भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच विवाद के बाद देश के नागरिक अपनी तरफ की सेना का सम्मान कर रहे हैं। अब इस विवाद का असर मिठाइयों के नाम पर भी देखने को मिल रहा है। भारत में कई मिठाइयाँ हैं जिनके नाम में ‘पाक’ शब्द आता है। यद्यपि ‘पाक’ शब्द का अर्थ ‘शुद्ध’ होता है, लेकिन अब यह शब्द लोगों के दिलों में क्रोध और नकारात्मकता का प्रतीक बन गया है। इसलिए मिठाइयों के नाम बदलने का निर्णय लिया गया है।
राजस्थान की राजधानी जयपुर में ‘त्योहार’ नाम की एक मिठाई की दुकान है। जहां सोने की राख और चांदी की राख से बनी विशेष मिठाइयां बनाई जाती हैं। दुकान में प्रसिद्ध मिठाई ‘स्वर्ण भस्म पाक’ की कीमत 85,000 रुपये प्रति किलोग्राम है। अब इस मिठाई के नाम से ‘पाक’ शब्द हटा दिया गया है और इसमें ‘श्री’ शब्द जोड़ दिया गया है। जैसे ‘स्वर्ण भस्म श्री’, ‘रजत भस्म श्री’, ‘बीकानेरी मोती श्री’, ‘मसूर श्री’ और ‘गुंड श्री’ जो सर्दियों में आती है। खिलौनों की दुकान की मालिक चार्टर्ड अकाउंटेंट अंजलि जैन ने कहा, “जब देश के जवान सीमा पर लड़ रहे थे, तब हमें लगा कि मिठाई के नाम में ‘पाक’ शब्द उचित नहीं लगता।” इसीलिए हमने मिठाइयों के नाम बदल दिए। यह हमारा छोटा सा देशभक्तिपूर्ण योगदान है। इस मिठास में देशभक्ति की मिठास भी घुली हुई है।
स्वर्ण भस्म श्री भारत की सबसे महंगी मिठाई है। यह आयुर्वेदिक फार्मूले से बनाया गया है। इसमें अफगानिस्तान से आयातित बादाम और केसर का उपयोग किया जाता है। इसके साथ ही इसमें स्वर्ण भस्म भी मिलाया जाता है, जिसे आयुर्वेद में चयापचय बढ़ाने के लिए अच्छा माना जाता है। इसे ऊपर से पाइन नट्स, पिस्ता और केसर से सजाया जाता है। इसमें जैन मंदिरों से लाई गई क्रूरता-मुक्त कलाकृति का भी उपयोग किया गया है, इसलिए इसकी कीमत विशेष है। अंजलि जैन ने कहा कि जब सीमा पर स्थिति तनावपूर्ण थी, तो हमें लगा कि ‘पाक’ शब्द को नकारात्मक भावनाओं से जोड़ा जा रहा है। इसलिए हमने मिठाई का नाम बदलकर ‘श्री’ रख दिया, जो भारतीय संस्कृति का अच्छा प्रतिबिंब है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ का परिणाममिठाई विक्रेताओं का कहना है कि पाकिस्तान में भारत के हमले के बाद देशवासियों में गर्व और सम्मान की भावना बढ़ी है। इसी भावना को ध्यान में रखते हुए इन नामों को बदला गया है ताकि किसी भी तरह से ‘पाक’ शब्द, जो अब पाकिस्तान के साथ जुड़ गया है, का प्रयोग न हो। यह परिवर्तन दर्शाता है कि राष्ट्रीय कार्यक्रम किस प्रकार दैनिक जीवन और यहां तक कि खाद्य संस्कृति को प्रभावित करते हैं।
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