मुंबई : बारिश से निपटने की बीएमसी और रेलवे की तैयारियां मंगलवार को हुई महज 9 घंटे की बारिश में बह गई। इस बारिश ने मुंबई को अस्त-व्यस्त कर दिया प्रशासन के दावे हर गली सड़क पर बहते नजर आए लगातार बारिश के बीच सेंट्रल रेलवे पर सुबह 11:30 बजे से ट्रेन सेवाएं उप हुई, जो शाम 7:30 बजे बहाल हो सकी। मौसम विभाग के अनुसार सुबह 8:30 बजे से शाम 5:30 बजे के बीच उपनगर में 163 MIM बारिश दर्ज की गई।
हालांकि, सरकार की ओर से तमाम बड़े नेताओं और अधिकारियों ने स्थिति की समीक्षा की असल समस्या मीठी नदी के बढ़ते जलस्तर की वजह से हुई मीठी नदी का सामान्य स्तर 2.7 मीटर है, जबकि दिन में यह 3.9 मीटर तक पहुंच गया। जिसके चलते मुंबई की रफ्तार पर ब्रेक लग गया।
ठाणे, नवी मुंबई और पालघर के हालात भी खराबवही एमएमआर के हालात भी अलग नहीं थे। ठाणे जिले के कई हिस्सों में जलभराव हो गया, जिसके चलते 200 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ा। दहागांव में यातायात रुक गया। यहां चंद्रा नदी उफान पर है। वाल्कास में भी पुल जलमग्न हो गया। कई स्थानों पर ट्रेन-बस सेवाएं प्रभावित रहीं।
वसई-विरार, पनवेल में लोगों को किया गया रेस्क्यूMMR में भी जोरदार बारिश से कई जगह पानी भर गया। सबसे ज्यादा दिक्कत मुंबई-अहमदाबाद हाइवे पर हुई, जहां पूरी तरह ट्रैफिक ठप रहा। वही, वसई-विरार में करीब 500 और पनवेल में 400 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। इसके अलावा उल्हास नदी के उफान पर होने से ट्रैफिक बंद रहा, वही ठाणे में उपवन नदी का पानी सड़क पर आ गया। मीरा-भाईंदर के कई निचले इलाकों में पानी भर गया और भिवंडी शहर भी बुरी तरह प्रभावित हुआ।
लोकल ट्रेनें बुरी तरह प्रभावितमुंबई की लाइफलाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेन सेवा बुरी तरह प्रभावित रही। कई स्थानों पर ट्रैक पर पानी जमा हो गया। इससे मध्य रेलवे, पश्चिम रेलवे और हार्बर लाइन पर लोकल सेवाएं बाधित हुईं। ठाणे से सीएसएमटी जाने वाली सभी ट्रेनें रद्द करनी पड़ीं। ट्रैक पर जमा पानी की वजह से हजारों यात्री प्लैटफॉर्म पर फंसे रहे। वसई-डहाणू सेक्शन में भी पानी भरने के कारण लोकल ट्रेनों का संचालन प्रभावित रहा।
कई ट्रेनें हुईं रद्द मध्य रेलवे के मुताबिक, बारिश के चलते लंबी दूरी की गाड़ियों में 16 गाड़ियां पुनर्निर्धारित की गई है। 7 पेयर ट्रेन रद्द किया गया है। 5 ट्रेन को शार्ट टर्मिनेट और शोर्ट ओरिजिनेट किया गया। इसमें 3 गाड़ियां पुणे, 1 पनवेल और 1 नाशिक रोड से री-ओरिजिनेट करने का निर्णय लिया गया। वहीं पश्चिम रेलवे पर लोकल ट्रेनें देरी से चली और दो ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है।
दोपहर बाद फंसे हुए यात्रियों के लिए पहली ट्रेनठाणे से कुर्ला के बीच फंसे हुए यात्रियों के लिए मध्य रेलवे ने दोपहर बाद एक विशेष ट्रेन चलाई। एक लोकल रैक को कुर्ला और कल्याण के बीच चलाने का प्रयास किया गया। यह रैक इस रूट पर जितने यात्री स्टेशनों पर फंसे हुए थे, उन्हें लेकर कल्याण की तरफ बढ़ा।
