कुआलालंपुर: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने इस दावे को एक बार फिर से दोहराया है कि भारत ने रूसी तेल खरीदने में कटौती शुरू कर दिया है। आपको बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों, रोसनेफ्ट और लुकोइल पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। उनका दावा है कि रूस तेल बेचकर यूक्रेन में युद्ध लड़ रहा है। वहीं, उन्होंने रूसी तेल खरीदने की वजह से भारत पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लगाए हैं, जिससे भारत पर कुल अमेरिकी टैरिफ बढ़कर 50 प्रतिशत हो गया है।
डोनाल्ड ट्रंप की यह घोषणा दक्षिण कोरिया में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ उनकी आगामी बैठक से पहले आई है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, एयर फोर्स वन में पत्रकारों से बात करते हुए, ट्रंप ने उम्मीद जताई कि बातचीत एक "पूर्ण समझौते" पर पहुंचेगी।
एशिया दौरे पर अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप
आपको बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप का एशिया दौरा, अमेरिका और चीन के बीच व्यापार, तकनीक और कच्चे माल पर प्रतिबंधों को लेकर बढ़ते तनाव के बीच हो रहा है। दोनों देशों पर एक ऐसे समझौते पर पहुंचने का दबाव बढ़ रहा है जिससे चल रहे व्यापार युद्ध को रोका जा सके। पत्रकारों द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या ट्रंप शी जिनपिंग के साथ अपनी बैठक के दौरान चीन द्वारा रूस से तेल खरीद का जिक्र करेंगे, अमेरिकी नेता ने सकारात्मक जवाब दिया। ट्रंप ने दावा किया, "मैं भले ही इस पर चर्चा कर रहा हूं, लेकिन आप जानते हैं कि चीन, आपने शायद आज देखा होगा - रूसी तेल की खरीद में काफी कटौती कर रहा है, और भारत पूरी तरह से कटौती कर रहा है, और हमने प्रतिबंध भी लगाए हैं।"
आपको बता दें कि भारत ने ट्रंप के इस दावे को लगातार खारिज किया है कि नई दिल्ली, रूस से तेल आयात में कटौती करेगी और इस बात पर जोर दिया है कि उसकी प्राथमिकता "राष्ट्रीय हितों की रक्षा" है। इसके अलावा ट्रंप के मुताबिक, उनकी एशिया यात्रा का मकसद न सिर्फ व्यापारिक मुद्दों पर चीन के साथ समझौता करना है, बल्कि फेंटानिल के मुद्दे पर भी चर्चा करना है। एशिया की यात्रा पर निकलते हुए उन्होंने पत्रकारों से कहा, "मैं चाहता हूं कि हमारे किसानों का ध्यान रखा जाए, और वह भी यही चाहते हैं। हम फेंटेनाइल के बारे में बात करेंगे। यह बहुत से लोगों की जान ले रहा है, बहुत से लोगों की, यह चीन से आता है।"
ट्रंप के आरोपों को खारिज करता है भारत
भारत ने बार-बार ट्रंप के दावे को खारिज किया है। नई दिल्ली का कहना है कि उसका रूसी तेल खरीदने का फैसला राष्ट्रीय हित पर आधारित है और किसी बाहरी दबाव से प्रभावित नहीं होता। भारत ने स्पष्ट किया है कि रूस से सस्ता कच्चा तेल खरीदना उसकी ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता के लिए आवश्यक है। जबकि डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले दिनों भी भारत को लेकर ऐसा ही दावा किया था। उन्होंने कहा था कि "जैसा कि आप जानते हैं, भारत ने मुझे बताया है कि वे इसे बंद करने जा रहे हैं... यह एक प्रक्रिया है। आप इसे (रूस से तेल खरीदना) यूं ही बंद नहीं कर सकते। साल के अंत तक, उनके पास लगभग शून्य रूसी तेल रह जााएगा, जो अभी लगभग 40 प्रतिशत तेल है।"
डोनाल्ड ट्रंप की यह घोषणा दक्षिण कोरिया में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ उनकी आगामी बैठक से पहले आई है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, एयर फोर्स वन में पत्रकारों से बात करते हुए, ट्रंप ने उम्मीद जताई कि बातचीत एक "पूर्ण समझौते" पर पहुंचेगी।
एशिया दौरे पर अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप
आपको बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप का एशिया दौरा, अमेरिका और चीन के बीच व्यापार, तकनीक और कच्चे माल पर प्रतिबंधों को लेकर बढ़ते तनाव के बीच हो रहा है। दोनों देशों पर एक ऐसे समझौते पर पहुंचने का दबाव बढ़ रहा है जिससे चल रहे व्यापार युद्ध को रोका जा सके। पत्रकारों द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या ट्रंप शी जिनपिंग के साथ अपनी बैठक के दौरान चीन द्वारा रूस से तेल खरीद का जिक्र करेंगे, अमेरिकी नेता ने सकारात्मक जवाब दिया। ट्रंप ने दावा किया, "मैं भले ही इस पर चर्चा कर रहा हूं, लेकिन आप जानते हैं कि चीन, आपने शायद आज देखा होगा - रूसी तेल की खरीद में काफी कटौती कर रहा है, और भारत पूरी तरह से कटौती कर रहा है, और हमने प्रतिबंध भी लगाए हैं।"
आपको बता दें कि भारत ने ट्रंप के इस दावे को लगातार खारिज किया है कि नई दिल्ली, रूस से तेल आयात में कटौती करेगी और इस बात पर जोर दिया है कि उसकी प्राथमिकता "राष्ट्रीय हितों की रक्षा" है। इसके अलावा ट्रंप के मुताबिक, उनकी एशिया यात्रा का मकसद न सिर्फ व्यापारिक मुद्दों पर चीन के साथ समझौता करना है, बल्कि फेंटानिल के मुद्दे पर भी चर्चा करना है। एशिया की यात्रा पर निकलते हुए उन्होंने पत्रकारों से कहा, "मैं चाहता हूं कि हमारे किसानों का ध्यान रखा जाए, और वह भी यही चाहते हैं। हम फेंटेनाइल के बारे में बात करेंगे। यह बहुत से लोगों की जान ले रहा है, बहुत से लोगों की, यह चीन से आता है।"
ट्रंप के आरोपों को खारिज करता है भारत
भारत ने बार-बार ट्रंप के दावे को खारिज किया है। नई दिल्ली का कहना है कि उसका रूसी तेल खरीदने का फैसला राष्ट्रीय हित पर आधारित है और किसी बाहरी दबाव से प्रभावित नहीं होता। भारत ने स्पष्ट किया है कि रूस से सस्ता कच्चा तेल खरीदना उसकी ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता के लिए आवश्यक है। जबकि डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले दिनों भी भारत को लेकर ऐसा ही दावा किया था। उन्होंने कहा था कि "जैसा कि आप जानते हैं, भारत ने मुझे बताया है कि वे इसे बंद करने जा रहे हैं... यह एक प्रक्रिया है। आप इसे (रूस से तेल खरीदना) यूं ही बंद नहीं कर सकते। साल के अंत तक, उनके पास लगभग शून्य रूसी तेल रह जााएगा, जो अभी लगभग 40 प्रतिशत तेल है।"
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