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हिंदू धर्म में भोजन के दौरान की जाने वाली 5 सामान्य गलतियाँ

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भोजन का महत्व और नियम

भोजन केवल शारीरिक भूख को शांत नहीं करता, बल्कि यह ऊर्जा, स्वास्थ्य और समृद्धि का भी स्रोत है। हिंदू धर्म, वास्तु शास्त्र और आयुर्वेद में भोजन के समय कुछ विशेष नियमों का पालन करने की आवश्यकता बताई गई है। इन नियमों की अनदेखी करने से न केवल मां लक्ष्मी और मां अन्नपूर्णा की कृपा से वंचित रह सकते हैं, बल्कि आर्थिक तंगी और मानसिक तनाव भी उत्पन्न हो सकता है। आइए जानते हैं उन 5 प्रमुख गलतियों के बारे में, जिन्हें आपको तुरंत छोड़ देना चाहिए।


चौखट पर खाना अशुभ

कई लोग आज भी घर की चौखट पर बैठकर भोजन करते हैं, जो धार्मिक दृष्टि से अनुचित माना जाता है। चौखट को पवित्र स्थान माना जाता है, जहां देवी-देवताओं का वास होता है। यहां बैठकर खाना अशुभ माना जाता है, जिससे नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश कर सकती है। हमेशा घर के भीतर एक शांत और स्वच्छ स्थान पर बैठकर भोजन करें।


दिशा का सही चयन

भोजन करते समय उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठना शुभ माना जाता है। यह न केवल वास्तु के अनुसार सही है, बल्कि शरीर में ऊर्जा का संतुलन भी बनाए रखता है। दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके भोजन करने से पितृ दोष और मानसिक तनाव बढ़ सकता है।


बिस्तर पर या चलते-फिरते न खाएं

बिस्तर पर बैठकर या चलते-फिरते खाना खाने से शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे न तो पाचन सही होता है और न ही मन भोजन पर केंद्रित होता है। जमीन पर पालथी मारकर खाना आयुर्वेद में सबसे उत्तम स्थिति मानी गई है, जिससे पाचन शक्ति बेहतर होती है।


आधा भोजन, आधा ध्यान

आजकल लोग मोबाइल या टीवी देखते हुए खाना खाते हैं, जो शरीर और मन दोनों के लिए हानिकारक है। भोजन के समय ध्यान केवल भोजन पर होना चाहिए। यंत्रों से दूर रहना और भोजन को प्रसाद की तरह सम्मान देना मां अन्नपूर्णा की कृपा पाने का एक सरल उपाय है।


थाली का करें सम्मान

भोजन से पहले भगवान को भोग लगाना, थाली में अन्न का अपमान न करना और जूठा खाना प्लेट में न छोड़ना, ये छोटे लेकिन महत्वपूर्ण नियम हैं। इनसे न केवल आशीर्वाद मिलता है, बल्कि अन्न की बरकत भी बनी रहती है।


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