नई दिल्ली: नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली के सीलमपुर में गुरुवार रात को 'गैंगवॉर' में मारे गए मिसबाह (24) की हत्या आखिर क्यों की गई? सूत्रों का कहना है कि हाशिम बाबा गिरोह से जुड़ चुके मिसबाह ने गैंगस्टर मोहम्मद इरफान उर्फ छेनू के भाई रिजवान गाजी की हत्या की साजिश रच दी थी। इसका पता छेनू के गुर्गों को लग गया, जिन्होंने मिसबाह को ही मार दिया। पुलिस अब अलर्ट पर है, क्योंकि हाशिम बाबा गैंग से पलटवार का खतरा बना हुआ है।   
   
24 से ज्यादा गोलियां बरसाईनॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में गैंगवॉर का इतिहास रहा है कि हर हत्याकांड में 20 से 40 गोलियां बरसाई जाती हैं। सूत्रों का कहना है कि इसका मकसद टारगेट की हत्या होता है। मिसबाह के मर्डर में भी 24 से ज्यादा गोलियां बरसाई गई, जिसमें से उसके शरीर 15 से ज्यादा गोली लगीं। तीनों शूटर मौत सुनिश्चित होने के बाद ही वहां फरार हुए थे। हालांकि दिल्ली पुलिस के आला अफसर इस मर्डर को गैंगवॉर के बजाय रंजिश बता कर मामले को हल्का करने की कोशिश कर रहे हैं।
     
हाशिम बाबा गिरोह से था जुड़ापुलिस अब तक दो शूटरों प्रिंस गाजी और अब्दुला को पकड़ चुकी है, जबकि तीसरा सादिल फरार है। इस बीच, हाशिम बाबा गैंग से जुड़े मिसबाह की हत्या के पीछे की वजह यही आ रही सामने सोशल मीडिया पर छेनू-रिजवान ग्रुप नाम से मिसबाह के मर्डर की जिम्मेदारी लेने वाली पोस्ट भी वायरल हो रही है। दावा किया गया है कि मिसबाह से वापस गैंग में लौटने को कहा गया था... जो हाशिम बाबा गिरोह से जुड़ेगा, उसका यही हश्र होगा।
     
क्या हासिम बाबा ने मिसबाह को सौंप रखा था ये काममिसबाह अलमास अल्लू के गैंग के जरिए हाशिम बाबा गिरोह से जुड़ गया था। दो साल पहले हुए वेलकम डबल मर्डर में बेल लेकर मिसबाह जुलाई में बाहर आया था। सूत्रों ने बताया कि वह हाशिम गिरोह से जुड़ने के बाद अब छेनू गैंग को बड़ा नुकसान पहुंचाना चाहता था, जिसके टारगेट पर छेनू का दिव्यांग भाई रिजवान गाजी था। पुलिस पता लगा रही है कि क्या मिसबाह को यह काम जेल में बंद हाशिम बाबा या उसके गैंग के मास्टरमाइंड माने जाने वाले गुर्गों ने सौंप रखा था?
   
छेनू और बाबा अलग-अलग सिंडिकेट मेंछेनू यूएपीए तो बाबा मकोका के तहत जेल में है। सूत्रों ने बताया कि नॉर्थ इंडिया दो क्राइम सिंडिकेट में से छेनू ने दविंदर बंबीहा-नीरज बवानिया का दामन थामा तो हाशिम बाबा खूंखार गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का खास बन गया। लॉरेंस सिंडिकेट में संदीप उर्फ काला जठेड़ी, काला राणा, कपिल सांगवान उर्फ नंदू, जितेंद्र मान उर्फ गोगी, हाशिम बाबा, अशोक प्रधान और राजेश बवानिया के गैंग हैं। दूसरी तरफ, बवानिया-बंबीहा सिंडिकेट में हिमांशु भाऊ, कौशल चौधरी, टिल्लू ताजपुरिया, सुनील राठी, दविंदर बंबीहा ग्रुप, रवि गंगवाल और रोहित चौधरी गिरोह शामिल हैं।
  
24 से ज्यादा गोलियां बरसाईनॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में गैंगवॉर का इतिहास रहा है कि हर हत्याकांड में 20 से 40 गोलियां बरसाई जाती हैं। सूत्रों का कहना है कि इसका मकसद टारगेट की हत्या होता है। मिसबाह के मर्डर में भी 24 से ज्यादा गोलियां बरसाई गई, जिसमें से उसके शरीर 15 से ज्यादा गोली लगीं। तीनों शूटर मौत सुनिश्चित होने के बाद ही वहां फरार हुए थे। हालांकि दिल्ली पुलिस के आला अफसर इस मर्डर को गैंगवॉर के बजाय रंजिश बता कर मामले को हल्का करने की कोशिश कर रहे हैं।
हाशिम बाबा गिरोह से था जुड़ापुलिस अब तक दो शूटरों प्रिंस गाजी और अब्दुला को पकड़ चुकी है, जबकि तीसरा सादिल फरार है। इस बीच, हाशिम बाबा गैंग से जुड़े मिसबाह की हत्या के पीछे की वजह यही आ रही सामने सोशल मीडिया पर छेनू-रिजवान ग्रुप नाम से मिसबाह के मर्डर की जिम्मेदारी लेने वाली पोस्ट भी वायरल हो रही है। दावा किया गया है कि मिसबाह से वापस गैंग में लौटने को कहा गया था... जो हाशिम बाबा गिरोह से जुड़ेगा, उसका यही हश्र होगा।
क्या हासिम बाबा ने मिसबाह को सौंप रखा था ये काममिसबाह अलमास अल्लू के गैंग के जरिए हाशिम बाबा गिरोह से जुड़ गया था। दो साल पहले हुए वेलकम डबल मर्डर में बेल लेकर मिसबाह जुलाई में बाहर आया था। सूत्रों ने बताया कि वह हाशिम गिरोह से जुड़ने के बाद अब छेनू गैंग को बड़ा नुकसान पहुंचाना चाहता था, जिसके टारगेट पर छेनू का दिव्यांग भाई रिजवान गाजी था। पुलिस पता लगा रही है कि क्या मिसबाह को यह काम जेल में बंद हाशिम बाबा या उसके गैंग के मास्टरमाइंड माने जाने वाले गुर्गों ने सौंप रखा था?
छेनू और बाबा अलग-अलग सिंडिकेट मेंछेनू यूएपीए तो बाबा मकोका के तहत जेल में है। सूत्रों ने बताया कि नॉर्थ इंडिया दो क्राइम सिंडिकेट में से छेनू ने दविंदर बंबीहा-नीरज बवानिया का दामन थामा तो हाशिम बाबा खूंखार गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का खास बन गया। लॉरेंस सिंडिकेट में संदीप उर्फ काला जठेड़ी, काला राणा, कपिल सांगवान उर्फ नंदू, जितेंद्र मान उर्फ गोगी, हाशिम बाबा, अशोक प्रधान और राजेश बवानिया के गैंग हैं। दूसरी तरफ, बवानिया-बंबीहा सिंडिकेट में हिमांशु भाऊ, कौशल चौधरी, टिल्लू ताजपुरिया, सुनील राठी, दविंदर बंबीहा ग्रुप, रवि गंगवाल और रोहित चौधरी गिरोह शामिल हैं।
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