Tech Layoffs 2025: साल 2025 टेक इंडस्ट्री के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल अब तक 218 कंपनियों में 112,000 से ज्यादा टेक कर्मचारियों की छंटनी हो चुकी है. अमेजन, इंटेल, TCS, माइक्रोसॉफ्ट और गूगल जैसे दिग्गज भी AI और ऑटोमेशन के चलते बड़े पैमाने पर कर्मचारियों को बाहर कर रहे हैं. ये कटौती सिर्फ अमेरिका में ही नहीं, बल्कि भारत, यूरोप और एशिया के कई देशों में भी देखने को मिली है. AI और लागत कंट्रोल की दौड़ में पारंपरिक नौकरियां तेजी से खत्म हो रही हैं, जिससे टेक वर्ल्ड में अनिश्चितता का माहौल पैदा हो गया है.
2025 में छंटनी का आंकड़ा 1 लाख के पारLayoffs.fyi की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल टेक सेक्टर में अब तक 112,732 कर्मचारियों की छंटनी हुई है. जनवरी और फरवरी की शुरुआत से ही यह लेऑफ ट्रेंड (Layoff Trend) शुरू हुआ और अप्रैल महीने में में 24,500 से ज्यादा नौकरियां खत्म हुईं. यह रुझान AI के बढ़ते इस्तेमाल, लागत बचत और बिजनेस रीस्ट्रक्चरिंग के कारण तेज हो गया है. इसका असर केवल सिलिकॉन वैली तक सीमित नहीं है, बल्कि भारत जैसे IT हब भी इससे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.
अमेजन ने 30,000 लोगों को निकालाअमेजन ने 2025 में अपना अब तक का सबसे बड़ा लेऑफ ड्राइव चलाते हुए 30,000 कॉरपोरेट रोल्स को खत्म कर दिया. ये कटौती अमेजन वेब सर्विसेज, ऑपरेशंस और HR डिपार्टमेंट में की गई. CEO एंडी जैसी ने कहा कि AI-ड्रिवन ऑटोमेशन, ओवर-हायरिंग और मैनेजमेंट लेयर के री-स्टक्चरिंग इसकी मुख्य वजह है. कंपनी का मकसद “दुनिया की सबसे बड़ी स्टार्टअप” की तरह काम करना है, जिससे ऑपरेशनल लागत कम की जा सके.
इंटेल में 24,000 कर्मचारियों की छंटनीनई लीडरशिप के साथ इंटेल ने भी बड़ा कदम उठाते हुए 22% वर्कफोर्स कम किया. कंपनी ने अमेरिका, जर्मनी, पोलैंड और कोस्टा रिका जैसे देशों में बड़े पैमाने पर लेऑफ किए. इंटेल के CEO लिप-बू टैन ने चिप इंडस्ट्री में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और AI-आधारित सिस्टम पर फोकस को इसका कारण बताया. यह कटौती अक्सर प्रदर्शन मूल्यांकन और डिवीजन-आधारित समीक्षा के बाद की गई.
भारत में भी AI का असर, TCS ने 20,000 नौकरियां घटाईंभारत की दिग्गज IT कंपनी TCS ने सितंबर तिमाही में लगभग 19,755 कर्मचारियों को बाहर किया. यह कंपनी के इतिहास की सबसे बड़ी छंटनी है. मिड और सीनियर लेवल रोल्स को सबसे ज्यादा प्रभावित किया गया. TCS अब AI आधारित प्रोजेक्ट्स पर फोकस कर रही है, जिसके चलते पुराने स्किल वाले कर्मचारियों की मांग कम हो रही है. साथ ही, ग्लोबल डिमांड में सुकड़न और अमेरिका-भारत व्यापार तनाव भी इसका कारण बताए जा रहे हैं.
माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, सेल्सफोर्स में भी हजारों नौकरियां गईंमाइक्रोसॉफ्ट ने सालभर में करीब 9,000 कर्मचारियों को निकाला. सॉफ्टवेयर इंजीनियर, प्रोडक्ट मैनेजर समेत कई टेक और नॉन-टेक रोल्स इससे प्रभावित हुए. गूगल ने क्लाउड, एंड्रॉयड और TV डिवीजन में कई राउंड्स में लेऑफ किए, जिससे 100 से ज्यादा डिजाइन और इंजीनियर रोल्स पर असर पड़ा. सेल्सफोर्स ने सपोर्ट टीम में 4,000 पदों को AI ऑटोमेशन के चलते खत्म किया. कंपनी ने माना कि अब 50% से ज्यादा कस्टमर क्वेरीज AI सिस्टम खुद संभाल रहे हैं.
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