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बिहार दौरे पर पीएम मोदी... तेजस्वी यादव का निशाना, उठाए पुराने वादों और मौजूदा हालात पर सवाल

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को बिहार के पूर्णिया जिले के दौरे पर हैं। इस दौरान करोड़ों की विकास योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन होने वाला है। हालांकि, चुनावी माहौल में उनके इस दौरे को लेकर राजनीतिक बयानबाज़ी भी तेज हो गई है। आरजेडी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर प्रधानमंत्री को कई मुद्दों पर कटघरे में खड़ा किया।

तेजस्वी का सीधा सवाल

तेजस्वी यादव ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा कि पीएम मोदी को अपनी रैली से पहले उस क्षेत्र की असली समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभा स्थल से कुछ किलोमीटर की दूरी पर जर्जर सड़कें, शिक्षकविहीन स्कूल, संसाधनों से वंचित स्वास्थ्य केंद्र और बेरोजगारी व पलायन की मार झेलते लोग सरकार से सवाल पूछ रहे हैं। साथ ही उन्होंने पूर्णिया मेडिकल कॉलेज की बदहाल स्थिति का जिक्र करते हुए पीएम से पूछा कि क्या उन्होंने इसे देखा है।

रैलियों के खर्च पर कटाक्ष


तेजस्वी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री की एक रैली बिहार जैसे गरीब राज्य पर लगभग 100 करोड़ रुपये का बोझ डालती है। उन्होंने कहा कि अब तक हुई कई रैलियों पर खर्च हुए हजारों करोड़ रुपये का इस्तेमाल अगर स्कूलों की चारदीवारी, खेल मैदान, लड़कियों के लिए अलग शौचालय और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार पर किया जाता, तो बिहार की तस्वीर काफी बदल सकती थी।

भीड़ जुटाने की मजबूरी पर तंज

आरजेडी नेता ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री के आगमन पर शिक्षकों को पढ़ाई छोड़कर रैली की व्यवस्था में लगाया जाता है। सरकारी कर्मचारियों, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, जीविका दीदियों और अन्य कर्मियों पर भीड़ जुटाने का दबाव डाला जाता है। तेजस्वी ने तंज कसते हुए पूछा कि क्या प्रधानमंत्री को याद है उन्होंने 11 साल पहले इसी पूर्णिया से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का वादा किया था? और अगर याद है, तो अब तक उस वादे का क्या हुआ?

"झूठ और जुमले" का आरोप

तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री पर यह भी आरोप लगाया कि वे बिहार आकर सिर्फ खोखले वादे और जुमले बेचते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी 11 साल की केंद्र की नाकामियों और NDA की 20 साल की नीतिगत विफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए ‘जंगलराज’ की बात करती है। लेकिन अब बिहारवासी इस हकीकत से वाकिफ हैं और उन्हें बहलाना इतना आसान नहीं है।

चुनावी सियासत गरमाई

प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा जहां भाजपा और एनडीए के लिए चुनावी माहौल बनाने का मौका है, वहीं विपक्ष इसे वादाखिलाफी और खोखले दावों का प्रतीक बताकर जनता तक अपना संदेश पहुंचाने की कोशिश कर रहा है। तेजस्वी यादव के तीखे सवालों से साफ है कि बिहार चुनाव से पहले राजनीतिक गर्मी अपने चरम पर पहुंच चुकी है।

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