आज की तेज़-तर्रार जिंदगी में हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन एक आम लेकिन बेहद खतरनाक समस्या बन चुकी है। इसे ‘साइलेंट किलर’ कहा जाता है क्योंकि अक्सर इसके लक्षण साफ नज़र नहीं आते और व्यक्ति को पता ही नहीं चलता कि वह इस बीमारी से जूझ रहा है। लंबे समय तक अनकंट्रोल हाई ब्लड प्रेशर दिल, किडनी और दिमाग पर गंभीर असर डाल सकता है और हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ा देता है।
हाइपरटेंशन क्या है?
जब रक्त का दबाव लगातार सामान्य स्तर (120/80 mmHg) से अधिक रहने लगे तो इसे हाइपरटेंशन कहा जाता है।
- 120/80 mmHg = सामान्य
- 120–139 / 80–89 mmHg = प्री-हाइपरटेंशन
- 140/90 mmHg या अधिक = हाइपरटेंशन
हाइपरटेंशन क्यों है खतरनाक?
- हृदय पर लगातार दबाव डालता है, जिससे हार्ट अटैक और हार्ट फेल्योर का खतरा बढ़ जाता है।
- ब्रेन स्ट्रोक का मुख्य कारण है।
- धीरे-धीरे किडनी फेल्योर और दृष्टि कमजोर होने का कारण बन सकता है।
- ब्लड वेसेल्स को नुकसान पहुँचाकर शरीर के कई अंगों को प्रभावित करता है।
हाइपरटेंशन के सामान्य लक्षण
अक्सर शुरुआती दौर में कोई लक्षण दिखाई नहीं देते, लेकिन कुछ संकेतों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए:
- बार-बार सिरदर्द होना
- चक्कर आना या आँखों के सामने धुंधलापन
- सांस फूलना और सीने में दबाव
- थकान और नींद में कमी
- नाक से खून आना (गंभीर स्थिति में)
हाइपरटेंशन के मुख्य कारण
- ज्यादा नमक और तैलीय भोजन
- मोटापा और शारीरिक निष्क्रियता
- तनाव और नींद की कमी
- धूम्रपान और शराब का सेवन
- आनुवंशिक कारण (फैमिली हिस्ट्री)
हाइपरटेंशन से बचाव कैसे करें?
हाइपरटेंशन धीरे-धीरे शरीर को अंदर से नुकसान पहुँचाने वाला साइलेंट किलर है। इसे हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है। समय रहते लक्षण पहचानकर सही इलाज और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखा जा सकता है और हार्ट अटैक जैसी गंभीर स्थितियों से बचा जा सकता है।
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