Next Story
Newszop

दिल्ली में बोडोफा उपेंद्र नाथ को श्रद्धांजलि, गृह मंत्री शाह ने उनकी प्रतिमा का किया अनावरण

Send Push

नई दिल्ली, 1 मई . बोडो समुदाय के महान नेता बोडोफा उपेंद्र नाथ ब्रह्मा की 35वीं पुण्यतिथि के अवसर पर गुरुवार को नई दिल्ली के कैलाश कॉलोनी में श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन क‍िया गया. कार्यक्रम के दौरान कैलाश कॉलोनी में एक प्रमुख सड़क का नाम बोडोफा उपेंद्र नाथ ब्रह्मा मार्ग रखा गया और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उनकी प्रतिमा का अनावरण भी किया.

इस अवसर पर शाह ने कहा कि बोडोफा न केवल असम और बोडोलैंड के लिए, बल्कि पूरे देश की जनजातियों के सम्मान और संघर्ष के प्रतीक हैं. उन्होंने कहा, “बोडोफा की प्रतिमा देश भर की उन छोटी जनजातियों को सम्मान है, जो वर्षों से अपनी पहचान, भाषा और संस्कृति के लिए संघर्ष करती आई हैं.”

कार्यक्रम की शुरुआत में हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए नागरिकों को श्रद्धांजलि दी गई. शाह ने कहा, “यह केवल उनके परिवारों की नहीं, पूरे देश की क्षति है. आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक इसे जड़ से समाप्त नहीं किया जाता. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ नीति अडिग है.”

असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्व सरमा ने कहा कि उपेंद्र नाथ ब्रह्मा ने असम और बोडो समुदाय की संस्कृति, आत्म-सम्मान और अधिकारों की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित किया. उन्होंने कहा कि पहले आंदोलन हिंसा की ओर बढ़ रहा था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह के नेतृत्व में 2020 में बोडो शांति समझौता हुआ और आज असम शांति और विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है.

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली को देश की आत्मा बताया और कहा कि यहां सभी राज्यों के लोग सम्मानपूर्वक रहते हैं. उन्होंने कहा कि बोडोफा की प्रतिमा और उनके नाम पर सड़क दिल्लीवासियों के लिए भी गर्व की बात है. उन्होंने कहा कि आज दिल्ली में उनकी प्रतिमा स्थापित की गई है, जो सम्मान की बात है.

इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्व सरमा, दिल्ली की महापौर रेखा गुप्ता, नई दिल्ली से सांसद बांसुरी स्वराज समेत कई गणमान्य व्यक्ति मंच पर उपस्थित रहे.

कार्यक्रम में दिल्ली और असम से बड़ी संख्या में आए बोडो समुदाय के लोगों ने भाग लिया. यह आयोजन न केवल बोडोफा की स्मृति को सम्मानित करता है, बल्कि देशभर की जनजातीय अस्मिता के लिए एक प्रेरणास्रोत के रूप में भी देखा जा रहा है.

डीएससी/

The post first appeared on .

Loving Newspoint? Download the app now