UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) के CEO भूवनेश कुमार ने देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि स्कूलों में शिविर लगाकर बच्चों के लंबित आधार बायोमेट्रिक अपडेट का कार्य जल्द से जल्द पूरा किया जाए. इस कदम का उद्देश्य यह है कि भविष्य में बच्चों को सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में कोई परेशानी न हो.
5 से 15 वर्ष की आयु में आधार अपडेट क्यों जरूरी है
UIDAI ने स्पष्ट किया है कि बच्चों के लिए 5 वर्ष और फिर 15 वर्ष की उम्र में आधार बायोमेट्रिक अपडेट करवाना अनिवार्य है. इसका कारण यह है कि इन उम्रों में बच्चों के फिंगरप्रिंट्स और आईरिस में बदलाव आते हैं. समय पर अपडेट न कराने से आधार में दर्ज जानकारी पुरानी हो जाती है, जिससे वेरिफिकेशन में दिक्कतें आती हैं. सही और विश्वसनीय डेटा के लिए यह अपडेट बेहद जरूरी है.
17 करोड़ बच्चों का आधार अपडेट लंबित
रिपोर्ट के मुताबिक, देश में करीब 17 करोड़ बच्चों का आधार बायोमेट्रिक अपडेट फिलहाल लंबित है. अगर समय पर अपडेट नहीं कराया गया, तो बच्चों को भविष्य में कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. इसी वजह से UIDAI ने यह नई पहल शुरू की है.
स्कूलों में आसान अपडेट सुविधा
समस्या के समाधान के लिए UIDAI ने शिक्षा विभाग के साथ मिलकर स्कूलों में बायोमेट्रिक अपडेट की नई सुविधा शुरू की है. अब UDISE+ ऐप के जरिए स्कूलों को पता चल सकेगा कि किन छात्रों का बायोमेट्रिक अपडेट लंबित है. इससे स्कूलों के लिए यह कार्य आसान हो जाएगा और करोड़ों बच्चों का आधार समय पर अपडेट हो सकेगा.
समय पर बायोमेट्रिक अपडेट नहीं कराने के नुकसान
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बच्चों को भविष्य में छात्रवृत्ति या अन्य सरकारी लाभ पाने में दिक्कत आ सकती है.
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नीट, जेईई, सीयूईटी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में रजिस्ट्रेशन व वेरिफिकेशन में परेशानी होगी.
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सही बायोमेट्रिक न होने से पहचान सत्यापन में दिक्कत आ सकती है.
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देरी होने पर भीड़ व लंबी कतारों में लगना पड़ सकता है.
UIDAI ने राज्यों से की अपील
UIDAI प्रमुख ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से स्कूलों में विशेष शिविर लगाकर यह कार्य जल्द पूरा करने की अपील की है. उन्होंने बताया कि UIDAI और शिक्षा विभाग की तकनीकी टीम ने UDISE+ ऐप पर एक विशेष समाधान विकसित किया है, जिससे कोई भी बच्चा जरूरी दस्तावेज न होने के कारण किसी भी अवसर से वंचित न रहे.
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