उत्तरकाशी, 18 अक्टूबर . लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी मसूरी से आए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 15 प्रशिक्षु अधिकारियों ने उत्तरकाशी स्थित नेहरू पर्वतारोहण संस्थान का दौरा किया. इस भ्रमण का मुख्य उद्देश्य प्रशिक्षु अधिकारियों को पर्वतीय जीवन, साहसिक प्रशिक्षण और पर्यावरणीय संवेदनशीलता से परिचित कराना था.
यह दौरा प्रशासनिक अधिकारियों के लिए नेतृत्व, अनुशासन और टीम वर्क जैसे गुणों को विकसित करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है, जो उनकी भावी जिम्मेदारियों के लिए आवश्यक हैं.
भ्रमण की शुरुआत नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के कॉन्फ्रेंस हॉल में एक परिचय सत्र के साथ हुई. इस दौरान प्रशिक्षु अधिकारियों को संस्थान की स्थापना, इसके प्रशिक्षण मॉड्यूल और India में पर्वतारोहण संस्कृति को बढ़ावा देने में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में विस्तार से बताया गया.
अधिकारियों ने बेसिक माउंटेनियरिंग कोर्स पर आधारित एक प्रेरक डॉक्यूमेंट्री देखी, जिसमें पर्वतारोहण के तकनीकी और मनोवैज्ञानिक पहलुओं को दर्शाया गया. इसके अतिरिक्त, उन्होंने स्पोर्ट क्लाइंबिंग का लाइव प्रदर्शन भी देखा, जिसने उन्हें साहसिक गतिविधियों की चुनौतियों और रोमांच से रूबरू कराया.
इसके पश्चात, प्रशिक्षु अधिकारियों ने हिमालय संग्रहालय का भ्रमण किया. इस संग्रहालय में पर्वतारोहण के ऐतिहासिक विकास, उपयोग में लाए जाने वाले उपकरणों और विश्व प्रसिद्ध पर्वतारोहण अभियानों से संबंधित प्रदर्शनी ने उनका ध्यान आकर्षित किया.
संग्रहालय में उत्तराखंड की समृद्ध लोक संस्कृति, पारंपरिक जीवनशैली और स्थानीय समुदायों के पर्यावरण के साथ सामंजस्य को दर्शाने वाली प्रदर्शनियां भी शामिल थीं. यह अनुभव प्रशिक्षु अधिकारियों के लिए पर्वतीय क्षेत्रों की सांस्कृतिक और पर्यावरणीय संवेदनशीलता को समझने में सहायक रहा.
इस अवसर पर नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के उप प्रधानाचार्य कैप्टन जी. संतोष कुमार ने अपने संबोधन में कहा, “पर्वतारोहण केवल शारीरिक गतिविधि नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा माध्यम है जो अनुशासन, नेतृत्व और टीम वर्क की भावना को मजबूत करता है. ये सभी गुण प्रशासनिक सेवा में कार्यरत अधिकारियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं.”
उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों को इस अनुभव को अपने पेशेवर जीवन में आत्मसात करने की सलाह दी. इस दौरे में संस्थान के रजिस्ट्रार प्रवीन कुमार और प्रशिक्षकगण भी उपस्थित रहे, जिन्होंने प्रशिक्षुओं को विभिन्न गतिविधियों और प्रशिक्षण प्रक्रियाओं के बारे में विस्तार से बताया.
प्रशिक्षु अधिकारियों ने इस भ्रमण को अपने जीवन का एक प्रेरणादायी और उपयोगी अध्याय बताया. उन्होंने कहा कि निम का यह अनुभव न केवल उनके व्यक्तिगत विकास में सहायक होगा, बल्कि यह उन्हें जटिल प्रशासनिक चुनौतियों का सामना करने के लिए भी प्रेरित करेगा.
यह दौरा प्रशिक्षु अधिकारियों के लिए पर्वतीय क्षेत्रों की चुनौतियों, संस्कृति और पर्यावरणीय महत्व को समझने का एक अनूठा अवसर रहा. नेहरू पर्वतारोहण संस्थान ने एक बार फिर साबित किया कि यह न केवल पर्वतारोहियों, बल्कि देश के भावी प्रशासकों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है.
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एकेएस/एएस
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