नई दिल्ली। शिवसेना यूबीटी के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे लगभग 20 साल बाद एक साथ आए लेकिन दोनों भाईयों को पहले ही चुनाव में करारा झटका लगा। बीईएसटी (BEST) क्रेडिट सोसाइटी चुनाव में उद्धव और राज की पार्टियों ने मिलकर चुनाव लड़ा मगर इसमें इनका खाता भी नहीं खुल सका। ठाकरे बंधुओं की ओर से समर्थित ‘उत्कर्ष’ पैनल को 21 सीटों में एक पर भी जीत हासिल नहीं हुई है। इस चुनाव के नतीजों पर सभी राजनीतिक दलों की नजर थी वहीं राज और उद्धव ठाकरे भी इस चुनाव से काफी उम्मीद लगाए हुए थे।
बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट के कर्मचारियों से जुड़े क्रेडिट सोसाइटी चुनाव में शशांक राव के पैनल ने सबसे ज्यादा 14 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं बीजेपी समर्थित पैनल के हिस्से भी 7 सीटें आईं। इस तरह से बेस्ट समिति में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना यूबीटी का कई साल पुराना प्रभुत्व भी खत्म हो गया। उत्पर्ष पैनल के तहत कुल 21 सीटों में से 18 सीटों पर शिवसेना यूबीटी ने अपने कैंडिडेट उतारे थे जबकि दो सीट पर राज ठाकरे की एमएनएस के उम्मीदवार चुनाव लड़े थे वहीं अनुसूचित जाति-जनजाति संगठन का एक उम्मीदवार शामिल था।
बीजेपी ने कसा तंज
बीईएसटी कर्मचारियों के नेता शशांक राव ने इसे कर्मचारियों के विश्वास की जीत करार दिया है। वहीं राज और उद्धव ठाकरे की पार्टियों की हार पर बीजेपी ने तंज कसा है। बीजेपी नेता और प्रवक्ता केशव उपाध्याय का कहना है कि यह एक बहुत सरल सी गणित है जब भी दो शून्य को जोड़ा जाएगा नतीजा हमेशा शून्य ही आएगा। फिलहाल चुनाव नतीजों को लेकर शिवसेना यूबीटी या एमएनएस की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। इस चुनाव नतीजों को देखते हुए अब आगामी बीएमसी चुनाव के लिए उद्धव और राज ठाकरे को फिर से नई रणनीति के तहत काम करना होगा।
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