नई दिल्ली: नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने लग्जरी कारें खरीदने के एक टेंडर पर सवाल उठाया है। यह टेंडर लोकपाल ने निकाला है। अमिताभ कांत ने लोकपाल से इस टेंडर को रद्द करने और इसके बजाय भारत में बनी इलेक्ट्रिक गाड़ियों को खरीदने की सलाह दी है। कांत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, 'उन्हें यह टेंडर रद्द करना चाहिए। मेक इन इंडिया इलेक्ट्रिक वाहनों या तो महिंद्रा की XUV 9e, BE 6 या टाटा की हैरियर EV की ओर बढ़ना चाहिए। ये टॉप क्लास गाड़ियां हैं।'
लोकपाल ने करीब 5 करोड़ रुपये की सात बीएमडब्ल्यू 3 सीरीज 330Li M स्पोर्ट कारें खरीदने का एक टेंडर निकाला है। इन कारों का इस्तेमाल लोकपाल के अध्यक्ष और छह सदस्यों के लिए किया जाएगा। लोकपाल में कुल आठ सदस्यों की स्वीकृत संख्या है। टेंडर के अनुसार, 'भारत के लोकपाल ने सात बीएमडब्ल्यू 3 सीरीज 330Li कारें सप्लाई करने के लिए प्रतिष्ठित एजेंसियों से खुली निविदाएं आमंत्रित की हैं।' इसमें खास तौर पर सफेद रंग के एम स्पोर्ट लॉन्ग व्हीलबेस मॉडल का जिक्र किया गया है।
कितनी है एक कार की कीमत?बीएमडब्ल्यू की वेबसाइट के मुताबिक, 3 सीरीज लॉन्ग व्हीलबेस अपने सेगमेंट में सबसे ज्यादा स्पेस वाली कार है। यह हर तरह से प्रभावशाली है। इसमें बेहतरीन कंफर्ट और टेक्नोलॉजी फीचर्स मिलते हैं। नई दिल्ली में इस मॉडल की ऑन-रोड कीमत लगभग 69.5 लाख रुपये है।
टेंडर में यह भी कहा गया है कि चुनी हुई एजेंसी को लोकपाल के ड्राइवरों और नामित कर्मचारियों के लिए सात दिन का ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित करना होगा। यह ट्रेनिंग क्लासरूम और ऑन-रोड दोनों तरह से होगी। इसमें 'BMW 330Li M Sport के सभी कंट्रोल्स, फीचर्स और सेफ्टी सिस्टम्स से परिचय', 'हैंड्स-ऑन ऑपरेशनल ट्रेनिंग', और 'ईंधन दक्षता मापदंडों और ड्राइविंग मोड्स को समझना' शामिल होगा।
और क्या कहता है टेंडर?हर ड्राइवर को योग्य प्रशिक्षकों की देखरेख में 50 से 100 किलोमीटर की ड्राइविंग करनी होगी। हर सेशन के बाद एक लॉगबुक भरी जाएगी। उस पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। एजेंसी को ट्रेनिंग का पूरा खर्च उठाना होगा। इसमें ट्रेनर की फीस, फ्यूल, यात्रा और लॉजिस्टिक्स शामिल हैं। लोकपाल को इसके लिए कोई अतिरिक्त भुगतान नहीं करना पड़ेगा।
यह टेंडर 16 अक्टूबर को जारी किया गया था। बोली जमा करने की आखिरी तारीख 6 नवंबर है। बोलियां अगले दिन खोली जाएंगी। सफल विक्रेताओं से सप्लाई ऑर्डर मिलने के 30 दिनों के अंदर कारें डिलीवर करने की उम्मीद है और इसमें कोई एक्सटेंशन नहीं दिया जाएगा। टेंडर डॉक्यूमेंट के अनुसार, यह ट्रेनिंग दिल्ली के वसंत कुंज इंस्टीट्यूशनल एरिया में स्थित लोकपाल के ऑफिस में आयोजित होने की संभावना है।
अमिताभ कांत प्रतिक्रिया क्यों अहम?योजना आयोग के पूर्व सीईओ ने इस टेंडर को रद्द करने की बात कही। कांत की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय आई है जब सरकार 'मेक इन इंडिया' और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है। लग्जरी कारों के बजाय इलेक्ट्रिक गाड़ियों को चुनना न केवल पर्यावरण के लिए बेहतर होगा, बल्कि यह देश में ऑटोमोबाइल उद्योग को भी बढ़ावा देगा। कांत ने जिन भारतीय इलेक्ट्रिक गाड़ियों का नाम लिया है, वे आधुनिक तकनीक और फीचर्स से लैस हैं और लग्जरी सेगमेंट की जरूरतों को पूरा कर सकती हैं। यह कदम सरकारी खर्चों में पारदर्शिता और जिम्मेदारी को भी दर्शाता है।
