पूर्वी चंपारण : बिहार विधानसभा की चर्चित सीटों में से एक कल्याणपुर सीट पर सुबह से वोटिंग का सिलसिला जारी है। कल्याणपुर विधानसभा सीट (परिसीमन 2008) बिहार की उन दुर्लभ सीटों में से एक है जिसने आज तक किसी भी विधायक को लगातार दूसरी बार जीत हासिल करने का मौका नहीं दिया है। यह अनोखा 'नो रिपीट' ट्रेंड 2025 के विधानसभा चुनाव को बेहद दिलचस्प बना रहा है। इस बार के कड़े मुकाबले में महागठबंधन से सीपीआई (एमएल) के रंजीत कुमार राम और एनडीए से जदयू के महेश्वर हजारी आमने-सामने हैं। कल्याणपुर के मतदाता हर चुनाव में अलग जनादेश देते रहे हैं, जैसा कि इतिहास बताता है: 2010 में जदयू की रजिया खातून ने, 2015 में भाजपा के सचिन्द्र प्रसाद सिंह ने, और 2020 में राजद के मनोज कुमार यादव ने मात्र 1,193 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी। यह अस्थिरता साबित करती है कि मतदाता किसी एक दल या उम्मीदवार के प्रति लंबे समय तक निष्ठा नहीं रखते, और इस बार का परिणाम ही तय करेगा कि यह 'नो रिपीट' का इतिहास बरकरार रहेगा या टूटेगा।
कल्याणपुर सीट का समीकरण
कल्याणपुर सीट की चुनावी गतिशीलता लोकसभा और विधानसभा चुनावों के नतीजों में अंतर को स्पष्ट रूप से दर्शाती है। भले ही यह इलाका वह ऐतिहासिक भूमि हो जहां महात्मा गांधी ने 1917 में नील आंदोलन की शुरुआत की थी, लेकिन राजनीतिक निष्ठा के मामले में मतदाता काफी चंचल रहे हैं। विधानसभा चुनावों में बार-बार विधायक बदलने के बावजूद, लोकसभा चुनावों में भाजपा का दबदबा कायम रहा है। 2014 और 2019 के साथ ही 2024 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को इस क्षेत्र से 14,014 वोटों की महत्वपूर्ण बढ़त हासिल हुई थी। यह अंतर बताता है कि मतदाता अलग-अलग स्तर के चुनावों में विकास और नेतृत्व के आधार पर अलग-अलग पार्टियों को चुनते हैं। यह सीट पूरी तरह से ग्रामीण है, जिसमें 2.63 लाख मतदाता हैं, जिनमें लगभग 16% अनुसूचित जाति और 14% मुस्लिम मतदाता शामिल हैं।
ईवीएम में कैद हो रही किस्मत
यह उपजाऊ क्षेत्र गंडक नदी के कारण धान, गेहूं और दलहन जैसी फसलों के लिए वरदान है, लेकिन यहां की प्रमुख चुनौतियां आज भी लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई हैं। सिंचाई की कमी, शिक्षा, और स्वास्थ्य सेवाओं की कमजोर स्थिति प्रमुख चुनावी मुद्दे हैं। 2025 का यह चुनाव इसलिए निर्णायक है क्योंकि यदि जदयू के महेश्वर हजारी जीतते हैं, तो यह पहली बार होगा जब इस सीट पर कोई पार्टी या उम्मीदवार अपनी जीत की लय बरकरार रख पाएगा और 'नो रिपीट' के ट्रेंड को तोड़ेगा। महागठबंधन की ओर से सीपीआई (एमएल) के रंजीत कुमार राम की चुनौती इस ट्रेंड को जारी रखने पर केंद्रित है। उनकी जीत से 2008 से चला आ रहा हर चुनाव में नया विधायक चुनने का सिलसिला जारी रहेगा। यह सीट बिहार की उन सीटों में से एक है जहां हर बार एक नया समीकरण बनता है। 2025 का चुनाव इसलिए खास है क्योंकि यह न केवल एक विधानसभा सीट का परिणाम तय करेगा, बल्कि यह भी स्थापित करेगा कि क्या कल्याणपुर के मतदाता इस बार इतिहास को दोहराते हैं या फिर 'नो रिपीट' के चलन को बदलकर एक नई राजनीतिक स्थिरता की ओर कदम बढ़ाते हैं।