20 साल बाद भी नहीं सुधरी हालातहर साल बारिश में मुंबई लोकल की लोकल ट्रेनें थमती है। शासन-प्रशासन 2005 की बाढ़ के बाद इस समस्या का हल निकालने की बात कही थी। लेकिन 20 साल बाद भी सरकारी इंतजाम जस का तस दिखाई दे रहा है। रेलवे यात्रियों ने कहा कि अगर 2005 की तरह आज भी बारिश होता, तो मुंबई की हालत तबसे अधिक ख़राब होती। कल्याण स्टेशन के एक यात्री संजय ने कहा कि 2005 की तुलना में लगभग एक चौथाई बारिश हुई है, तब हालात इतने बदतर हुए हैं। रेलवे प्रशासन को शीशे की जगह अपने मुख पर लगे धूल को साफ़ करने की जरूरत
कैसे, क्या, क्यों हुआ ?- सुबह 9:16 पर 3.75 मीटर का हाई टाइड समुद्र में था, जिसे ज्यादा खतरनाक नहीं माना जाता है अमूमन हाई टाइड जाने के बाद बारिश में भी संकट अधिक नहीं होता है दोपहर में 3:16 बजे 2.22 मीटर का लो-टाइड था, जिसके चलते फ्लड गेट खोलने में अड़चन हुई।
- विहार झील सोमवार को ओवरफ्लो हुई थी। मंगलवार को भी यह ओवरफ्लो होती रही, जिसका अतिरिक्त पानी मीठी नदी में आता है। इस वजह से मीठी नदी का जलस्तर नीचे नहीं हुआ।
- एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, मीठी नदी के आउटलेट यानी माहिम में चौड़ाई कम है, जिससे पानी समुद्र में जाने की रफ्तार धीमी रही। जिसका असर शहर में पानी भरने के रूप में देखा गया।
- ट्रैक से पानी मीठी नदी तक ले जाने वाले नालों की सफाई का दावा रेलवे और बीएमसी हर साल करती है। लेकिन मंगलवार को सब दावे पानी में बह गए। हाई पावर पंप भी काम नहीं आए।
हालांकि, सरकार की ओर से तमाम बड़े नेताओं और अधिकारियों ने स्थिति की समीक्षा की असल समस्या मीठी नदी के बढ़ते जलस्तर की वजह से हुई मीठी नदी का सामान्य स्तर 2.7 मीटर है, जबकि दिन में यह 3.9 मीटर तक पहुंच गया। जिसके चलते मुंबई की रफ्तार पर ब्रेक लग गया।
ठाणे, नवी मुंबई और पालघर के हालात भी खराबवही एमएमआर के हालात भी अलग नहीं थे। ठाणे जिले के कई हिस्सों में जलभराव हो गया, जिसके चलते 200 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ा। दहागांव में यातायात रुक गया। यहां चंद्रा नदी उफान पर है। वाल्कास में भी पुल जलमग्न हो गया। कई स्थानों पर ट्रेन-बस सेवाएं प्रभावित रहीं।
वसई-विरार, पनवेल में लोगों को किया गया रेस्क्यूMMR में भी जोरदार बारिश से कई जगह पानी भर गया। सबसे ज्यादा दिक्कत मुंबई-अहमदाबाद हाइवे पर हुई, जहां पूरी तरह ट्रैफिक ठप रहा। वही, वसई-विरार में करीब 500 और पनवेल में 400 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। इसके अलावा उल्हास नदी के उफान पर होने से ट्रैफिक बंद रहा, वही ठाणे में उपवन नदी का पानी सड़क पर आ गया। मीरा-भाईंदर के कई निचले इलाकों में पानी भर गया और भिवंडी शहर भी बुरी तरह प्रभावित हुआ।
