श्रीनगर, 1 नवंबर (Udaipur Kiran) . उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने Saturday को कहा कि हमें मौजूदा ताकत, बेहतर बुनियादी ढांचे का लाभ उठाना चाहिए, जम्मू-कश्मीर के औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र और राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों के बीच मजबूत संबंध बनाने चाहिए और एमएसएमई और स्टार्टअप्स के लिए वित्त पोषण की कमी को पूरा करना चाहिए. वह श्रीनगर में पहली बार आयोजित ‘आत्मनिर्भर भारत (एसआरआई) निधि आउटरीच’ कार्यक्रम में बोल रहे थे. उपराज्यपाल ने केंद्रीय एमएसएमई मंत्रालय, एनएसआईसी वेंचर कैपिटल फंड लिमिटेड (एनवीसीएफएल), जम्मू-कश्मीर उद्यमिता विकास संस्थान (जेकेईडीआई) और जम्मू-कश्मीर उद्योग एवं वाणिज्य विभाग को जम्मू-कश्मीर के स्टार्ट-अप और एमएसएमई उद्यमियों को वीसी फर्मों और संस्थागत निवेशकों से जोड़ने की इस ऐतिहासिक पहल के लिए बधाई दी.
उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम एसआरआई फंड के बारे में जागरूकता पैदा करेगा और उद्यमियों को एमएसएमई के लिए वित्त पोषण की कमी को पूरा करने में इसकी सक्रिय भूमिका के बारे में सूचित करेगा. एसआरआई फंड का मुख्य उद्देश्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई)/स्टार्टअप्स के लिए इक्विटी पूंजी तक पहुँच बढ़ाना और उभरते क्षेत्रों तक उद्यम पूंजी की पहुँच का विस्तार करना है. आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत शुरू किया गया एसआरआई फंड, 50,000 करोड़ रुपये की फंड ऑफ फंड्स योजना है जिसे मदर फंड-डॉटर फंड संरचना के माध्यम से विकासोन्मुखी एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है. यह कार्यक्रम जम्मू-कश्मीर स्थित उद्यमों को उद्यम पूंजी तंत्र से परिचित कराएगा और व्यावसायिक विकास एवं विस्तार के लिए इक्विटी-आधारित वित्तपोषण विकल्पों को बढ़ावा देगा.
उपराज्यपाल ने कहा कि उद्यमी, निवेशक और नीति-निर्माता आज यहां एक स्थान पर एकत्रित हुए हैं और मुझे विश्वास है कि स्टार्टअप्स और सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के लिए एक नए युग की शुरुआत हुई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ जिन सुधारों को नई गति दे रहे हैं, उनका सीधा लाभ जम्मू-कश्मीर के निवेशकों को मिलेगा.
उपराज्यपाल ने वेंचर कैपिटलिस्ट (वीसी) और निवेशकों से व्यक्तिगत उद्यमियों की क्षमताओं, जम्मू-कश्मीर की क्षमता और व्यावसायिक उद्यम का पूरी संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ आकलन करने को कहा. उपराज्यपाल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से निवेशकों से कहा कि जम्मू-कश्मीर का औद्योगिक विकास, स्टार्टअप्स और एमएसएमई का कायाकल्प केवल एक व्यावसायिक गतिविधि नहीं है. यह राष्ट्र के प्रति आपका कर्तव्य है. जम्मू-कश्मीर के एमएसएमई और स्टार्टअप्स का तीव्र विकास निवेशकों की सामूहिक जिम्मेदारी है.
उन्होंने जम्मू-कश्मीर के युवा और उभरते उद्यमियों को बेहतर संसाधन और अवसर प्रदान करने का भी आह्वान किया. इस अवसर पर मर्सी एपाओ संयुक्त सचिव एमएसएमई मंत्रालय भारत सरकार; विक्रमजीत सिंह आयुक्त सचिव उद्योग एवं वाणिज्य विभाग जम्मू-कश्मीर, डॉ. सुभ्रांशु शेखर आचार्य अध्यक्ष एनवीसीएफएल, अक्षय लाबरू उपायुक्त श्रीनगर, खालिद जहाँगीर निदेशक जेकेईडीआई, मुसरत जिया निदेशक हस्तशिल्प एवं हथकरघा कश्मीर, वरिष्ठ अधिकारी, एनएसआईसी वेंचर कैपिटल फंड लिमिटेड के सदस्य, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग, जेकेईडीआई के अधिकारी, व्यापारिक नेता, वेंचर कैपिटलिस्ट, निवेशक, एमएसएमई के प्रतिनिधि और उद्यमी उपस्थित थे.
(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह
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