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ऋतुराज गायकवाड़ की जोरदार वापसी, शतक से दिखाया क्लास

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भारतीय क्रिकेट टीम के उभरते सितारे ऋतुराज गायकवाड़ ने कोहनी की गंभीर चोट से उबरने के बाद क्रिकेट के मैदान पर जबरदस्त वापसी करते हुए एक शानदार शतक जड़कर ना सिर्फ अपनी फिटनेस का सबूत दिया, बल्कि चयनकर्ताओं को भी स्पष्ट संदेश दे दिया कि वह अभी भी राष्ट्रीय टीम की रेस में मजबूती से टिके हुए हैं।

मैदान में लौटा आत्मविश्वास

गायकवाड़ ने यह बेहतरीन पारी घरेलू टूर्नामेंट के एक अहम मुकाबले में खेली, जहां उन्होंने संयम, तकनीक और आक्रामकता का बेहतरीन मिश्रण दिखाया। उन्होंने 112 गेंदों पर 104 रन की पारी खेली, जिसमें 12 चौके और 3 गगनचुंबी छक्के शामिल थे।

यह पारी सिर्फ आंकड़ों की कहानी नहीं थी, बल्कि यह एक खिलाड़ी की मानसिक और शारीरिक दृढ़ता का प्रतीक थी, जो महीनों तक रिहैबिलिटेशन और सीमित ट्रेनिंग के बावजूद मैदान पर उसी आत्मविश्वास से लौटा जैसा वह चोट से पहले था।

गायकवाड़ का बयान: “हर रन मेरे लिए संघर्ष था”

मैच के बाद ऋतुराज गायकवाड़ ने मीडिया से बातचीत में कहा,

“चोट के समय खुद को टूटने से बचाना सबसे बड़ी चुनौती थी। यह शतक सिर्फ रन नहीं है, यह मेरी मेहनत, धैर्य और वापसी की कहानी है। हर रन मेरे लिए संघर्ष था।”

चोट और रिहैब का सफर

गायकवाड़ को कुछ महीने पहले कोहनी में स्ट्रेस फ्रैक्चर हुआ था, जिसकी वजह से उन्हें रणजी ट्रॉफी और भारत ए टीम से बाहर रहना पड़ा। उन्होंने बेंगलुरु स्थित राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (NCA) में फिटनेस बहाली की प्रक्रिया पूरी की और फिर दोबारा मैदान में लौटे।

उनकी वापसी टीम मैनेजमेंट के लिए भी राहत की खबर है, क्योंकि भारतीय टॉप ऑर्डर में एक स्थायी विकल्प की तलाश लंबे समय से जारी है।

राष्ट्रीय टीम में वापसी की उम्मीद

गायकवाड़ की इस पारी ने चयनकर्ताओं को निश्चित रूप से प्रभावित किया है। आगामी घरेलू सीरीज़ और T20 टूर्नामेंट्स में यदि उन्हें मौका मिलता है, तो यह पारी उनका दावा मजबूत कर सकती है। क्रिकेट पंडितों का मानना है कि “इस तरह की वापसी ही असली टेस्ट होती है एक प्रोफेशनल एथलीट का।”

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