पटना। बिहार में जमीन से जुड़ी सरकारी सेवाओं को लेकर एक बड़ी और राहतभरी खबर सामने आई है। राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे “राजस्व महाअभियान” के बाद भी ज़मीन मालिकों को मिलने वाली महत्वपूर्ण सेवाएं पहले की तरह जारी रहेंगी।राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने स्पष्ट किया है कि यह अभियान केवल एक विशेष पहल है, न कि स्थायी सेवाओं का अंत।
क्या है राजस्व महाअभियान?
राजस्व महाअभियान की शुरुआत 16 अगस्त को हुई थी और यह 20 सितंबर तक चलेगा। इस दौरान पंचायत स्तर पर विशेष शिविर आयोजित किए गए हैं, जहां जमीन संबंधी दस्तावेजों की त्रुटियों को सुधारा जा रहा है। विभाग के अधिकारी और कर्मचारी घर-घर जाकर रैयतों को दस्तावेजों की प्रतियां उपलब्ध करा रहे हैं और आपत्तियों को सुनकर मौके पर ही समाधान कर रहे हैं।
महाअभियान के बाद क्या होगा?
इस अभियान को लेकर आम लोगों में यह आशंका थी कि 20 सितंबर के बाद इन सुविधाओं का लाभ नहीं मिलेगा। लेकिन सचिव जय सिंह ने इस भ्रांति को दूर करते हुए कहा कि ज़मीन से संबंधित सभी ऑनलाइन सेवाएं जैसे दाखिल-खारिज, नामांतरण, और जमाबंदी में सुधार पूर्व की तरह जारी रहेंगी। बस फर्क इतना होगा कि विशेष शिविरों का आयोजन नहीं होगा, लेकिन काम बंद नहीं किया जाएगा।
डिजिटल सेवाओं पर जोर
राज्य सरकार ने पहले ही ज़मीन से जुड़ी अधिकांश सेवाओं को ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध करा दिया है। इसका उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना और आम लोगों को सुविधा प्रदान करना है। अब ज़मीन मालिक घर बैठे ही अपने दस्तावेजों की स्थिति देख सकते हैं, त्रुटियों के लिए आवेदन कर सकते हैं और आवश्यक सुधार करवा सकते हैं।
विशेष भूमि सर्वेक्षण से कोई संबंध नहीं
कई लोगों को यह भी भ्रम था कि राजस्व महाअभियान का संबंध विशेष भूमि सर्वेक्षण से है। इस पर भी सचिव ने स्पष्ट किया कि ये दोनों प्रक्रियाएं स्वतंत्र हैं और एक-दूसरे से जुड़ी नहीं हैं।
You may also like
गाड़ी खराब होने पर रोड किनारे सो रहे थे, ट्रक से कुचलकर 4 लोगों की मौत, प्रयागराज में दर्दनाक हादसा
ये है दुनिया की सबसे अमीर` और सुंदर क्रिकेटर 5 साल में टूटी शादी। कम उम्र के खिलाड़ी से है संबंध
पति ने कहा- 'तेरे जैसी 300 रुपये में बिकती हैं', पत्नी ने थाने में खोला सनसनीखेज राज!
राहुल गाँधी ने 'हाइड्रोजन` बम' कहकर बनाई जिस प्रेस कॉन्फ्रेंस की हवा, PC शुरू होने पर उसे खुद किया फुस्स: CEC ज्ञानेश कुमार पर लगाए 'वोट चोरी' करवाने के इल्जाम!,
उत्तराखंड: यूकेएसएसएससी का पेपरलीक नहीं, परीक्षा प्रणाली को सनसनीखेज बनाने के लिए सोशल मीडिया पर किया गया वायरल –