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मल निकालने के बाद भी भरा रहता है पेट? मतलब आंतों में फंस गई है गंदगी, डॉक्टर सेठी ने बताया चूरन वाला नुस्खा

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पूरे शरीर का रास्ता पेट से होकर जाता है। आप जो खाते हैं, वहीं पचने के बाद पूरे शरीर पर असर करता है। अगर आप अनहेल्दी चीजों का सेवन करेंगे तो बीमारियों को खतरा बढ़ाएंगे। इसके अलावा अगर आपका पेट ही सही नहीं होगा तो भी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

आईबीएस पेट की एक आम समस्या है, जिसे इर्रिटेबल बॉवल सिंड्रोम कहते हैं। इसमें पाचन तंत्र से जुड़ी कई सारी समस्याएं हो सकती हैं। जो आपके पेट और आंत को आमतौर से शुरू होती है। इसमें आपको अलग-अलग लक्षण परेशान कर सकते हैं।

आईबीएस के लक्षण: पेट दर्द, अत्यधिक गैस या पेट फूलना, डायरिया, कब्ज, मल में चिपचिपा पदार्थ आना, मल निकालने के बाद भी पेट भरा लगना। ने आईबीएस की दवा खाने से पहले ये 10 उपाय करने की सलाह दी है। यह आपके डायजेस्टिव सिस्टम की सफाई करेंगे।
फॉलो लो फोडमैप डाइट image

सबसे पहले डॉक्टर सेठी ने लो फोडमैप डाइट लेने की सलाह दी है। इसमें ऐसे फूड्स को बाहर रखा जाता है, जिन्हें खाने से अक्सर गैस व ब्लोटिंग होती है। लो फोडमैप में हरी सब्जियां, फल, अखरोट, कद्दू के बीज आदि आते हैं।


अदरक का चूरन image

डॉक्टर का कहना है कि अदरक में एंटी नॉजिया प्रोपर्टी होती हैं। आप आधा इंच अदरक का टुकड़ा लेकर उसे पानी में उबाल लें। फिर इसे धीरे धीरे पी लें। आप इसकी जगह अदरक का चूर्ण भी इस्तेमाल कर सकते हैं। पंसारी या किराने की दुकान पर यह आसानी से मिल जाता है।



पेपरमिंट image

पेपरमिंट ऑयल और इसकी चाय डायजेस्टिव सिस्टम की मसल्स को रिलैक्स करती है। डॉक्टर के मुताबिक इसके बारे में काफी रिसर्च पेपर हैं। इनमें पेपरमिंट ऑयल और टी को आईबीएस के लक्षण को सुधारने में फायदेमंद देखा गया है। अगर आपको एसिड रिफ्लक्स होता है तो इस उपाय को ना करें।


कैमोमाइल टी image

यह हर्बल चाय पेट की दिक्कत को कम करती है और आईबीएस के लक्षण को सुधारती है। यह नींद की क्वालिटी भी बढ़ाती है, इसलिए इसे शाम के वक्त रोज ले सकते हैं।


सॉल्यूबल फाइबर image

सॉल्यूबल फाइबर को धीरे धीरे खाने में बढ़ाएं। इसके लिए ओट्स और केला खा सकते हैं। यह आपको कब्ज या डायरिया से बचा सकता है। यह आंतों में फंसी गंदगी निकालने में मदद करता है।


आईबीएस के अगले 5 उपाय image
  • रोज 2 लीटर पानी पीएं
  • रेगुलर एरोबिक एक्सरसाइज करें
  • डॉक्टर की सलाह पर प्रोबायोटिक्स का इस्तेमाल
  • कैफीन और एल्कोहॉल कम करें
  • कम से कम 7 घंटे की नींद जरूर लें।



    डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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