पटना: नीतीश नीत और बीजेपी समर्थित सरकार के रणनीतिकारों ने बड़ी सूझबूझ के साथ बिहार विधानसभा चुनाव पर धर्म का रंग चढ़ा गए। वक्फ बोर्ड संशोधन बिल के बाद मुस्लिमों की नाराजगी के विरुद्ध एनडीए ने अपरोक्ष रूप से 83 प्रतिशत बनाम 17 प्रतिशत के जंग की शुरुआत एक तरह से कर दी है। इस 83 प्रतिशत को लुभाने को बिहार के लगभग दिशाओं में धर्म स्थल के विकास हेतु योजनाओं की बौछार कर दी है। आइए जानते हैं कि पिछले कुछ महीनों में एनडीए सरकार ने हिंदुत्व का किला किस कदर मजबूत किया।
जून में थावे मंदिर
गोपालगंज जिले में स्थित प्रसिद्ध थावे मंदिर तक भक्तों की राह को आसान करने के लिए मुख्य संपर्क पथ, जिसकी लंबाई 2.89 किलोमीटर है उसके सुदृढ़ीकरण के लिए 30.752 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी। इससे गोपालगंज जिले के थावे मंदिर जैसे धार्मिक स्थलों पर भक्तजनों के संपर्क बेहतर होंगे।
मां सीता मंदिर का विकास
जुलाई माह 2025 में सीतामढ़ी में मां सीता की जन्म स्थली, पुनौरा धाम के समग्र विकास के लिए 882.,87 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई। सीता मंदिर और उसके आसपास लगभग 67 एकड़ भूमि में नया तीर्थ क्षेत्र विकसित किया जाएगा। जानकी मंदिर, पुनौरा धाम की वर्तमान संरचना के उन्नयन के लिए 137.34 करोड़ रुपये और योजना के क्रियान्वयन के बाद 10 साल के लिए सृजित परिसंपत्तियों की मरम्मति, प्रबंधन एवं रख-रखाव से संबंधित कार्य के लिए 16.62 करोड़ रुपये की स्वीकृति दे दी गई।
मां जानकी का भव्य मंदिर की आधारशिला 8 अगस्त को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की उपस्थिति में रखी भी।
कांवड़िया पथ पर आधुनिक टेंट सिटी
जुलाई महीने में ही बाबा धाम कांवड़िया पथ पर बिहार सरकार ने आधुनिक टेंट सिटी बना कर बाबा भोले के भक्त को सुविधा देने का काम किया। सुलतानगंज, मुंगेर बांका जिले के अंतर्गत आने वाले कांवड़िया पथ पर आधुनिक टेंट सिटी का निर्माण किया गया। इस टेंट सिटी में बिजली, शौचालय, स्नानघर, पेयजल, सुरक्षा, सीसीटीवी, पंखा, कूलर, टेबल-कुर्सियों जैसी सभी आवश्यक सुविधाएं मौजूद थी।
बांका जिले के कांवड़ पथ पर भी विशेष इंतजाम किए गए। यहां कांवड़ पथ की 55 किलोमीटर लंबी कच्ची सड़कों का रेत के साथ उच्चीकृत रख-रखाव, रोड साइन बोर्ड, पीवीसी पाइप और सड़कों पर पेंटिंग जैसे कार्य पूरे किए गए।
वैशाली को बुद्ध दर्शन संग्रहालय-स्मृति स्तूप
जुलाई महीने में ही वैशाली में निर्मित बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप का लोकार्पण हुआ। राजस्थान के गुलाबी पत्थरों से निर्मित यह भव्य स्तूप 72 एकड़ में फैला है और अपने पर्यावरणीय सौंदर्य और वास्तुकला के लिए विशिष्ट है। इसके प्रथम तल पर भगवान बुद्ध की पावन अस्थि कलश स्थापित किया गया।
'सीताकुंड मेला' बिहार मेला प्राधिकार के अन्तर्गत
मुंगेर के 'सीताकुंड मेले' की पौराणिक, धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं पर्यटकीय महत्ता को दृष्टिगत रखते हुए इस मेले को बिहार राज्य मेला अधिनियम, 2008 की धारा-3(v) के तहत मेला प्राधिकार के प्रबंधन के अन्तर्गत लिया गया है। सीताकुंड मेले में मुंगेर और आस-पास के भागलपुर, खगड़िया, बेगूसराय, सहरसा, पूर्णियां, लखीसराय, इत्यादि जिलों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं। पूरे साल में लगभग 5000 विदेशी पर्यटक भी सीता कुण्ड मंदिर में पूजा-पाठ एवं भ्रमण करने आते हैं।
