Patna, 22 अक्टूबर . बिहार के भोजपुर जिले की शाहपुर विधानसभा सीट एक बार फिर Political सरगर्मी का केंद्र बनी हुई है. यह सीट आरा Lok Sabha क्षेत्र के अंतर्गत आती है और इसमें शाहपुर और बिहिया प्रखंड शामिल है. इस बार के विधानसभा चुनाव में कुल 11 उम्मीदवार यहां से मैदान में हैं, जिनमें भाजपा के राकेश रंजन हैं तो वहीं दूसरी तरफ राजद से मौजूदा विधायक राहुल तिवारी फिर से चुनावी मैदान में हैं. जन स्वराज पार्टी से पद्मा ओझा भी यहां से ताल ठोंक रही हैं.
शाहपुर को शाहाबाद का ‘धान का कटोरा’ कहा जाता है, क्योंकि यह क्षेत्र अपनी उपजाऊ भूमि और धान की बंपर पैदावार के लिए प्रसिद्ध है. हालांकि, गंगा और सोन नदियों के बीच बसे इस इलाके को बाढ़ और कटाव जैसी प्राकृतिक आपदाओं का हर बार सामना करना पड़ता है.
यह क्षेत्र राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है जो आरा और बक्सर को जोड़ता है. आरा यहां से करीब 30 किलोमीटर, बक्सर 40 किलोमीटर और Patna लगभग 85 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
धार्मिक दृष्टि से भी शाहपुर समृद्ध है. यहां के महावीर स्थान और कुंडेश्वर धाम जैसे प्राचीन मंदिर आस्था का केंद्र हैं. वहीं, बिलौती रोड पर स्थित मंदिर बाणासुर से जुड़ा माना जाता है. इसके अलावा, लकर शाह की मजार शाहपुर में बहुत प्रसिद्ध है.
Political रूप से शाहपुर को समाजवादियों का गढ़ माना जाता रहा है. 1952 से 1969 तक बिहार के पूर्व गृह मंत्री रामानंद तिवारी ने लगातार पांच बार यहां से जीत हासिल की थी. कांग्रेस को पहली बार 1972 में यहां सफलता मिली. बाद में 2000 और 2005 में राजद के टिकट पर शिवानंद तिवारी विधायक बने. इसके बाद भाजपा की मुन्नी देवी ने लगातार दो बार इस सीट पर जीत दर्ज की.
2015 में आरजेडी ने यह सीट दोबारा अपने कब्जे में ली और राहुल तिवारी विधायक बने. 2020 में भी उन्होंने भाजपा की मुन्नी देवी को हराकर दूसरी बार जीत हासिल की. शाहपुर में राहुल तिवारी के पास जीत की हैट्रिक लगाने का मौका होगा.
इस सीट पर यादव और ब्राह्मण मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं, जबकि कुर्मी और राजपूत मतदाताओं का भी असर देखा जाता है.
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डीसीएच/जीकेटी
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