वोटिंग के लाइव अपडेट्स यहां देखें
7:00 AM: कल्याणपुर के सभी मतदान केंद्रों में वोटिंग शुरू। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम। महिला और बुजुर्ग मतदाताओं के लिए विशेष व्यवस्था। भारी संख्या में मतदान केंद्रों पर पहुंच रहे मतदाता।
कल्याणपुर सीट का समीकरण
कल्याणपुर सीट की चुनावी गतिशीलता लोकसभा और विधानसभा चुनावों के नतीजों में अंतर को स्पष्ट रूप से दर्शाती है। भले ही यह इलाका वह ऐतिहासिक भूमि हो जहां महात्मा गांधी ने 1917 में नील आंदोलन की शुरुआत की थी, लेकिन राजनीतिक निष्ठा के मामले में मतदाता काफी चंचल रहे हैं। विधानसभा चुनावों में बार-बार विधायक बदलने के बावजूद, लोकसभा चुनावों में भाजपा का दबदबा कायम रहा है। 2014 और 2019 के साथ ही 2024 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को इस क्षेत्र से 14,014 वोटों की महत्वपूर्ण बढ़त हासिल हुई थी। यह अंतर बताता है कि मतदाता अलग-अलग स्तर के चुनावों में विकास और नेतृत्व के आधार पर अलग-अलग पार्टियों को चुनते हैं। यह सीट पूरी तरह से ग्रामीण है, जिसमें 2.63 लाख मतदाता हैं, जिनमें लगभग 16% अनुसूचित जाति और 14% मुस्लिम मतदाता शामिल हैं।
ईवीएम में कैद हो रही किस्मत
यह उपजाऊ क्षेत्र गंडक नदी के कारण धान, गेहूं और दलहन जैसी फसलों के लिए वरदान है, लेकिन यहां की प्रमुख चुनौतियां आज भी लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई हैं। सिंचाई की कमी, शिक्षा, और स्वास्थ्य सेवाओं की कमजोर स्थिति प्रमुख चुनावी मुद्दे हैं। 2025 का यह चुनाव इसलिए निर्णायक है क्योंकि यदि जदयू के महेश्वर हजारी जीतते हैं, तो यह पहली बार होगा जब इस सीट पर कोई पार्टी या उम्मीदवार अपनी जीत की लय बरकरार रख पाएगा और 'नो रिपीट' के ट्रेंड को तोड़ेगा। महागठबंधन की ओर से सीपीआई (एमएल) के रंजीत कुमार राम की चुनौती इस ट्रेंड को जारी रखने पर केंद्रित है। उनकी जीत से 2008 से चला आ रहा हर चुनाव में नया विधायक चुनने का सिलसिला जारी रहेगा। यह सीट बिहार की उन सीटों में से एक है जहां हर बार एक नया समीकरण बनता है। 2025 का चुनाव इसलिए खास है क्योंकि यह न केवल एक विधानसभा सीट का परिणाम तय करेगा, बल्कि यह भी स्थापित करेगा कि क्या कल्याणपुर के मतदाता इस बार इतिहास को दोहराते हैं या फिर 'नो रिपीट' के चलन को बदलकर एक नई राजनीतिक स्थिरता की ओर कदम बढ़ाते हैं।
वोटिंग के लाइव अपडेट्स यहां देखें
7:00 AM: कल्याणपुर के सभी मतदान केंद्रों में वोटिंग शुरू। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम। महिला और बुजुर्ग मतदाताओं के लिए विशेष व्यवस्था। भारी संख्या में मतदान केंद्रों पर पहुंच रहे मतदाता।
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