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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: 'दो सीटें कम-ज्यादा नहीं मायने रखतीं, लेकिन जीत जरूरी है…', चिराग पासवान ने रखी बड़ी शर्त!

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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने सीटों के बंटवारे को लेकर अपनी शर्त रख दी है। चिराग ने स्पष्ट किया कि उनके लिए सीटों की संख्या से ज्यादा उसकी क्वालिटी मायने रखती है। उनका जोर इस बात पर है कि वे केवल उन सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं, जिन पर उन्हें 100 प्रतिशत जीत का भरोसा हो। चिराग पासवान ने एक यूट्यूब चैनल से बातचीत में कहा, "लोकसभा की तरह ही विधानसभा में भी मैं उन सीटों को लेना चाहूंगा, जिन पर मैं शत प्रतिशत जीत दर्ज कर सकूं। लोकसभा में मुझे यही हासिल हुआ था और विधानसभा में भी मैं यही सुनिश्चित करना चाहता हूं। दो सीटें ज्यादा या कम मायने नहीं रखतीं, लेकिन जीत की गारंटी वाली सीटें मेरे लिए अहम हैं। इसी आधार पर सीटों का बंटवारा होना चाहिए।"

लोकसभा चुनाव का लगातार जिक्र


पिछले साल (2024) हुए लोकसभा चुनाव में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने पांच सीटों पर शानदार प्रदर्शन किया था। उन्होंने स्वयं जीत हासिल की और बाकी सभी प्रत्याशियों ने भी अपने क्षेत्र में सफलता पाई। इस कारण चिराग लगातार 100 प्रतिशत स्ट्राइक रेट का हवाला देते रहते हैं। अब सवाल यह उठता है कि क्या इस रणनीति का असर आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण पर भी दिखाई देगा।

एनडीए में सीटों का संभावित बंटवारा

बिहार में कुल 243 विधानसभा सीटें हैं और एनडीए में पांच दल चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। बीते गुरुवार (18 सितंबर, 2025) को नीतीश कुमार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की बैठक भी हुई। सूत्रों की मानें तो सीट शेयरिंग का ताजा आंकड़ा कुछ इस प्रकार है:



जेडीयू: 102-103 सीटें


बीजेपी: 101-102 सीटें

एलजेपी रामविलास (चिराग पासवान की पार्टी): 25-28 सीटें

हम (जीतन राम मांझी की पार्टी): 6-7 सीटें

आरएलएम (उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी): 4-5 सीटें

इस बंटवारे से स्पष्ट होता है कि एनडीए का ध्यान संतुलन बनाकर चुनाव लड़ने पर है, वहीं चिराग पासवान का फोकस जीत की सुनिश्चित सीटों पर ही है, न कि कुल संख्या पर।

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