वाराणसी, 4 मई . पद्मश्री से सम्मानित और योग साधना के प्रतीक शिवानंद बाबा ने शनिवार रात लगभग 9 बजे बीएचयू अस्पताल में अंतिम सांस ली. उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई अन्य नेताओं ने श्रद्धांजलि दी.
प्रधानमंत्री मोदी ने शिवानंद बाबा को श्रद्धांजलि देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर (उनके साथ खींची गई एक तस्वीर के साथ) लिखा, “योग साधक और काशी निवासी शिवानंद बाबा जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है. योग और साधना को समर्पित उनका जीवन देश की हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा. योग के जरिए समाज की सेवा के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित भी किया गया था. शिवानंद बाबा का शिवलोक प्रयाण हम सब काशीवासियों और उनसे प्रेरणा लेने वाले करोड़ों लोगों के लिए अपूरणीय क्षति है. मैं इस दुख की घड़ी में उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं.”
सीएम योगी आदित्यनाथ ने शिवानंद बाबा को श्रद्धांजलि देते हुए एक्स पर लिखा, “योग के क्षेत्र में अप्रतिम योगदान देने वाले काशी के प्रख्यात योग गुरु ‘पद्म श्री’ स्वामी शिवानंद जी का निधन अत्यंत दुखद है. उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! आपकी साधना एवं योगमय जीवन संपूर्ण समाज के लिए महान प्रेरणा है. आपने अपना पूरा जीवन योग के विस्तार में समर्पित कर दिया. बाबा विश्वनाथ से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को सद्गति एवं उनके शोकाकुल अनुयायियों को यह अथाह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें. ॐ शांति!”
भाजपा सांसद संबित पात्रा ने एक्स पर लिखा, “योग साधक ‘पद्मश्री’ शिवानंद बाबा जी के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है. योग और साधना को समर्पित उनका संपूर्ण जीवन हम सभी के लिए प्रेरणादायक है. बाबा विश्वनाथ से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को सद्गति एवं उनके शोकाकुल अनुयायियों को यह अथाह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें. ॐ शांति!”
यूपी सरकार में मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु ने लिखा, “काशी नगरी ने आज अपना एक अनमोल रत्न खो दिया. 129 वर्षीय योग गुरु, पद्मश्री सम्मानित स्वामी शिवानंद जी के निधन की खबर अत्यंत दुखद और भावुक कर देने वाली है. उनका जाना केवल एक संत का जाना नहीं है, बल्कि योग, संयम, सेवा और सादगी की एक जीवित परंपरा का अवसान है. बाबा शिवानंद जी का जीवन स्वयं में एक प्रेरणा था. उन्होंने बिना रोग के, बिना विलासिता के, और बिना किसी दिखावे के 129 वर्षों का संतुलित जीवन जिया. वे प्रतिदिन योग, प्राणायाम और ध्यान करते थे. उनका भोजन सात्विक, जीवन संयमित और विचार अत्यंत निर्मल थे.”
“2022 में जब उन्होंने राष्ट्रपति भवन में पद्मश्री सम्मान प्राप्त करते समय साष्टांग दंडवत किया, तो पूरा देश उनकी विनम्रता और भारतीय संस्कृति के प्रति समर्पण को देख भाव-विभोर हो गया था. उनका जीवन संदेश देता है कि दीर्घायु और स्वास्थ्य केवल दवाओं से नहीं, बल्कि साधना, संतुलन और सरलता से प्राप्त होता है. आज भारत ने एक सच्चा योगी, तपस्वी और जीवन की कला सिखाने वाला गुरु खो दिया. बाबा शिवानंद जी को विनम्र श्रद्धांजलि. ॐ शांति!”
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एक्स पर लिखा, “योग के साथ अनुशासित व संयमित जीवन शैली से 128 वर्ष की आयु तक सक्रिय रहे पद्मश्री से सम्मानित योग गुरु शिवानंद बाबा जी का निधन काशी ही नहीं, बल्कि देश के लिए अपूरणीय क्षति है. उनके चरणों में श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए नमन करता हूं. श्रद्धेय शिवानंद बाबा प्राचीनतम योग विद्या, भारतीय संस्कृति और परंपराओं को आत्मसात करने वाली ऐसी जीवन शैली के प्रतीक और प्रमाण थे, जो हम सभी के लिए लोककल्याण और उत्कृष्ट जीवन शैली हेतु प्रेरणादायक है. बाबा विश्वनाथ जी से प्रार्थना है कि दिवंगत की पुण्यात्मा को शांति प्रदान कर अपने श्रीचरणों में स्थान दें, उनके प्रशंसकों को अपार आघात सहन करने की क्षमता प्रदान करें. ॐ शांति.”
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पीएसके/केआर
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