हल्द्वानी, 8 नवंबर (Udaipur Kiran) . Uttarakhand सरकार की मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि Uttarakhand राज्य की स्थापना में मातृशक्ति ने निर्णायक योगदान दिया था और आज राज्य की प्रगति यात्रा में भी महिलाओं की भूमिका अग्रणी है. अब हमारा अगला लक्ष्य 2047 के विकसित भारत के निर्माण में अपनी पूरी सामर्थ्य और समर्पण से योगदान देना है.
मंत्री आर्या Saturday को राज्य स्थापना की रजत जयंती के अवसर पर गौलापार स्थित मानसखंड खेल परिसर में आयोजित मातृ शक्ति उत्सव:-अमृत काल की नारी शक्ति: जननी भी,जननेता भी कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं. यह कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से आयोजित किया गया था. इस मौके पर कार्यक्रम स्थल पर राज्य स्थापना से लेकर अब तक महिलाओं के संघर्ष, उपलब्धियों और योगदान को सजीव रूप में प्रदर्शित किया गया. इसके अलावा मंचीय प्रस्तुतियों में Uttarakhand आंदोलन के दौर की झलक से लेकर आज के विकासशील Uttarakhand की कहानी में नारी शक्ति की भूमिका को विशेष रूप से रेखांकित किया गया.
इस अवसर पर रेखा आर्या ने यह भी कहा कि Uttarakhand की महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा और परिश्रम के दम पर राज्य का मान बढ़ा रही हैं. उन्होंने मातृशक्ति से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए आगे आने का आह्वान किया. कार्यक्रम में राज्यमंत्री शांति मेहरा, जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के निदेशक बीएल राणा, दुग्ध संघ लालकुआं अध्यक्ष मुकेश बोरा, ब्लॉक प्रमुख भीमताल हरीश बिष्ट, ब्लॉक प्रमुख ओखलकांडा केडी रुपाली, पूर्व ब्लॉक प्रमुख शांति भट्ट, राशन डीलर्स यूनियन प्रदेश अध्यक्ष रेवाधर बृजवासी, विभागीय उपनिदेशक विक्रम सिंह, मोहित चौधरी एवं नीतू फुलेरा सहित कई जनप्रतिनिधि व अधिकारी मौजूद रहे.
दिखा संस्कृति और विकास का संगम
कार्यक्रम में Uttarakhand की संस्कृति और साथ ही महिलाओं की विकास यात्रा का संगम देखने को मिला. इसमें न सिर्फ Uttarakhand में परंपरागत रूप से खेती किसानी करने वाली महिलाओं को दर्शाया गया, साथ ही इंजीनियर, डॉक्टर, एयर होस्टेस, खिलाड़ी के रूप में भी प्रतिभागियों ने रैंप वॉक किया. इस प्रस्तुति को दर्शकों की सबसे ज्यादा सराहना मिली.
विशेषज्ञ महिलाओं ने परिचर्चा में किया मंथन
आयोजन में स्वास्थ्य, शिक्षक,सामाजिक कार्य,न्यायपालिका और सोशल मीडिया जैसे अन्य क्षेत्रों में काम कर चुकी महिला विशेषज्ञों की खुले मंच पर परिचर्चा भी आयोजित की गई. इसमें उन सभी ने Uttarakhand में महिलाओं की विकास यात्रा और भविष्य में उसके समक्ष खडी चुनौतियों पर मंथन किया इससे एक विजन तैयार हुआ कि भविष्य में महिलाओं के लिए प्रदेश में किस तरह के प्रयास किए जाने की जरूरत है.
नृत्य नाटिका ने बटोरी तालियां
कार्यक्रम के दौरान एक नृत्य नाटिका के जरिए मातृ शक्ति के संघर्ष, परिश्रम और साहस को बहुत सुंदर तरीके से चित्रित किया गया .इसमें गौरा देवी के चिपको आंदोलन, राज्य निर्माण आंदोलन में महिलाओं की भूमिका, कमला देवी जैसे कलाकार और एकता बिष्ट जैसी क्रिकेटर, इन सभी का सफर दर्शाया गया. इस प्रस्तुति को दर्शकों ने काफी पसंद किया.
(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार
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