लोकपाल ने करीब 5 करोड़ रुपये की सात बीएमडब्ल्यू 3 सीरीज 330Li M स्पोर्ट कारें खरीदने का एक टेंडर निकाला है। इन कारों का इस्तेमाल लोकपाल के अध्यक्ष और छह सदस्यों के लिए किया जाएगा। लोकपाल में कुल आठ सदस्यों की स्वीकृत संख्या है। टेंडर के अनुसार, 'भारत के लोकपाल ने सात बीएमडब्ल्यू 3 सीरीज 330Li कारें सप्लाई करने के लिए प्रतिष्ठित एजेंसियों से खुली निविदाएं आमंत्रित की हैं।' इसमें खास तौर पर सफेद रंग के एम स्पोर्ट लॉन्ग व्हीलबेस मॉडल का जिक्र किया गया है।
कितनी है एक कार की कीमत?बीएमडब्ल्यू की वेबसाइट के मुताबिक, 3 सीरीज लॉन्ग व्हीलबेस अपने सेगमेंट में सबसे ज्यादा स्पेस वाली कार है। यह हर तरह से प्रभावशाली है। इसमें बेहतरीन कंफर्ट और टेक्नोलॉजी फीचर्स मिलते हैं। नई दिल्ली में इस मॉडल की ऑन-रोड कीमत लगभग 69.5 लाख रुपये है।
टेंडर में यह भी कहा गया है कि चुनी हुई एजेंसी को लोकपाल के ड्राइवरों और नामित कर्मचारियों के लिए सात दिन का ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित करना होगा। यह ट्रेनिंग क्लासरूम और ऑन-रोड दोनों तरह से होगी। इसमें 'BMW 330Li M Sport के सभी कंट्रोल्स, फीचर्स और सेफ्टी सिस्टम्स से परिचय', 'हैंड्स-ऑन ऑपरेशनल ट्रेनिंग', और 'ईंधन दक्षता मापदंडों और ड्राइविंग मोड्स को समझना' शामिल होगा।
और क्या कहता है टेंडर?हर ड्राइवर को योग्य प्रशिक्षकों की देखरेख में 50 से 100 किलोमीटर की ड्राइविंग करनी होगी। हर सेशन के बाद एक लॉगबुक भरी जाएगी। उस पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। एजेंसी को ट्रेनिंग का पूरा खर्च उठाना होगा। इसमें ट्रेनर की फीस, फ्यूल, यात्रा और लॉजिस्टिक्स शामिल हैं। लोकपाल को इसके लिए कोई अतिरिक्त भुगतान नहीं करना पड़ेगा।
यह टेंडर 16 अक्टूबर को जारी किया गया था। बोली जमा करने की आखिरी तारीख 6 नवंबर है। बोलियां अगले दिन खोली जाएंगी। सफल विक्रेताओं से सप्लाई ऑर्डर मिलने के 30 दिनों के अंदर कारें डिलीवर करने की उम्मीद है और इसमें कोई एक्सटेंशन नहीं दिया जाएगा। टेंडर डॉक्यूमेंट के अनुसार, यह ट्रेनिंग दिल्ली के वसंत कुंज इंस्टीट्यूशनल एरिया में स्थित लोकपाल के ऑफिस में आयोजित होने की संभावना है।
अमिताभ कांत प्रतिक्रिया क्यों अहम?योजना आयोग के पूर्व सीईओ ने इस टेंडर को रद्द करने की बात कही। कांत की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय आई है जब सरकार 'मेक इन इंडिया' और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है। लग्जरी कारों के बजाय इलेक्ट्रिक गाड़ियों को चुनना न केवल पर्यावरण के लिए बेहतर होगा, बल्कि यह देश में ऑटोमोबाइल उद्योग को भी बढ़ावा देगा। कांत ने जिन भारतीय इलेक्ट्रिक गाड़ियों का नाम लिया है, वे आधुनिक तकनीक और फीचर्स से लैस हैं और लग्जरी सेगमेंट की जरूरतों को पूरा कर सकती हैं। यह कदम सरकारी खर्चों में पारदर्शिता और जिम्मेदारी को भी दर्शाता है।
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