार लगाई कि इलाज तुरंत शुरू किया जाए, लेकिन डॉक्टर ने कहा कि यह प्राइवेट अस्पताल है और पहले पैसे जमा करने होंगे। डॉक्टर ने बताया कि उन्होंने विदेश में पढ़ाई की है और अस्पताल में मशीनरी लगाने में काफी खर्च हुआ है।
जब वह व्यक्ति पैसे निकालने लगा, तो डॉक्टर ने उसे ओटीपी में ले जाने का इशारा किया। ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने देखा कि मरीज कोई और नहीं, बल्कि उसके अपने पिता हैं। इस पर डॉक्टर ने उस व्यक्ति से माफी मांगी और कहा कि उसने मानवता का असली पाठ सीखा है।
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