पिछले कुछ दिनों में जिस तरह से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा है और हिंसक रूप ले लिया है, वह बेहद चिंताजनक है। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए भीषण आतंकवादी हमले में 26 निर्दोष भारतीय नागरिकों की मौत पर पूरा देश आक्रोशित था। हर तरफ बदले की मांग उठ रही थी।
ऐसी स्थिति में भारत सरकार ने एक मजबूत सैन्य रणनीति के तहत ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लागू किया। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में कई किलोमीटर तक घुसकर प्रमुख आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया। यह कार्रवाई इतनी प्रभावी थी कि इसके बाद पाकिस्तान ने स्वयं पहल करते हुए भारत से युद्ध विराम की अपील की।
शनिवार को अपराह्न 3:35 बजे पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशक (DGMO) ने भारतीय DGMO को फोन किया और सभी मोर्चों पर गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने की पेशकश की। भारत ने सहमति जताते हुए शाम 5 बजे से युद्धविराम लागू कर दिया। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि वार्ता का दायरा युद्धविराम तक ही सीमित है तथा किसी अन्य मुद्दे पर चर्चा नहीं की जाएगी।
ऑपरेशन सिंदूर में भारत को क्या हासिल हुआ?
1. 9 आतंकी लॉन्चपैड नष्ट: भारत ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में स्थित 9 बड़े आतंकी ठिकानों पर हमला किया। ये ठिकाने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों के संचालन और प्रशिक्षण केंद्र थे। उन पर हुए हमले ने आतंकवाद की रीढ़ तोड़ दी है।
2. पाकिस्तान पर आक्रमण: पहली बार भारत ने खुद को पीओके तक सीमित नहीं रखा बल्कि पंजाब प्रांत जैसे पाकिस्तान के संवेदनशील क्षेत्रों पर हमला किया। बहावलपुर जैसे स्थानों को निशाना बनाया गया, जहां माना जाता है कि जैश का मुख्यालय है। ये वही स्थान हैं जहां अमेरिका ने अपने ड्रोन भी नहीं भेजे हैं।
3. पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली की पोल खुली: इस ऑपरेशन के दौरान देखा गया कि भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली की पूरी तरह पोल खोल दी थी। उनका असली चेहरा सामने आ गया। पूरा ऑपरेशन मात्र 23 मिनट में पूरा हो गया और किसी भी भारतीय विमान को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। राफेल विमानों ने स्कैल्प और हैमर मिसाइलों का उपयोग करके सटीक हमले किए।
4. सिर्फ आतंकी ठिकानों पर नजर: भारत ने साफ संदेश दिया कि ये लड़ाई आतंकवाद के खिलाफ है, पाकिस्तान की जनता या सेना के खिलाफ नहीं। किसी सैन्य अड्डे या नागरिक स्थल को कोई क्षति नहीं पहुंची।
5. कुख्यात आतंकवादियों का सफाया: इस ऑपरेशन में भारत की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल कई आतंकवादियों का सफाया कर दिया गया। इन आतंकवादियों पर भारत में कई हमलों की योजना बनाने का आरोप था। इन संगठनों का नेतृत्व रातोंरात समाप्त हो गया।
6. तीनों सेनाओं की संयुक्त कार्रवाई: ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देते समय भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना की एकता का प्रदर्शन किया गया। यह भारत की संयुक्त सैन्य रणनीति और युद्ध कौशल का जीवंत उदाहरण है।
7. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का संदेश: भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अब उसे किसी की अनुमति की जरूरत नहीं है। यह संदेश सिर्फ पाकिस्तान के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए है कि भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा। कुल मिलाकर ऐसा लगता है कि भारत ने इसके जरिए पूरी दुनिया को सही संदेश दिया है।
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