क्या आपके बच्चे के पहले दांत निकलने का समय आ गया है? बच्चे के विकास के सबसे प्यारे और साथ ही चुनौतीपूर्ण पड़ावों में से एक है उनका "दूध निकलना" यानी Teething। यह प्रक्रिया हर बच्चे में अलग होती है, लेकिन आमतौर पर यह पहले साल के दौरान शुरू होती है। इस दौरान आपके बच्चे की तकलीफ को समझना और उसे राहत देना बहुत जरूरी होता है।बच्चे के दूध निकलने के आम लक्षणमसूड़ों में सूजन और दर्दज्यादा लार गिराना (ड्रिब्लिंग)चीज़ों को चबाने की इच्छाबेचैनी और चिड़चिड़ापनथोड़ा बुखार (38°C से नीचे)गालों का लाल होना या चेहरा खुजली करनाकान रगड़ना या छूनानींद में खललध्यान दें कि इससे जुड़ी जकड़न, पेट खराब होना या बहुत ज्यादा बुखार होना आम तौर पर दांत निकलने के कारण नहीं होता। यदि आपके बच्चे को तेज बुखार या गंभीर बीमारी लक्षण हों, तो डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।बच्चे को दांत निकलने में राहत कैसे दें?मसूड़ों की नरम मालिश करें: साफ उँगली या गीले कॉटन से मसूड़ों को हल्के से रगड़ना बच्चे को आराम दे सकता है।ठन्डे खिलौने या गीले वाशक्लॉथ फ्रिज में रखकर बच्चे को चबाने के लिए दें (जमाकर न रखें)।बच्चों के लिए बने सुरक्षित और ठन्डे टीदनों (teething rings) का प्रयोग करें जो जल से भरे हों लेकिन जेल वाले न हों।अगर बच्चा ज्यादा परेशान हो, तो डॉक्टर की सलाह से बच्चों के दर्द निवारक जैसे पैरासिटामोल या इबुप्रोफेन कुछ ही दिन तक दे सकते हैं।बच्चे के चेहरे पर लगी लार साफ रखें और डाइव्लिंग से होने वाली चकत्ते से बचाने के लिए बार-बार पोंछते रहें।बेबी को आराम दें और ज्यादा प्यार-प्यार करके उसे विचलित करें।दूध निकलने की प्रक्रिया कब शुरू होती है?आमतौर पर बच्चे के पहले दांत उम्र 4 से 7 महीने के बीच निकलते हैं, हालांकि कुछ बच्चे 2-3 महीने के भी हो सकते हैं या फिर एक साल के बाद भी शुरू हो सकता है। इसे पूरी तरह सामान्य माना जाता है। पहले दांत आमतौर पर निचले सामने वाले incisors होते हैं, उसके बाद ऊपर वाले सामने के incisors आता है।क्या करें और क्या न करें?दांत निकलने के दौरान गर्भनाशी जमा करने के लिए ठंडी वस्तुएं दें, लेकिन जमी हुई चीजें न दें क्योंकि वे मसूड़ों को नुकसान पहुंचा सकती हैं।मसूड़ों पर कोई जेली या गैल इस्तेमाल करने से बचें, क्योंकि उनमें हानिकारक तत्व हो सकते हैं।बच्चे को सख्त या छोटे वस्तुओं से बचाएं, जिससे गला घुटने या अन्य खतरा हो सकता है।घर पर और बाहर साफ-सफाई का ध्यान रखें ताकि बच्चे को संक्रमण न हो।आखिरकारदूध निकलना बच्चे के विकास का एक बुनियादी हिस्सा है। सही समझ और ध्यान से आप इस चुनौतीपूर्ण समय को आसानी से पार कर सकते हैं। बच्चे की मदद के लिए उनसे खेलने, प्यार दिखाने और नरमी से संभालने से उन्हें जल्द राहत मिलेगी। अपनी बच्ची/बच्चे के लिए धैर्य रखें, क्योंकि यह मुश्किल दौर भी जल्द ही गुजर जाएगा।
You may also like
भारत में सबसे ज्यादा सुअर किस राज्य में हैं?ˈ देखें टॉप-5 की लिस्ट आंकड़े देखकर आप भी रह जाएंगे हैरान
गायत्री मंत्र सुनती है ये पाकिस्तानी एक्ट्रेस बहन परˈ लगा डबल मर्डर केस रणबीर के साथ कर चुकी है काम
पीएम नरेंद्र मोदी के आगमन को लेकर एनडीए घटक दलों की बैठक, मगध विश्वविद्यालय कार्यक्रम की तैयारी पर चर्चा
कूनो नेशनल पार्क की मादा चीता ज्वाला ने राजस्थान में मचाई दहशत, बकरी का किया शिकार
यूपी का वह पवित्र स्थल जहां 1200 साल से हो रही भगवान कल्कि की प्रतीक्षा, विष्णु के 10वें अवतार से होगा कलियुग का अंत