इस्लामाबाद: पाकिस्तान की ओर से एक बार फिर अफगानिस्तान के साथ सीजफायर तोड़ने की धमकी दी गई है। पाकिस्तानी सेना ने कहा है कि अगर उनकी जमीन पर सीमा पार से हमला हुआ तो अफगानिस्तान के साथ युद्धविराम को खत्म मान लिया जाएगा। पाकिस्तान की ओर से ये बयान ऐसे समय आया है, जब दोनों पक्ष सीजफायर समझौते पर आगे की बातचीत के लिए इस हफ्ते तुर्की के इस्तांबुल में बैठक करेंगे। एक तरफ पाकिस्तान बातचीत जारी रखे हुए तो वहीं उसकी ओर से अफगानिस्तान को धमकियां भी दी जा रही हैं।
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने सोमवार को रावलपिंडी में कहा कि सीमा पार पनाह पाए गुटों के हमलों को किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। शरीफ ने कहा, 'अगर अफगानिस्तान की धरती से पाकिस्तान में एक भी आतंकी घटना हुई तो युद्धविराम को समाप्त माना जाएगा।' अफगानिस्तान की ओर से पाकिस्तानी सैन्य प्रवक्ता के बयान पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
TTP में अफगान नागरिकपाक आर्मी प्रवक्ता अहमद शरीफ चौधरी ने कहा, 'अभी भी अफगानिस्तान की सीमा से टीटीपी की घुसपैठ की कोशिशें लगातार जारी हैं। पिछले महीने भी अफगानिस्तान से टीटीपी के लोगों की घुसपैठ की तीन कोशिशें हुईं, जो नाकाम कर दी गईं।' पाकिस्तानी आर्मी ने टीटीपी के 60 प्रतिशत घुसपैठियों के अफगान नागरिक होने का दावा भी किया है।
अहमद चौधरी ने आगे कहा, 'पाकिस्तान ने हमेशा शांति को मौका दिया है। हम अनावश्यक रूप से बल प्रयोग नहीं करते हैं। हम केवल वहीं बल प्रयोग कर रहे हैं, जहां इसकी आवश्यकता है। हालांकि हम ये साफ कर देना चाहते हैं कि आतंकवादियों से कभी बात नहीं करेंगे। हम अफगानिस्तान से बात करेंगे ना कि उनसे जो हमारी जमीन पर हमले कर रहे हैं।
कतर में युद्धविराम समझौतापाकिस्तान और काबुल की सत्ता पर काबिज अफगान तालिबान में तनाव बढ़ा हुआ है। खासतौर से बीते महीने पाक आर्मी के अफगानिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के ठिकानों पर कथित हमलों को बाद चीजें खराब हुई हैं। पाक आर्मी के इन हमलों के बाद दोनों देशों के बीच सीमा पर भीषण लड़ाई देखने को मिली थी।
सीमा पर संघर्ष के बाद पाकिस्तान और अफगानिस्तान के डेलीगेशन ने 19 अक्टूबर को दोहा में युद्धविराम पर सहमति जताई थी। समझौते पर अभी वार्ता चल रही है। दोनों पक्ष 6 नवंबर को इस्तांबुल में निगरानी तंत्र को अंतिम रूप देने के लिए बैठक की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि पाकिस्तानी पक्ष का अफगान तालिबान पर विश्वास नहीं दिख रहा है।
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने सोमवार को रावलपिंडी में कहा कि सीमा पार पनाह पाए गुटों के हमलों को किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। शरीफ ने कहा, 'अगर अफगानिस्तान की धरती से पाकिस्तान में एक भी आतंकी घटना हुई तो युद्धविराम को समाप्त माना जाएगा।' अफगानिस्तान की ओर से पाकिस्तानी सैन्य प्रवक्ता के बयान पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
TTP में अफगान नागरिकपाक आर्मी प्रवक्ता अहमद शरीफ चौधरी ने कहा, 'अभी भी अफगानिस्तान की सीमा से टीटीपी की घुसपैठ की कोशिशें लगातार जारी हैं। पिछले महीने भी अफगानिस्तान से टीटीपी के लोगों की घुसपैठ की तीन कोशिशें हुईं, जो नाकाम कर दी गईं।' पाकिस्तानी आर्मी ने टीटीपी के 60 प्रतिशत घुसपैठियों के अफगान नागरिक होने का दावा भी किया है।
अहमद चौधरी ने आगे कहा, 'पाकिस्तान ने हमेशा शांति को मौका दिया है। हम अनावश्यक रूप से बल प्रयोग नहीं करते हैं। हम केवल वहीं बल प्रयोग कर रहे हैं, जहां इसकी आवश्यकता है। हालांकि हम ये साफ कर देना चाहते हैं कि आतंकवादियों से कभी बात नहीं करेंगे। हम अफगानिस्तान से बात करेंगे ना कि उनसे जो हमारी जमीन पर हमले कर रहे हैं।
कतर में युद्धविराम समझौतापाकिस्तान और काबुल की सत्ता पर काबिज अफगान तालिबान में तनाव बढ़ा हुआ है। खासतौर से बीते महीने पाक आर्मी के अफगानिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के ठिकानों पर कथित हमलों को बाद चीजें खराब हुई हैं। पाक आर्मी के इन हमलों के बाद दोनों देशों के बीच सीमा पर भीषण लड़ाई देखने को मिली थी।
सीमा पर संघर्ष के बाद पाकिस्तान और अफगानिस्तान के डेलीगेशन ने 19 अक्टूबर को दोहा में युद्धविराम पर सहमति जताई थी। समझौते पर अभी वार्ता चल रही है। दोनों पक्ष 6 नवंबर को इस्तांबुल में निगरानी तंत्र को अंतिम रूप देने के लिए बैठक की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि पाकिस्तानी पक्ष का अफगान तालिबान पर विश्वास नहीं दिख रहा है।
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