मनीष सिंह, नोएडा: वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने दिल्ली समेत पूरे एनसीआर क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए अहम निर्णय लिया है। 1 नवंबर से बीएस-3 और उससे पुराने प्रदूषण मानक वाली गाड़ियां दिल्ली में नहीं आ सकेंगी। इसके परिणामस्वरूप नोएडा के लगभग 1.37 लाख वाहन दिल्ली में प्रवेश नहीं कर पाएंगे।   
   
गौतमबुद्ध नगर एआरटीओ प्रशासन और प्रवर्तन प्रभारी नंद कुमार ने बताया कि सीएक्यूएम ने आदेश जारी किया है। 1 नवंबर से दिल्ली में बीएस-3 और इससे पुराने वाहनों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा। यह कदम दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए उठाया गया है।
     
इस परिस्थिति में बीएस-3 और उससे पुराने 1.37 लाख वाहनों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। हालांकि, बीएस-4, बीएस-6 के साथ-साथ सीएनजी, पीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों को विशेष छूट दी गई है। ध्यान देने वाली बात यह है कि नोएडा दिल्ली में प्रवेश के लिए एक महत्वपूर्ण शहर है, जहां से वाहन दिल्ली में दाखिल होने के लिए लगभग चार या अधिक प्रमुख प्रवेश रास्ते हैं।
     
दिल्ली में प्रवेश के ये चार रास्ते
गौरतलब है कि सर्दियों में दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता काफी खराब हो जाती है। धुंध और स्मॉग की वजह से सांस लेने में कठिनाई, आंखों में जलन और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ जाती हैं, इसीलिए प्रदूषण कम करने के उद्देश्य से पुराने वाहनों के चलने पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। नोएडा से दिल्ली जाने वाले चिल्ला बॉर्डर, डीएनडी, कालिंदी कुंज सहित चार मुख्य बॉर्डरों पर परिवहन विभाग की चार प्रवर्तन टीमें और ट्रैफिक पुलिस की बारह से अधिक टीमें उन वाहनों पर कड़ी नजर बनाएंगी, जिन्हें दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं है।
   
इन वाहनों की एंट्री बैन
सीएक्यूएम के मुताबिक, बीएस-3 और उससे भी पुराने मानकों वाले यानी बीएस-1 और बीएस-2 श्रेणी के हल्के, भारी और मध्यम मालवाहकों का दिल्ली में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। यह रोक डीजल और पेट्रोल दोनों प्रकार के वाहनों पर लागू होगी। इसके विपरीत, बीएस-4 और बीएस-6 मानक वाले व्यावसायिक वाहन दिल्ली में प्रवेश कर सकेंगे।
   
रात 12 बजे से लागू हो जाएगा नियम
सीएक्यूएम के अनुसार, शुक्रवार तक तक बीएस-3 या उससे नीचे की कमर्शियल या विशेष सुविधा देने वाली गाड़ियों को केवल शुक्रवार तक (1 नवंबर से पहले) चलाने की अनुमति दी गई है। उसके बाद रात 12 बजते ही नियमों को सख्ती से लागू कर दिया जाएगा। सीएक्यूएम के मुताबिक, बीएस-3 या उससे पुराने कमर्शियल या विशेष सेवा वाले वाहनों को 1 नवंबर से पहले यानी शुक्रवार तक ही चलाने की इजाजत दी गई है। उसके बाद आधी रात से इन नियमों को कड़ाई से लागू किया जाएगा।
  
गौतमबुद्ध नगर एआरटीओ प्रशासन और प्रवर्तन प्रभारी नंद कुमार ने बताया कि सीएक्यूएम ने आदेश जारी किया है। 1 नवंबर से दिल्ली में बीएस-3 और इससे पुराने वाहनों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा। यह कदम दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए उठाया गया है।
इस परिस्थिति में बीएस-3 और उससे पुराने 1.37 लाख वाहनों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। हालांकि, बीएस-4, बीएस-6 के साथ-साथ सीएनजी, पीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों को विशेष छूट दी गई है। ध्यान देने वाली बात यह है कि नोएडा दिल्ली में प्रवेश के लिए एक महत्वपूर्ण शहर है, जहां से वाहन दिल्ली में दाखिल होने के लिए लगभग चार या अधिक प्रमुख प्रवेश रास्ते हैं।
दिल्ली में प्रवेश के ये चार रास्ते
गौरतलब है कि सर्दियों में दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता काफी खराब हो जाती है। धुंध और स्मॉग की वजह से सांस लेने में कठिनाई, आंखों में जलन और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ जाती हैं, इसीलिए प्रदूषण कम करने के उद्देश्य से पुराने वाहनों के चलने पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। नोएडा से दिल्ली जाने वाले चिल्ला बॉर्डर, डीएनडी, कालिंदी कुंज सहित चार मुख्य बॉर्डरों पर परिवहन विभाग की चार प्रवर्तन टीमें और ट्रैफिक पुलिस की बारह से अधिक टीमें उन वाहनों पर कड़ी नजर बनाएंगी, जिन्हें दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं है।
इन वाहनों की एंट्री बैन
सीएक्यूएम के मुताबिक, बीएस-3 और उससे भी पुराने मानकों वाले यानी बीएस-1 और बीएस-2 श्रेणी के हल्के, भारी और मध्यम मालवाहकों का दिल्ली में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। यह रोक डीजल और पेट्रोल दोनों प्रकार के वाहनों पर लागू होगी। इसके विपरीत, बीएस-4 और बीएस-6 मानक वाले व्यावसायिक वाहन दिल्ली में प्रवेश कर सकेंगे।
रात 12 बजे से लागू हो जाएगा नियम
सीएक्यूएम के अनुसार, शुक्रवार तक तक बीएस-3 या उससे नीचे की कमर्शियल या विशेष सुविधा देने वाली गाड़ियों को केवल शुक्रवार तक (1 नवंबर से पहले) चलाने की अनुमति दी गई है। उसके बाद रात 12 बजते ही नियमों को सख्ती से लागू कर दिया जाएगा। सीएक्यूएम के मुताबिक, बीएस-3 या उससे पुराने कमर्शियल या विशेष सेवा वाले वाहनों को 1 नवंबर से पहले यानी शुक्रवार तक ही चलाने की इजाजत दी गई है। उसके बाद आधी रात से इन नियमों को कड़ाई से लागू किया जाएगा।
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