इंटरनेट डेस्क। देशभर में शारदीय नवरात्रि का पर्व जोर शोर से मनाया जा रहा है। मां दुर्गा की आराधना का यह विशेष त्योहार 2 अक्तूबर, यानी विजयादशमी पर समाप्त होगा। शास्त्रों के अनुसार यह समय देवी की उपासना के लिए अत्यंत शुभ है। इसके अलावा घरों में अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन का विधान है। इस दिन कन्याओं को देवी का रूप मानकर उनका पूजन करते हुए भोजन कराया जाता है। ऐसे में इस बार अष्टमी और नवमी तिथि कब है, यह सवाल मन में बना हुआ है। तो जान लेते है।
कब है अष्टमी और नवमी ?
इस बार अष्टमी तिथि की शुरुआत 29 सितंबर को शाम 4 बजकर 31 मिनट पर होगी। तिथि का समापन 30 सितंबर को शाम 6 बजकर 6 मिनट पर होगा। उदया तिथि को मान्यता देते हुए, दुर्गा अष्टमी 30 सितंबर को मान्य होगी। इसके बाद नवमी तिथि का आरंभ होगा और यह 1 अक्तूबर को शाम में 7 बजकर 2 मिनट तक रहेगी। ऐसे में नवमी 1 अक्तूबर 2025 को मनाई जाएगी।
अष्टमी पर कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त
पंचांग के मुताबिक अष्टमी के दिन कन्या पूजन के लिए पहला शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजे से 6 बजकर 12 मिनट तक रहेगा। इसके बाद दूसरा मुहूर्त सुबह 10 बजकर 40 मिनट से 12 बजकर 10 मिनट तक है। पंचांग के अनुसार नवमी तिथि पर कन्या पूजन सुबह 4 बजकर 53 मिनट से 5 बजकर 41 मिनट तक कर सकते हैं। इसके अलावा सुबह 8 बजकर 6 मिनट से 9 बजकर 50 मिनट के बीच आप कन्या भोज कर सकते हैं। हालांकि, इस तिथि पर शाम 7 बजकर 2 मिनट तक नवमी मान्य है, तो आप अन्य समय में भी कन्या पूजन कर सकते हैं।
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