यह मेला प्रतिवर्ष माघी पूर्णिमा की तिथि से प्रारंभ होता है और फाल्गुन पूर्णिमा तक अर्थात् कुल एक माह तक आयोजित होता है। मुंगेर के सीताकुंड में माता सीता, पुरुषोत्तम श्री राम, श्री लक्ष्मण, श्री भरत एवं श्री शत्रुघ्न के कुण्ड भी अवस्थित है। माता सीता की अग्नि परीक्षा के उपरांत उस कुण्ड से अनवरत गरम जल प्रवाहित होता है, जबकि शेष चारों कुण्ड से ठंढा जल प्रवाहित होता है। इस स्थल पर एक भव्य मंदिर का निर्माण किया गया है, जहां श्रद्धालु अपनी-अपनी मनोकामनाएं सिद्ध करने आते हैं।
बक्सर में बनेगा महर्षि विश्वामित्र पार्क
बक्सर में भव्य, सांस्कृतिक रूप से समृद्ध महर्षि विश्वामित्र पार्क निर्माण को स्वीकृति प्रदान की गई है। इस पार्क के निर्माण पर 24 करोड़ 42 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। पहले चरण में 8 करोड़ 11 लाख रुपये की राशि व्यय की जाएगी। महर्षि विश्वामित्र पार्क को गायत्री मंत्र की अवधारणा (थीम) पर विकसित किया जाएगा। इसके तहत ध्यान केंद्र, वैदिक शैली के पथ, शांति के प्रतीक हरित संरचनाएं और धार्मिक श्लोकों से सजे प्राकृतिक स्थल निर्मित किए जाएंगे। इससे पार्क पहुंचने का वाले लोग प्रकृति से जुड़ाव और आध्यात्मिक अनुभव कर सकेंगे।
धर्म स्थलों को बेहतर बनाने के लिए हुए अन्य कार्य
जून में थावे मंदिर
गोपालगंज जिले में स्थित प्रसिद्ध थावे मंदिर तक भक्तों की राह को आसान करने के लिए मुख्य संपर्क पथ, जिसकी लंबाई 2.89 किलोमीटर है उसके सुदृढ़ीकरण के लिए 30.752 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी। इससे गोपालगंज जिले के थावे मंदिर जैसे धार्मिक स्थलों पर भक्तजनों के संपर्क बेहतर होंगे।
मां सीता मंदिर का विकास
जुलाई माह 2025 में सीतामढ़ी में मां सीता की जन्म स्थली, पुनौरा धाम के समग्र विकास के लिए 882.,87 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई। सीता मंदिर और उसके आसपास लगभग 67 एकड़ भूमि में नया तीर्थ क्षेत्र विकसित किया जाएगा। जानकी मंदिर, पुनौरा धाम की वर्तमान संरचना के उन्नयन के लिए 137.34 करोड़ रुपये और योजना के क्रियान्वयन के बाद 10 साल के लिए सृजित परिसंपत्तियों की मरम्मति, प्रबंधन एवं रख-रखाव से संबंधित कार्य के लिए 16.62 करोड़ रुपये की स्वीकृति दे दी गई।
मां जानकी का भव्य मंदिर की आधारशिला 8 अगस्त को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की उपस्थिति में रखी भी।
कांवड़िया पथ पर आधुनिक टेंट सिटी
जुलाई महीने में ही बाबा धाम कांवड़िया पथ पर बिहार सरकार ने आधुनिक टेंट सिटी बना कर बाबा भोले के भक्त को सुविधा देने का काम किया। सुलतानगंज, मुंगेर बांका जिले के अंतर्गत आने वाले कांवड़िया पथ पर आधुनिक टेंट सिटी का निर्माण किया गया। इस टेंट सिटी में बिजली, शौचालय, स्नानघर, पेयजल, सुरक्षा, सीसीटीवी, पंखा, कूलर, टेबल-कुर्सियों जैसी सभी आवश्यक सुविधाएं मौजूद थी।
बांका जिले के कांवड़ पथ पर भी विशेष इंतजाम किए गए। यहां कांवड़ पथ की 55 किलोमीटर लंबी कच्ची सड़कों का रेत के साथ उच्चीकृत रख-रखाव, रोड साइन बोर्ड, पीवीसी पाइप और सड़कों पर पेंटिंग जैसे कार्य पूरे किए गए।

वैशाली को बुद्ध दर्शन संग्रहालय-स्मृति स्तूप
