नई दिल्ली, 10 मई . पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ चुका है. भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की, जिसमें किसी नागरिक और सैन्य ठिकाने को टारगेट नहीं किया गया. इसके जवाब में पाकिस्तान की ओर से लगातार भारत के सैन्य और नागरिक ठिकानों पर हमले जारी हैं. दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देशों के बीच तनाव पर वैश्विक चिंताएं भी बढ़ गई हैं.
पाकिस्तान ने कोई कार्रवाई होने पर भारत के खिलाफ कई बार परमाणु बम का इस्तेमाल करने की गीदड़ भभकी दी है. मौजूदा स्थिति में पाकिस्तान लगातार भारत पर ड्रोन, मिसाइल के साथ हवाई क्षेत्रों में हमले कर रहा है और सीमापार से बिना उकसावे के गोलाबारी भी कर रहा है. भारतीय सेना लगातार प्रभावी जवाबी कार्रवाई कर रही है और पाकिस्तान को करारा जवाब दिया जा रहा है.
शनिवार को भी पाकिस्तान ने भारत के कई क्षेत्रों में हमले किए. पाकिस्तान की तरफ से भारत की पश्चिमी सीमा और एलओसी पर अपनाए गए आक्रामक रवैये के जवाब में, भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कई अहम सैन्य ठिकानों पर जोरदार हमला किया. जिन जगहों को निशाना बनाया गया, उनमें पाक सेना के तकनीकी केंद्र, कमांड सेंटर, रडार और गोला-बारूद के बड़े भंडार शामिल थे.
इसी बीच, अमेरिका ने दोनों परमाणु शक्ति संपन्न पड़ोसियों से बातचीत शुरू करने और बढ़ते तनाव को कम करने की अपील की है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के शनिवार को नेशनल कमांड अथॉरिटी की एक बैठक बुलाने की खबर आई. नेशनल कमांड अथॉरिटी नागरिक और सैन्य अधिकारियों की सबसे बड़ी संस्था है, जो देश की सुरक्षा से जुड़े फैसले लेती है, जिनमें परमाणु हथियारों से संबंधित निर्णय भी शामिल हैं. हालांकि, बाद में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने साफ किया कि ऐसी कोई बैठक तय नहीं है.
भारत-पाकिस्तान दुनिया के सबसे सघन आबादी वाले क्षेत्रों में आते हैं. परमाणु बम का इस्तेमाल यहां जानमाल की अकल्पनीय तबाही मचा सकता है. तमाम आशंकाओं के बीच माना जा रहा है कि दोनों ही देश परमाणु बम का इस्तेमाल करने जैसे चरम हालातों से बचना चाहेंगे.
सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार का कहना है कि अगर भारत हमले बंद करता है तो हम भी हमले बंद करने पर विचार करेंगे. हालांकि, पाकिस्तान भारत की तरह परमाणु बम का पहले इस्तेमाल नहीं करने की प्रतिबद्धता में नहीं बंधा है. दूसरी ओर भारत का रुख स्पष्ट है कि पाकिस्तान ऐसा कोई दुस्साहस करता है तो उसे कड़ा सबक सिखाया जाएगा.
भारत और पाकिस्तान अपनी सैन्य शक्ति के मामले में हमेशा से चर्चाओं में रहे हैं. द मिलिट्री बैलेंस 2024, इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज- ईयरबुक 2024, स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों देशों की सैन्य ताकत में बड़ा अंतर है.
भारत के पास 14.8 लाख सक्रिय सैन्य कर्मी हैं, जबकि पाकिस्तान के पास 6.6 लाख कर्मी हैं. भारत की सेना में 12,37,000 सैनिक, 1,49,900 वायु सेना कर्मी, 75,500 नौसेना कर्मी और 13,350 तटरक्षक बल शामिल हैं. दूसरी ओर, पाकिस्तान की सेना में 5,60,000 सैनिक, 70,000 वायु सेना कर्मी और 30,000 नौसेना कर्मी हैं. यह स्पष्ट है कि भारत के पास सक्रिय सैन्य बलों की संख्या पाकिस्तान से दोगुनी से भी अधिक है.
जमीनी ताकत में भी भारत का दबदबा है. भारत के पास 9,743 तोपखाने (आर्टिलरी) और 3,740 मुख्य युद्धक टैंक हैं, जबकि पाकिस्तान के पास 4,619 तोपखाने और 2,537 टैंक हैं. यह अंतर भारत की जमीनी ताकत को और मजबूत करता है.
वायु सेना में भारत के पास 730 लड़ाकू विमान हैं, जबकि पाकिस्तान के पास 452 विमान हैं. यह अंतर भारत को हवाई युद्ध में बढ़त देता है.
हालांकि, इस रिपोर्ट के अनुसार, परमाणु शक्ति के मामले में दोनों देश लगभग बराबर हैं. भारत के पास 172 परमाणु हथियार हैं, जबकि पाकिस्तान के पास 170 हथियार हैं.
नौसेना में भी भारत का पलड़ा भारी है. भारत के पास 16 पनडुब्बियां, 2 विमानवाहक पोत, 11 डिस्ट्रॉयर और 16 फ्रिगेट हैं. वहीं, पाकिस्तान के पास 8 पनडुब्बियां और 10 फ्रिगेट हैं. पाकिस्तान के पास एक भी विमानवाहक पोत नहीं है. भारत की नौसेना साफतौर पर अधिक सशक्त है.
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एएस/एबीएम
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