अश्वनी शर्मा, नई दिल्लीः 'जो हुआ, गलत हुआ... साहब मेरा बेटा गैंग का हिस्सा नहीं था।' यह दावा पुलिस मुठभेड़ में ढेर हुए बिमलेश महतो के पिता अशोक भक्त का है। मूल रूप से बिहार के सीतामढ़ी में रहने वाले बिमलेश महतो का शव सोमवार को मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में जब पोस्टमॉर्टम के लाया गया तो बूढ़े पिता की आंखें नम थीं और होंठों पर बस एक सवाल, 'क्या सच में वो अपराधी था?'
कॉन्ट्रैक्ट किलिंग, एक्सटॉर्शन में शामिल था गिरोहरोहिणी में बुधवार रात हुई मुठभेड़ में बिहार के सीतामढ़ी और आसपास के जिलों में सक्रिय 'सिग्मा एंड कंपनी' गिरोह के चार बदमाशों को क्राइम ब्रांच ने बिहार पुलिस के साथ किए जॉइंट ऑपरेशन में ढेर किया था। इनकी पहचान गैंग सरगना रंजन पाठक (25), बिमलेश महतो (25), मनीष पाठक (33) और अमन ठाकुर (21) के रूप में हुई। दिल्ली पुलिस का दावा था कि यह गिरोह कॉन्ट्रैक्ट किलिंग और एक्सटॉर्शन के धंधे में शामिल था। गिरोह तीन महीने में पांच मर्डर को अंजाम दे चुका था।
दिल्ली में हुई मुठभेड़ में मारा गयासोमवार को बिहार से शव लेने आए बिमलेश के परिजन मॉच्र्युरी के बाहर खड़े थे। बिमलेश के चचेरे भाई दिनेश बताते है कि हमें 23 अक्टूबर को बिहार पुलिस ने खबर दी कि बिमलेश दिल्ली में हुई मुठभेड़ में मारा गया। हमारे पास दिल्ली आने के पैसे नहीं थे, तब बिहार पुलिस ने 10 हजार रुपये दिए। बिमलेश के पिता अशोक ने कहा, 'क्या सच है और क्या झूठ यह तो भगवान ही जाने... इंसाफ के लिए बोलने से भी क्या होगा? बिमलेश तो अब लौटने से रहा। वह एनकाउंटर में मारे गए तीनों बदमाशों के बारे में कुछ नहीं जानते हैं।'
कॉन्ट्रैक्ट किलिंग, एक्सटॉर्शन में शामिल था गिरोहरोहिणी में बुधवार रात हुई मुठभेड़ में बिहार के सीतामढ़ी और आसपास के जिलों में सक्रिय 'सिग्मा एंड कंपनी' गिरोह के चार बदमाशों को क्राइम ब्रांच ने बिहार पुलिस के साथ किए जॉइंट ऑपरेशन में ढेर किया था। इनकी पहचान गैंग सरगना रंजन पाठक (25), बिमलेश महतो (25), मनीष पाठक (33) और अमन ठाकुर (21) के रूप में हुई। दिल्ली पुलिस का दावा था कि यह गिरोह कॉन्ट्रैक्ट किलिंग और एक्सटॉर्शन के धंधे में शामिल था। गिरोह तीन महीने में पांच मर्डर को अंजाम दे चुका था।
दिल्ली में हुई मुठभेड़ में मारा गयासोमवार को बिहार से शव लेने आए बिमलेश के परिजन मॉच्र्युरी के बाहर खड़े थे। बिमलेश के चचेरे भाई दिनेश बताते है कि हमें 23 अक्टूबर को बिहार पुलिस ने खबर दी कि बिमलेश दिल्ली में हुई मुठभेड़ में मारा गया। हमारे पास दिल्ली आने के पैसे नहीं थे, तब बिहार पुलिस ने 10 हजार रुपये दिए। बिमलेश के पिता अशोक ने कहा, 'क्या सच है और क्या झूठ यह तो भगवान ही जाने... इंसाफ के लिए बोलने से भी क्या होगा? बिमलेश तो अब लौटने से रहा। वह एनकाउंटर में मारे गए तीनों बदमाशों के बारे में कुछ नहीं जानते हैं।'
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