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अब भाषा को भी निवेश करना होगा

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जब आपने आखिरी बार किसी म्यूचुअल फंड का विज्ञापन देखा तो क्या उसमें कोई महिला निवेश करती दिखी? नहीं ना? हमें भी नहीं दिखी। ऐसे समय में जब देश की वित्त मंत्री महिला हैं और घर की होम मिनिस्टर भी, तब भी निवेश की दुनिया में महिलाओं की यह अदृश्यता सिर्फ बाज़ार की नहीं, भाषा की भी चालाकी है। ‘निवेशक’ शब्द सुनते ही हमारे दिमाग में एक सूट-बूट पहने सज्जन की छवि बनती है जो स्टॉक मार्केट के ग्राफ पढ़ते हुए कहता है, ‘मुझे बाजार की समझ है।‘ पर क्या कभी आपने सुना है कि कोई महिला ‘बहुत अनुभवी निवेशक’ है? शायद नहीं। क्यों?क्योंकि निवेशक का स्त्रीलिंग कभी गढ़ा ही नहीं गया। शायद इसलिए कि यह मान लिया गया कि निवेश पुरुषों का ही काम है। घर के बजट से लेकर EMI, राशन और बच्चों की फीस तक, महिलाएं हर चीज का लेखा-जोखा रखती हैं। वे पूरे घर की CFO होती हैं, पर जब बात शेयर बाज़ार, SIP, म्यूचुअल फंड या टैक्स सेविंग की आती है तो यह जिम्मेदारी 'पापा', 'भाईसाहब', 'मैनेजर अंकल' या विज्ञापन एजेंसी के किसी हैंडसम मॉडल को दे दी जाती है, जबकि आज का एक सच यह भी है कि आधुनिक और युवा कामकाजी महिलाएं निवेश भी करती हैं, खुद कमाई भी करती हैं, खुद KYC फॉर्म भरती हैं, लेकिन उन्हें न भाषा पहचान देती है, न बाज़ार।और यहीं पर आंकड़े हमारी बात की तस्दीक करते हैं। पिछले कुछ बरसों में म्यूचुअल फंड में महिलाओं की भागीदारी तेजी से बढ़ी है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के अनुसार, मार्च 2024 तक महिलाओं के पास व्यक्तिगत निवेशकों की कुल संपत्ति का 33% हिस्सा है।महिलाओं द्वारा किए गए कुल म्यूचुअल फंड निवेश में साल 2019 में जहां 4.59 लाख करोड़ रुपये थे, वहीं 2024 तक यह बढ़कर 11.25 लाख करोड़ हो चुके हैं। यह सिर्फ आंकड़ों की बात नहीं - यह आर्थिक आत्मनिर्भरता और संपत्ति निर्माण की ओर महिलाओं के बढ़ते कदम हैं।इस बढ़ोतरी की एक बड़ी वजह है - सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) यानी नियोजित मासिक निवेश। पिछले 5 बरसों में SIP के जरिए निवेश की गई कुल राशि में 319% से भी ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। इतनी तेजी से बढ़ती भागीदारी के बावजूद, भाषाई ढांचा आज भी महिलाओं को निवेशक नहीं मानता।शब्द जब पहचान नहीं देते तो वह काम 'औपचारिक रूप से पुरुषों का' बन जाता है। यही वजह है कि निवेशक का स्त्रीलिंग कभी नहीं बना। लेकिन अब समय आ गया है कि भाषा भी gender audit से गुजरे। अगर महिला निवेश कर सकती है तो क्या वह 'निवेशक' नहीं हो सकती? या फिर हमें नए शब्द गढ़ने होंगे? निवेशका, निवेशिका, निवेशिनी - इनमें से कौन-सा शब्द उस महिला के लिए उपयुक्त होगा जो शेयर बाजार के ग्राफ भी पढ़ती है और घर का राशन भी संभालती है?आज की तारीख में लाखों महिलाएं मल्टिनैशनल कंपनियों में काम कर रही हैं, खुद के वित्तीय निर्णय ले रही हैं। सैलरी के साथ अपना टैक्स भरती हैं, SIP सेट करती हैं, क्रिप्टो तक में हाथ आजमाती हैं लेकिन भाषाई और विज्ञापन जगत उन्हें अब भी निवेशक के दायरे में नहीं मानता। उन्हें विज्ञापन और भाषा में प्रतिनिधित्व नहीं मिलता। यही वजह है कि हमें विज्ञापन एजेंसियों और वित्तीय संस्थानों से यह अपील करनी चाहिए कि वे महिलाओं को निवेशक के रूप में दिखाएं और तब तक हम सब मिलकर ‘निवेशक’ का एक स्त्रीलिंग शब्द तलाशें क्योंकि जब महिलाएं अर्थव्यवस्था में बराबरी से हिस्सा ले रही हैं तो भाषा को भी अपना हिस्सा देना होगा। अब सिर्फ शेयर बाज़ार नहीं, शब्दों की सत्ता भी साझा करनी है।इस हफ्ते का शब्द क्योंकि इस बार, सिर्फ शेयर बाजार नहीं, भाषा भी शेयर करनी है।
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