साल 2025 की शुरुआत से सोना निवेशकों के लिए एक लाभकारी विकल्प बन गया है। पिछले चार महीनों में सोने की कीमतों में लगभग 25% की वृद्धि हुई है, जिससे यह MCX और COMEX दोनों प्लेटफार्मों पर अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। इसी बीच, चांदी ने भी COMEX पर 15% की बढ़त दर्ज की है।
सोने की कीमतों में वृद्धि के कारण
विशेषज्ञों का मानना है कि यह वृद्धि केवल घरेलू स्तर पर नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी देखी गई है। इसके पीछे के कारणों में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव, अमेरिका-चीन व्यापार विवाद, और सुरक्षित निवेश विकल्पों की बढ़ती मांग शामिल हैं। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (MOFSL) की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीद में वृद्धि ने इस रैली को मजबूती प्रदान की है।
सोने की कीमतें कहां तक जा सकती हैं?
रिपोर्ट में बताया गया है कि MCX पर सोने को ₹91,000 प्रति 10 ग्राम पर मजबूत समर्थन प्राप्त है, जबकि ₹99,000 के आसपास इसका अगला प्रतिरोध स्तर है। COMEX पर, सोने की कीमतें $3,100 से $3,400 प्रति औंस के बीच कारोबार कर रही हैं।
निवेशकों के लिए रणनीति
मोतीलाल ओसवाल के ग्रुप सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, नवनीत दमानी ने कहा, "नीतिगत अनिश्चितता, महंगाई और वैश्विक तनाव के बीच सोना स्थिरता का प्रतीक बना हुआ है। सेंट्रल बैंकों की खरीद और निवेशकों की मांग इसे और मजबूती दे रही है। जब तक व्यापार विवादों का ठोस हल नहीं निकलता, हमारा नजरिया मीडियम से लॉन्ग टर्म में 'बाय ऑन डिप्स' का रहेगा।"
चांदी की स्थिति
हालांकि चांदी ने भी 2025 में अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन सोने की तुलना में इसकी वृद्धि थोड़ी धीमी रही है। COMEX पर चांदी की कीमतों में लगभग 15% की वृद्धि हुई है।
ट्रंप की टैरिफ नीति का प्रभाव
ट्रंप प्रशासन द्वारा चीन पर लगाए गए 245% तक के भारी टैरिफ ने चीन को जवाबी कदम उठाने के लिए मजबूर किया है। इससे अमेरिका में आर्थिक मंदी और स्टैगफ्लेशन की आशंका बढ़ गई है, जिससे सोने में निवेश एक सुरक्षित विकल्प बन गया है।
फेड की मौद्रिक नीति और डॉलर की कमजोरी
2024 में तीन बार ब्याज दरों में कटौती के बाद, फेडरल रिजर्व अब 'वेट एंड वॉच' मोड में है। ट्रंप आगे कटौती की मांग कर रहे हैं, जबकि फेड चेयर जेरोम पॉवेल मुद्रास्फीति और आर्थिक अनिश्चितता को देखते हुए सतर्कता बरत रहे हैं। इस बीच, अमेरिकी डॉलर इस साल 7% से अधिक गिर चुका है, जिसने भी सोने को समर्थन दिया है।
भविष्य की संभावनाएं
MOFSL की रिपोर्ट में कहा गया है कि जब तक वैश्विक व्यापार विवादों का कोई ठोस समाधान नहीं निकलता, तब तक सोने की कीमतों में यह तेजी मीडियम से लॉन्ग टर्म में जारी रहने की पूरी संभावना है।
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