केंद्र सरकार ने जनवरी 2025 में 8वें वेतन आयोग की स्थापना की घोषणा की है। इस खबर ने सरकारी कर्मचारियों में उम्मीद जगाई है कि नए आयोग के गठन के बाद उनकी सैलरी में वृद्धि होगी।
हालांकि, यह ध्यान देने योग्य है कि सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में वृद्धि केवल फिटमेंट फैक्टर के आधार पर नहीं होगी। आइए जानते हैं कि और किन तरीकों से उनकी सैलरी में इजाफा हो सकता है।
फिटमेंट फैक्टर का प्रभाव
फिटमेंट फैक्टर से सैलरी कैसे बढ़ती है
फिटमेंट फैक्टर एक गुणांक है, जिसका उपयोग सरकार सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन को संशोधित करने के लिए करती है। 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर का अनुमान 2.86 है। यदि यह सही साबित होता है, तो सरकारी कर्मचारियों का मूल वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 51,000 रुपये हो जाएगा। लेकिन, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सैलरी में वृद्धि केवल इसी से नहीं होगी।
सैलरी बढ़ाने का अन्य तरीका
सैलरी में वृद्धि का अन्य फार्मूला
फिटमेंट फैक्टर का प्रभाव केवल बेसिक सैलरी पर होता है, जबकि ग्रॉस सैलरी में अन्य घटक भी शामिल होते हैं। उदाहरण के लिए, यदि सरकार महंगाई भत्ता (DA) बढ़ाती है, तो इसका भी असर सरकारी कर्मचारियों की सैलरी पर पड़ेगा।
उदाहरण से स्पष्टता
उदाहरण के माध्यम से समझें
7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिसके कारण बेसिक सैलरी 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हो गई थी। हालांकि, वास्तविक वृद्धि केवल 15 प्रतिशत थी। वहीं, 6वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.86 था, जिससे वेतन और पेंशन में 54 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई थी।
इससे स्पष्ट है कि 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर चाहे जो हो, इसका प्रभाव केवल मूल वेतन पर होगा। ग्रॉस सैलरी में वृद्धि आपके स्तर, भत्ते और अन्य घटकों पर निर्भर करेगी। 8वें वेतन आयोग के 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है।
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