एजेंसी, नईदिल्ली: राजस्थान के बारां जिले में शिक्षा विभाग से जुड़ा चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां विष्णु गर्ग और उनकी पत्नी मंजू गर्ग नामक शिक्षक दंपती पिछले 25 वर्षों से स्कूल न जाकर भी नियमित रूप से वेतन लेते रहे।
इस दौरान दोनों ने लगभग नौ करोड़ 31 लाख रुपये का वेतन प्राप्त किया।
मामले का खुलासा होने पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के निर्देश पर विभाग ने दोनों शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। विभाग की ओर से अंतिम नोटिस जारी किया गया है। अगर नोटिस मिलने के बाद भी दंपती हाजिर नहीं होते हैं, तो उनकी संपत्ति नीलाम करने की कार्यवाही की जाएगी।
तीन डमी शिक्षक रखे
जानकारी के अनुसार, यह दंपती राजपुरा प्राथमिक स्कूल, बारां में तैनात था। लेकिन खुद स्कूल जाने की बजाय पिछले 20 सालों से तीन डमी शिक्षकों को पढ़ाने के लिए भेज रहा था। बताया गया कि दोनों ने विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से प्रत्येक डमी शिक्षक को 15-15 हजार रुपये देकर स्कूल भेजा।
मामला दर्ज, दंपती फरार
बीते वर्ष जिला शिक्षा अधिकारी की शिकायत पर बारां सदर पुलिस थाने में दंपती और तीनों डमी शिक्षकों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। पुलिस कार्रवाई के दौरान ही यह दंपती फरार हो गया। फिलहाल विभाग ने उनसे बकाया राशि की वसूली की तैयारी शुरू कर दी है।
यह मामला न केवल शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि यह भी बताता है कि भ्रष्टाचार और लापरवाही किस हद तक शिक्षा व्यवस्था को प्रभावित कर रही है।
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