नई दिल्ली। केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों के लिए अप्रैल में यूनिफाइड पेंशन स्कीम यानी यूपीएस लाई थी। नेशनल पेंशन स्कीम यानी एनपीएस के तहत आने वाले केंद्रीय कर्मचारी यूपीएस में जा सकते हैं। यूपीएस में एनपीएस से ज्यादा फायदा भी है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों को एनपीएस से यूपीएस में शिफ्ट करने के लिए 30 जून 2025 तक की समयसीमा दी गई है। इस दौरान यूपीएस में शिफ्ट न होने पर केंद्र सरकार के संबंधित कर्मचारी को एनपीएस के ही तहत रखा जाएगा। ऐसे में अगर आप केंद्रीय कर्मचारी हैं, तो यूपीएस में जाने के लिए जल्दी से कदम उठाइए।
केंद्र सरकार ने एनपीएस से यूपीएस में शिफ्ट करने के लिए कुछ शर्तें रखी हैं। यूपीएस में वे केंद्रीय कर्मचारी शिफ्ट हो सकते हैं, जो 1 अप्रैल 2025 को एनपीएस में थे। 10 साल तक नौकरी करने और 31 मार्च 2025 को रिटायर हुए केंद्रीय कर्मचारी भी यूपीएस में शिफ्ट हो सकते हैं। यूपीएस में जाने से पहले जान गंवा देने और एनपीएस वाले केंद्रीय कर्मचारियों के जीवनसाथी भी यूपीएस के तहत पेंशन ले सकते हैं। वहीं, फंडामेंटल रूल 56(जे) के तहत रिटायर किए गए और एनपीएस के दायरे में आने वाले केंद्र सरकार के पूर्व कर्मचारी भी यूपीएस के तहत पेंशन पाने के हकदार होंगे।
यूपीएस में शिफ्ट होने के लिए 1 अप्रैल 2025 को या उसके बाद केंद्र सरकार की नौकरी में आने वाले कर्मचारियों को फॉर्म ए-1 भरना होगा। जबकि, इस तारीख से पहले से काम कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों को फॉर्म ए-2 भरना होगा। ये फॉर्म www.npscra.nsdl.co.in पर हैं। जिनको ऑफलाइन और ऑनलाइन जमा कर सकते हैं। फॉर्म जमा करने पर रसीद मिलेगी। यूपीएस के तहत 25 साल की नौकरी पूरी करने वाले कर्मचारियों को आखिरी 12 महीने की औसत बेसिक सैलरी की 50 फीसदी पेंशन मिलेगी। वहीं, 10 साल की न्यूनतम सेवा करने वाले केंद्रीय कर्मचारियों को हर महीने 10000 रुपए देने का प्रावधान है। जिसमें समय-समय पर डीए भी दिया जाएगा। इस तरह एनपीएस के मुकाबले यूपीएस ज्यादा फायदे वाला है। एनपीएस में स्थिर पेंशन का विकल्प नहीं था।
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