काबुल: तालिबान ने अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच टकराव के मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है। तालिबान का कहना है कि अफगानिस्तान से संबंधों पर पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार और असीम मुनीर के नेतृत्व वाली सेना एक मंच पर नहीं हैं। अफगान तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने अपने बयान में कहा कि पाकिस्तान की नागरिक सरकार आपसी हितों के आधार पर काबुल के साथ संबंध स्थापित करने में रुचि रखती है लेकिन सेना इसकी इजाजत नहीं दे रही है।
खैबर टीवी को दिए साक्षात्कार में मुजाहिद ने कहा कि पाक आर्मी जानबूझकर दोनों देशों के बीच संबंधों को खराब करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, 'अफगानिस्तान के लिए पाकिस्तान के विशेष दूत सादिक खान बीते महीने काबुल में थे। उन्होंने सकारात्मक बातचीत की लेकिन उसी दौरान पाकिस्तानी सेना ने अफगानिस्तान की धरती पर हमले कर आपसी संबंधों को नुकसान पहुंचाया।'
'व्यापार को राजनीति से अलग रखें'मुजाहिद ने कहा कि पाकिस्तान के डूरंड रेखा पर क्रॉसिंग बंद करने से दोनों पक्षों के व्यापारियों को नुकसान हुआ है। हमें लगता है कि ऐसे मुद्दों को राजनीति से अलग रखना चाहिए। कुनार नदी पर बांध बनाने पर पाकिस्तान की चिंता के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह अफगानिस्तान का अधिकार है। हालांकि इससे पाकिस्तान को कोई नुकसान नहीं होगा। पानी अपनी प्राकृतिक दिशा में बहता रहेगा।
मुजाहिद ने पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के समय में अफगानिस्तान-पाकिस्तान संबंधों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इमरान के कार्यकाल में दोनों देशों के बीच संबंध अच्छे हो गए थे। इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि पाकिस्तानी पक्ष चाहता है कि हम पाकिस्तान के अंदर होने वाली घटनाओं को रोकें लेकिन कुछ मामलों में यह हमारे नियंत्रण से बाहर हो जाता है।
अगली वार्ता 6 नवंबर को: पाकिस्तानपाकिस्तान ने शुक्रवार को बताया कि उसकी अफगानिस्तान के साथ अगले दौर की वार्ता छह नवंबर को होगी। विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ताहिर अंद्राबी ने कहा कि पाकिस्तान पड़ोसी देश के साथ तनाव नहीं बढ़ाना चाहता है। पाकिस्तान मध्यस्थता प्रक्रिया में शामिल रहेगा और छह नवंबर की वार्ता के सकारात्मक परिणाम की उम्मीद करता है।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संघर्ष के बाद दोहा में सीजफायर हुआ, इसके बाद युद्धविराम समझौते के बाद अगले दौर की वार्ता निर्धारित की गई। पहले दौर की वार्ता 18 और 19 अक्टूबर को दोहा में हुई। इसके बाद 25 अक्टूबर को इस्तांबुल में दूसरी वार्ता हुई। इस्तांबुल में कई दिनों तक वार्ता चली लेकिन बिना किसी सफलता के खत्म हो गई।
खैबर टीवी को दिए साक्षात्कार में मुजाहिद ने कहा कि पाक आर्मी जानबूझकर दोनों देशों के बीच संबंधों को खराब करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, 'अफगानिस्तान के लिए पाकिस्तान के विशेष दूत सादिक खान बीते महीने काबुल में थे। उन्होंने सकारात्मक बातचीत की लेकिन उसी दौरान पाकिस्तानी सेना ने अफगानिस्तान की धरती पर हमले कर आपसी संबंधों को नुकसान पहुंचाया।'
'व्यापार को राजनीति से अलग रखें'मुजाहिद ने कहा कि पाकिस्तान के डूरंड रेखा पर क्रॉसिंग बंद करने से दोनों पक्षों के व्यापारियों को नुकसान हुआ है। हमें लगता है कि ऐसे मुद्दों को राजनीति से अलग रखना चाहिए। कुनार नदी पर बांध बनाने पर पाकिस्तान की चिंता के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह अफगानिस्तान का अधिकार है। हालांकि इससे पाकिस्तान को कोई नुकसान नहीं होगा। पानी अपनी प्राकृतिक दिशा में बहता रहेगा।
मुजाहिद ने पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के समय में अफगानिस्तान-पाकिस्तान संबंधों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इमरान के कार्यकाल में दोनों देशों के बीच संबंध अच्छे हो गए थे। इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि पाकिस्तानी पक्ष चाहता है कि हम पाकिस्तान के अंदर होने वाली घटनाओं को रोकें लेकिन कुछ मामलों में यह हमारे नियंत्रण से बाहर हो जाता है।
अगली वार्ता 6 नवंबर को: पाकिस्तानपाकिस्तान ने शुक्रवार को बताया कि उसकी अफगानिस्तान के साथ अगले दौर की वार्ता छह नवंबर को होगी। विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ताहिर अंद्राबी ने कहा कि पाकिस्तान पड़ोसी देश के साथ तनाव नहीं बढ़ाना चाहता है। पाकिस्तान मध्यस्थता प्रक्रिया में शामिल रहेगा और छह नवंबर की वार्ता के सकारात्मक परिणाम की उम्मीद करता है।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संघर्ष के बाद दोहा में सीजफायर हुआ, इसके बाद युद्धविराम समझौते के बाद अगले दौर की वार्ता निर्धारित की गई। पहले दौर की वार्ता 18 और 19 अक्टूबर को दोहा में हुई। इसके बाद 25 अक्टूबर को इस्तांबुल में दूसरी वार्ता हुई। इस्तांबुल में कई दिनों तक वार्ता चली लेकिन बिना किसी सफलता के खत्म हो गई।
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