इंटरनेट डेस्क। आप भी अगर आधार कार्ड और पैन कार्ड के भरोसे देश में नागरिकता साबित करने के चक्करम में हैं तो फिर आपको सावधान हो जाना चाहिए। हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट ने ठाणे के एक कथित बांग्लादेशी शख्स को जमानत देने से इनकार कर दिया। उसके पास आधार, पैन और वोटर आईडी मौजूद थे, लेकिन अदालत ने इन्हें नागरिकता का प्रमाण मानने से साफ मना कर दिया। ऐसे में अब सवाल यह खड़ा होता हैं कि आखिर कौन से दस्तावेज सच में नागरिकता साबित करते हैं।
पैन-आधार और वोटर आईडी से नहीं चलेगा काम
आमतौर पर लोग आधार, पैन और वोटर आईडी को सबसे भरोसेमंद मानते हैं, लेकिन कानूनी नजरिए से इनकी सीमाएं हैं। ऐसे में यह समझना जरूरी है कि नागरिकता के असली प्रमाण कौन से होते हैं।
सुप्रीम कोर्ट भी पहले स्पष्ट कर चुका है कि आधार का उद्देश्य पहचान सुनिश्चित करना है। नागरिकता प्रमाणित करना नहीं। पैन टैक्स के लिए और वोटर आईडी मतदान के लिए होती है, लेकिन कानूनी रूप से नागरिकता साबित नहीं करती।
pc- thelivenagpur.com
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