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Negotiable Instruments Act : बैंक चेक से जुड़ा वो नियम जो 90% लोगों को नहीं पता, कब लिखना है 'नॉट नेगोशिएबल'?

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Negotiable Instruments Act : बैंक चेक से जुड़ा वो नियम जो 90% लोगों को नहीं पता, कब लिखना है ‘नॉट नेगोशिएबल’?

News India Live, Digital Desk: क्या आप जानते हैं कि जब आप किसी को चेक देते हैं और उस पर ‘अकाउंट पेयी ओनली’ (A/c Payee Only) लिख देते हैं, तो आप सोचते हैं कि अब यह चेक सिर्फ उसी व्यक्ति के खाते में जमा होगा और कोई दूसरा इसे कैश नहीं करा पाएगा? यह बात तो सही है कि यह चेक सिर्फ नामित व्यक्ति के खाते में ही जमा होगा, लेकिन इसमें एक बड़ी बारीक गलती होती है जिसे जानना बेहद ज़रूरी है।

बैंक चेक से जुड़ा एक ऐसा नियम है, जिसे 90% लोग नहीं जानते और इसी वजह से कई बार धोखाधड़ी का शिकार भी हो जाते हैं। भारतीय कानून और सुप्रीम कोर्ट के एक महत्वपूर्ण फैसले के अनुसार, ‘अकाउंट पेयी’ चेक को एंडोर्स (हस्तांतरित) किया जा सकता है!

नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट (Negotiable Instruments Act), 1881 की धारा 130 के अनुसार, यदि आप किसी चेक पर केवल ‘अकाउंट पेयी’ लिखते हैं, तो इसका मतलब सिर्फ इतना है कि उस चेक का भुगतान केवल नामित व्यक्ति के बैंक खाते में ही होगा। लेकिन, यह चेकधारक को उस चेक को किसी तीसरे व्यक्ति को एंडोर्स करने से नहीं रोकता। यानी, जिसे चेक मिला है, वह उसे आगे किसी और को दे सकता है और वह तीसरा व्यक्ति भी उसे अपने खाते में जमा कर सकता है।

तो फिर ‘अकाउंट पेयी’ का फायदा क्या?

‘अकाउंट पेयी’ यह सुनिश्चित करता है कि पैसे सीधे बैंक खाते में जाएं, न कि नकद निकलें। लेकिन यह आगे के ट्रांसफर को नहीं रोकता।

चेक को पूरी तरह से सुरक्षित कैसे बनाएं?

अगर आप चाहते हैं कि आपका चेक किसी भी कीमत पर आगे ट्रांसफर न हो, यानी वह पूरी तरह से गैर-हस्तांतरणीय (Non-Transferable) हो, तो ‘अकाउंट पेयी’ लिखने के साथ-साथ चेक पर ‘नॉट नेगोशिएबल’ (Not Negotiable) या ‘नॉट ट्रांसफरेबल’ (Not Transferable) भी लिखना ज़रूरी है।

यह क्यों महत्वपूर्ण है?

भारतीय कानून कहता है कि ‘नॉट नेगोशिएबल’ शब्द जोड़ने से, जिसे चेक मिलता है, उसे उस व्यक्ति से बेहतर मालिकाना हक (Good Title) नहीं मिल सकता जिसने उसे ट्रांसफर किया है।

सरल शब्दों में समझें:

  • केवल ‘अकाउंट पेयी’ लिखा चेक: ‘क’ ने ‘ख’ को चेक दिया। ‘ख’ चाहे तो इसे ‘ग’ को एंडोर्स कर सकता है और ‘ग’ इसे अपने खाते में जमा कर सकता है।

  • ‘अकाउंट पेयी’ के साथ ‘नॉट नेगोशिएबल’ लिखा चेक: ‘क’ ने ‘ख’ को चेक दिया। ‘ख’ इसे ‘ग’ को एंडोर्स तो कर सकता है, लेकिन अगर ‘ख’ ने यह चेक किसी गलत तरीके से लिया था, तो ‘ग’ उस चेक पर अपना दावा नहीं कर सकता, क्योंकि ‘ग’ को ‘ख’ से बेहतर मालिकाना हक नहीं मिलेगा। यह चेक देने वाले (ड्रॉअर) को संभावित धोखाधड़ी से बचाता है।

इसलिए, अगली बार जब आप कोई चेक जारी करें, खासकर बड़ी रकम का, तो इस नियम का ध्यान रखें और अपनी सुरक्षा के लिए ‘नॉट नेगोशिएबल’ लिखना न भूलें।

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