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घुम्मकड़ों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं काजीरंगा राष्ट्रीय पार्क, मिलेगा अनोखा अनुभव

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 काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान असम के कई जिलों में फैला हुआ है। यह राष्ट्रीय उद्यान असम में सबसे पुराना है, जो 430 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। इस पार्क में एक सींग वाला गैंडा रहता है। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान इस वन्य जीवन के लिए विश्व प्रसिद्ध है। 1985 में यूनेस्को ने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान को विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया। इसके लिए देश-विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान घूमने आते हैं। अगर आप भी काजीरंगा नेशनल पार्क घूमने का प्लान बना रहे हैं तो ये जरूरी बातें जरूर जान लें। चलो पता करते हैं-

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना वर्ष 1905 में एक आरक्षित वन के रूप में की गई थी। इसके बाद वर्ष 1974 में इस वन को राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया। वहीं, साल 1985 में यूनेस्को ने काजीरंगा नेशनल पार्क को वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल किया था। इसके बाद वर्ष 2007 में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व घोषित किया गया।

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान को बिग फाइव भी कहा जाता है। इस राष्ट्रीय उद्यान में बंगाल टाइगर, एक सींग वाले गैंडे, जंगली जानवर और जंगली भैंसे रहते हैं। इसी वजह से इस पार्क को बिग फाइव भी कहा जाता है।

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान पक्षियों की 478 प्रजातियों का घर है। इनमें से 25 प्रजातियां विश्व स्तर पर विलुप्त हैं। वहीं, 21 प्रजातियां विलुप्त होने के बेहद करीब हैं। जबकि, काजीरंगा लुप्तप्राय बंगाल फ्लोरिकन का अंतिम घर है।

काजीरं में आप जीप और हाथी सफारी का मजा ले सकते हैं। पार्क को चार जोन में बांटा गया है। आप जंगल सफारी करके वन्य जीवन और खूबसूरत पक्षियों को देख सकते हैं।

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