जुलाई महीने में ही वैशाली में निर्मित बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप का लोकार्पण हुआ। राजस्थान के गुलाबी पत्थरों से निर्मित यह भव्य स्तूप 72 एकड़ में फैला है और अपने पर्यावरणीय सौंदर्य और वास्तुकला के लिए विशिष्ट है। इसके प्रथम तल पर भगवान बुद्ध की पावन अस्थि कलश स्थापित किया गया।
'सीताकुंड मेला' बिहार मेला प्राधिकार के अन्तर्गत
मुंगेर के 'सीताकुंड मेले' की पौराणिक, धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं पर्यटकीय महत्ता को दृष्टिगत रखते हुए इस मेले को बिहार राज्य मेला अधिनियम, 2008 की धारा-3(v) के तहत मेला प्राधिकार के प्रबंधन के अन्तर्गत लिया गया है। सीताकुंड मेले में मुंगेर और आस-पास के भागलपुर, खगड़िया, बेगूसराय, सहरसा, पूर्णियां, लखीसराय, इत्यादि जिलों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं। पूरे साल में लगभग 5000 विदेशी पर्यटक भी सीता कुण्ड मंदिर में पूजा-पाठ एवं भ्रमण करने आते हैं।
यह मेला प्रतिवर्ष माघी पूर्णिमा की तिथि से प्रारंभ होता है और फाल्गुन पूर्णिमा तक अर्थात् कुल एक माह तक आयोजित होता है। मुंगेर के सीताकुंड में माता सीता, पुरुषोत्तम श्री राम, श्री लक्ष्मण, श्री भरत एवं श्री शत्रुघ्न के कुण्ड भी अवस्थित है। माता सीता की अग्नि परीक्षा के उपरांत उस कुण्ड से अनवरत गरम जल प्रवाहित होता है, जबकि शेष चारों कुण्ड से ठंढा जल प्रवाहित होता है। इस स्थल पर एक भव्य मंदिर का निर्माण किया गया है, जहां श्रद्धालु अपनी-अपनी मनोकामनाएं सिद्ध करने आते हैं।
बक्सर में बनेगा महर्षि विश्वामित्र पार्क
बक्सर में भव्य, सांस्कृतिक रूप से समृद्ध महर्षि विश्वामित्र पार्क निर्माण को स्वीकृति प्रदान की गई है। इस पार्क के निर्माण पर 24 करोड़ 42 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। पहले चरण में 8 करोड़ 11 लाख रुपये की राशि व्यय की जाएगी। महर्षि विश्वामित्र पार्क को गायत्री मंत्र की अवधारणा (थीम) पर विकसित किया जाएगा। इसके तहत ध्यान केंद्र, वैदिक शैली के पथ, शांति के प्रतीक हरित संरचनाएं और धार्मिक श्लोकों से सजे प्राकृतिक स्थल निर्मित किए जाएंगे। इससे पार्क पहुंचने का वाले लोग प्रकृति से जुड़ाव और आध्यात्मिक अनुभव कर सकेंगे।
धर्म स्थलों को बेहतर बनाने के लिए हुए अन्य कार्य
- बुद्ध सर्किट को जोड़ने के लिए वैशाली से कोडरमा तक ट्रेन का परिचालन
- सिमरिया धाम तक बेहतर संपर्क सुविधा के लिए 1.86 किमी लंबा 6 लेन पुल
- रेल कनेक्टिविटी में सुधार के तहत वैशाली से कोडरमा तक ‘बुद्ध सर्किट’ की ट्रेन सेवा शुरू होगी, जो वैशाली, हाजीपुर, सोनपुर, पटना, फतुहा, राजगीर, नटेश्वर, गया होते हुए कोडरमा तक चलेगी। इससे बौद्ध धर्म से जुड़ी कई महत्वपूर्ण धरोहरों को जोड़ने में मदद मिलेगी और पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी। इसके साथ ही, सिमरिया धाम तक बेहतर संपर्क के लिए 1.86 किलोमीटर लंबा 6 लेन पुल राष्ट्रीय राजमार्ग-31 पर 1,870 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है।
- राजगीर एवं वैशाली में तीन पांच सितारा होटल निर्माण को मंजूरी की मंजूरी दी गई।
- पटना साहिब सहित सिख धर्म के प्रमुख स्थलों का पुनरुत्थान व सौंदर्यीकरण।
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