उधमपुर/पठानकोट,11 मई . भारत-पाकिस्तान के बीच 10 मई की शाम सीजफायर का ऐलान हुआ. सरहदी इलाकों में रह रहे लोगों की अगली सुबह धमाकों की गूंज के बीच नहीं हुई. रविवार को उधमपुर और पठानकोट के लोगों से समाचार एजेंसी ने बातचीत की. जिन्होंने कहा कि अब शांति कायम है.
पठानकोट में रहने वाले किशन कुमार ने कहा कि भारत-पाक के बीच 10 मई की शाम को सीजफायर होने के बाद पाकिस्तान ने रात को फिर से गोलीबारी और ड्रोन दागे. हमारी सेना ने हवा में सारे ड्रोन को तबाह कर दिया और गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया. आज स्थिति सामान्य है. लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं. बीते तीन दिनों तक ब्लैकआउट रहा. शाम के बाद सभी को घर पर रहने के निर्देश जिला प्रशासन की ओर से दिए गए थे. हम अपनी सेना और सरकार के साथ हैं, आगे जो भी कदम उठाए जाएंगे, हम उनके साथ रहेंगे.
सुशील कुमार ने बताया कि बीते तीन दिन काफी मुश्किल भरे रहे हैं. शाम होते ही बिजली काट दी जाती थी. आज काफी शांति है. सीजफायर के बाद पाकिस्तानी सेना ने फिर से नापाक हरकत की. लेकिन हमारी सेना लगातार पाकिस्तान के ड्रोन को नष्ट करने में सफल रही. गुलशन ने बताया कि भारत-पाक तनाव के बीच काम काफी प्रभावित हुआ है. आज सुबह थोड़ी राहत जरूर है. लेकिन, बीते तीन दिनों में रात भर धमाकों की आवाज में हम लोग काफी दहशत में थे. हालांकि, हम अपनी सेना का धन्यवाद करना चाहते हैं, जो हमारी सुरक्षा के लिए लगातार पाकिस्तानी सेना को जवाब दे रही है.
उधमपुर के एक स्थानीय ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लिए खुशखबरी यह है कि भारत ने अपनी शर्तों पर सीजफायर किया. भारत अमन-चैन और शांति चाहता है. रविवार को सब शांत है. भारतीय सेना के पराक्रम से यह संभव हुआ है. हम शांति प्रिय देश हैं, लेकिन पाकिस्तान कोई नापाक हरकत करेगा तो उसे हमारी सेना मुंहतोड़ जवाब देगी. मैं चाहता हूं कि सभी संयम बनाए रखें, हमारी सेना हमारी सुरक्षा में तैनात है.
–
डीकेएम/केआर
The post first appeared on .
You may also like
सोना चांदी के भाव 12 मई 2025, देखें आपके शहर में क्या चल रहे है रेट
रेड 2 की बॉक्स ऑफिस सफलता: 11वें दिन की कमाई और रिकॉर्ड तोड़ने की कहानी
ज़ेलेंस्की ने कहा पुतिन से सीधी बातचीत के लिए तैयार, तुर्की में करेंगे इंतज़ार
वायरल डॉक्यूमेंट्री में देखें राजस्थान का वो रहस्यमयी मंदिर, जिसे भूतों ने एक ही रात में बनाया था
अमिताभ बच्चन ने लिया रामायण की पंक्तियों का सहारा, शेयर की बाबूजी की वो कविता जो भीषण युद्ध के वक्त लिखी गई