लोकल ट्रेनें बुरी तरह प्रभावितमुंबई की लाइफलाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेन सेवा बुरी तरह प्रभावित रही। कई स्थानों पर ट्रैक पर पानी जमा हो गया। इससे मध्य रेलवे, पश्चिम रेलवे और हार्बर लाइन पर लोकल सेवाएं बाधित हुईं। ठाणे से सीएसएमटी जाने वाली सभी ट्रेनें रद्द करनी पड़ीं। ट्रैक पर जमा पानी की वजह से हजारों यात्री प्लैटफॉर्म पर फंसे रहे। वसई-डहाणू सेक्शन में भी पानी भरने के कारण लोकल ट्रेनों का संचालन प्रभावित रहा।
कई ट्रेनें हुईं रद्द मध्य रेलवे के मुताबिक, बारिश के चलते लंबी दूरी की गाड़ियों में 16 गाड़ियां पुनर्निर्धारित की गई है। 7 पेयर ट्रेन रद्द किया गया है। 5 ट्रेन को शार्ट टर्मिनेट और शोर्ट ओरिजिनेट किया गया। इसमें 3 गाड़ियां पुणे, 1 पनवेल और 1 नाशिक रोड से री-ओरिजिनेट करने का निर्णय लिया गया। वहीं पश्चिम रेलवे पर लोकल ट्रेनें देरी से चली और दो ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है।
दोपहर बाद फंसे हुए यात्रियों के लिए पहली ट्रेनठाणे से कुर्ला के बीच फंसे हुए यात्रियों के लिए मध्य रेलवे ने दोपहर बाद एक विशेष ट्रेन चलाई। एक लोकल रैक को कुर्ला और कल्याण के बीच चलाने का प्रयास किया गया। यह रैक इस रूट पर जितने यात्री स्टेशनों पर फंसे हुए थे, उन्हें लेकर कल्याण की तरफ बढ़ा।
20 साल बाद भी नहीं सुधरी हालातहर साल बारिश में मुंबई लोकल की लोकल ट्रेनें थमती है। शासन-प्रशासन 2005 की बाढ़ के बाद इस समस्या का हल निकालने की बात कही थी। लेकिन 20 साल बाद भी सरकारी इंतजाम जस का तस दिखाई दे रहा है। रेलवे यात्रियों ने कहा कि अगर 2005 की तरह आज भी बारिश होता, तो मुंबई की हालत तबसे अधिक ख़राब होती। कल्याण स्टेशन के एक यात्री संजय ने कहा कि 2005 की तुलना में लगभग एक चौथाई बारिश हुई है, तब हालात इतने बदतर हुए हैं। रेलवे प्रशासन को शीशे की जगह अपने मुख पर लगे धूल को साफ़ करने की जरूरत
कैसे, क्या, क्यों हुआ ?- सुबह 9:16 पर 3.75 मीटर का हाई टाइड समुद्र में था, जिसे ज्यादा खतरनाक नहीं माना जाता है अमूमन हाई टाइड जाने के बाद बारिश में भी संकट अधिक नहीं होता है दोपहर में 3:16 बजे 2.22 मीटर का लो-टाइड था, जिसके चलते फ्लड गेट खोलने में अड़चन हुई।
- विहार झील सोमवार को ओवरफ्लो हुई थी। मंगलवार को भी यह ओवरफ्लो होती रही, जिसका अतिरिक्त पानी मीठी नदी में आता है। इस वजह से मीठी नदी का जलस्तर नीचे नहीं हुआ।
- एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, मीठी नदी के आउटलेट यानी माहिम में चौड़ाई कम है, जिससे पानी समुद्र में जाने की रफ्तार धीमी रही। जिसका असर शहर में पानी भरने के रूप में देखा गया।
- ट्रैक से पानी मीठी नदी तक ले जाने वाले नालों की सफाई का दावा रेलवे और बीएमसी हर साल करती है। लेकिन मंगलवार को सब दावे पानी में बह गए। हाई पावर पंप भी काम नहीं आए।
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