निधिवन के वृक्षों का रहस्य

निधिवन में आपको अजब गजब भाव भंगिमा लिए वृक्ष नजर आएंगे। और आपके मन में सहसा सवाल उठेगा कि यह कौन से वृक्ष हैं। तो आपको बता दें कि यह बहुत ही पवित्र तुलसी के पेड़ हैं जिन्हें वनतुलसी कहते हैं। जब आप इन्हें स्पर्श करेंगे, तो आपको ऐसा अहसास होगा की आप किसी बुजुर्ग को स्पर्श कर रहे हैं। कहा जाता है कि यहां जाकर लोगों को भगवान कृष्ण की दिव्यता महसूस होती है और अद्भुत अहसास होता है। निधिवन में आपको हर जगह हरियाली नजर आएगी। इन वृक्षों की बनावट भी बेहद अनोखी और चमत्कारी प्रतीत होती है। इन पेड़ों की टहनियां आपस में एक-दूसरे को जकड़े हुए होती हैं। लोगों का ऐसा मानना है कि रात होते ही ये वृक्ष गोपियों का रूप धारण कर लेते हैं। इसके बाद, भगवान कृष्ण और राधा रानी गोपियों के साथ रास रचाते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि रात में निधिवन के पेड़ जगमगाने लगते हैं और वहां का वातावरण अद्भुत हो जाता है। यहां के वृक्षों की पत्तियों को लेकर मान्यता है कि इन्हें तोड़ना या स्पर्श नहीं करना चाहिए। क्योंकि यह गोपियों के शरीर के अंग हैं।
निधिवन के रंग महल का रहस्य
वृंदावन के निधिवन में एक रंग महल मंदिर मौजूद है। इसके पीछे के भी कई बड़े रहस्य बताए जाते हैं। इस मंदिर को लेकर कहा जाता है कि सूर्यास्त होने के समय पर निधिवन के इस मंदिर को पूरी तरह सजा दिया जाता है। इसके अंदर एक पान और पानी का जग रखा रहता है तथा यहां श्रृंगार का समान और बिस्तर भी सजाया जाता है। साथ ही, चंदन की लकड़ियां भी अंदर सजाई जाती हैं। ऐसा कहा जाता है कि सुबह के समय ये सभी चीजें अस्त व्यस्ति मिलती हैं, जैसे रात में किसी ने इनका इस्तेमाल किया हुआ हो। कहा जाता है कि श्रीकृष्ण यहां रात बिताते हैं और ये सभी चीजें उन्हें के द्वारा इस्तेमाल की जाती हैं। रात के समय भगवान कृष्ण और राधा रानी निधिवन में अपनी गोपियों के साथ नृत्य भी करते हैं।
रात में निधिवन में जाने की क्यों नहीं है इजाजत
वृंदावन के निधिवन को सूर्यास्त के तुरंत बाद बंद कर दिया जाता है। साथ ही, इसके आसपास लोगों को ठहरने की इजाजत भी नहीं दी जाती है। लोगों का ऐसा मानना है कि रात के समय निधिवन में भगवान कृष्ण और राधा रानी अपनी गोपियों के साथ रास रचाने के लिए आते हैं। अगर कोई व्यक्ति गलती से उन्हें देख ले या उस समय निधिवन में मौजूद हो, तो वह अपने होश खो बैठता है। ऐसा भी माना जाता है कि रात के समय निधिवन रुकने वाले लोगों की मृत्यु हो जाती है। यही कारण है कि रात में इस जगह पर जाने की मनाही होती है। कहा जाता है कि निधिवन में जब भी कोई व्यक्ति रुका है और उसे ढूंढा गया तो उनमें से किसी की दृष्टि चली गई थी, किसी ने अपने होश खो रखे थे और कई लोगों की जान भी चली गई। इस बात का कोई ठोस प्रमाण नहीं मिल पाया है कि यहां की घटनाएं सच्ची हैं या नहीं। लेकिन निधिवन में आने वाले लोग यहां भगवान कृष्ण की दिव्यता को महसूस करते हैं और यहां उन्हें श्रीकृष्ण की उपस्थिति का अहसास होता है। इसी के चलते इन घटनाओं को लोग सत्य भी मानते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि शाम होते ही वन में मौजूद वानर भी यहां से निकल जाते हैं।
निधिवन का बांके बिहारीजी से क्या है नाता

निधिवन के बारे में एक खास बात यह भी है कि इसी वन में स्वामी हरिदासजी भगवान श्रीकृष्ण की साधना किया करते थे। एक बार एक व्यक्ति राधा कृष्ण के लिए लाहौरी इत्र लेकर आया और भाव में डूबे हरिदास जी ने उसे भूमि पर पलट दिया। कहते हैं कि जो व्यक्ति इत्र लेकर आया था वह जब बांके बिहारी के मंदिर में गया तो देखा कि उसी इत्र से बांके बिहारीजी नहाए हुए हैं और पूरा मंदिर सुगंधित हुआ। और यह भी कहते हैं इसी निधि वन में स्वामी हरिदासजी की विनती पर श्रीराधा और कृष्ण जो साक्षात उनके सामने प्रकट हुए थे। शालिग्राम विग्रह में एकाकार हो गए थे और वही मूर्ति आज बांके बिहारी मंदिर में स्थित है। इसलिए निधिवन में स्वामी हरिदासजी का भी मंदिर बना हुआ है।
वृंदावन कैसे पहुंचे और यहां किन बातों का ध्यान रखें
दिल्ली से वृंदावन आप साढ़े तीन या चार घंटे में आसानी से पहुंच सकती हैं। यहां आप ट्रेन, बस या अपनी गाड़ी के जरिए आसानी से पहुंच सकते हैं। अगर आप बस या रेलगाड़ी से वृंदावन जाते हैं, तो किराया भी बहुत कम लगता है। यहां पहुंचने के बाद कुछ बातों का ख्याल रखना भी जरूरी होता है। वृंदावन में अपने पर्स, चश्मे, फोन आदि वस्तुओं को संभालकर रखें वरना वहां के बंदर आपके सामान को छीन सकते हैं। निधिवन जाते समय हर नियम का पालन जरूर करें और यहां रात में रुकने का प्रयास न करें।
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